छत्रपति शिवाजी के बारे में कुछ जानकारियां (Some information about Chhatrapati Shivaji)
इस आर्टिकल में छत्रपति शिवाजी के बारे में कुछ महत्वपूर्ण तथ्य के बारे में जानेंगे। शिवाजी भोसले (1630-1680 ई.) भारत के एक महान राजा एवं रणनीतिकार थे जिन्होंने 1674 ई. में पश्चिम भारत में मराठा साम्राज्य की नींव रखी। छत्रपति शिवाजी से सम्बंधित प्रश्न प्राय: प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे- UPSC,STATE PCS,RRB,NTPC,SSC,RAILWAY,IBPS,BANKING PO,BANKING CLERK इत्यादि में पूछे जाते हैं।छत्रपति शिवाजी के बारे में जानने के लिए इस आर्टिकल को पूरा जरुर पढ़ें।

Chhatrapati Shivaji Maharaj information in Hindi
छत्रपति शिवाजी भोसले (1627-1680)
- शिवाजी का जन्म 19 फरवरी 1630 में शिवनेरी दुर्ग में हुआ था।
- बचपन से ही वे उस युग के वातावरण और घटनाओं को भली प्रकार समझने लगे थे।
- शिवाजी ने 1674 ई. में पश्चिम भारत में मराठा साम्राज्य की नींव रखी।
- शिवाजी शाहजी भोंसले और जीजा बाई के पुत्र शिवाजी ने एक हिन्दू स्वतंत्र राज्य की स्थापना करके 'हिन्दू धर्मोद्धारक और गैर-ब्राह्मण प्रतिपालक' उपाधि धारण की।
- शिवाजी के सरंक्षक और शिक्षक कोंणदेव थे।
- शिवाजी ने कई वर्ष औरंगज़ेब के मुगल साम्राज्य से संघर्ष किया।
- शिवाजी के गुरु समर्थ रामदास थे।
- शिवाजी ने 1656 में रायगढ़ को मराठा राज्य की राजधानी बनाया।
- शिवाजी ने अपने राज्य के विस्तार का आरंभ 1643 ई. में बीजापुर के सिंहगढ़ किले को जीतकर कर किया। तत्पश्चात 1646 ई. में तोरण के किले पर भी शिवाजी का अधिपत्य स्थापित हो गया।
- छत्रपति शिवाजी ने समर-विद्या में अनेक नवाचार किए तथा छापामार युद्ध (guerilla warfare) की नयी शैली (शिवसूत्र) विकसित की।
- शिवाजी की विस्तारवादी नीति से बीजापुर का शासक चकित हो गया, उसने शिवाजी की शक्ति को दबाने के लिए सरदार अफजल खां को भेजा।
- शिवाजी ने 1659 ई. में अफजल खां को पराजित कर उसकी हत्या कर दी।
- शिवाजी की बढ़ती शक्ति से घबराकर औरंगजेब ने शाइस्ता खां को दक्षिण का गवर्नर नियुक्त किया। शिवाजी ने 1663 ई. में शाइस्ता खां को पराजित किया।
- औरंगजेब ने शाइस्ता खां के असफल होने पर शिवाजी की शक्ति का दमन करने के लिए आमेर के राजा जय सिंह को दक्षिण भेजा।
- जय सिंह के नेतृत्व में पुरन्दर के किले पर मुगलों की विजय तथा रायगढ़ की घेराबन्दी के बाद जून 1665 में मुगलों और शिवाजी के बीच पुरंदर की संधि हुई।
- 1670 ई. में शिवाजी ने मुगलों के विरुद्ध अभियान छेड़कर पुरंदर की संधि द्वारा खोए हुए किले को पुनः जीत लिया।
- 1670 ई. में ही शिवाजी ने सूरत को लूटा तथा मुगलों से चौथ की मांग की।
- 1674 ई. में शिवाजी ने रायगढ़ के किले में छत्रपति की उपाधि के साथ अपना राज्याभिषेक करवाया।
- अपने राज्याभिषेक के बाद शिवाजी का अंतिम महत्वपूर्ण अभियान कर्नाटक अभियान (1676 ई.) था।
- 12 अप्रैल, 1680 को शिवाजी की मृत्यु हो गयी।
- शिवाजी का प्रशासन शिवाजी को प्रशासन व्यवस्था अधिकांशतः दक्कन की सल्तनतों से ली गयी थी, जिसके शीर्ष पर छत्रपति होता था।
- शिवाजी ने अष्ठ प्रधान नामक मंत्रियों की एक परिषद की स्थापना की थी। ये मंत्री सचिव के रूप में प्रशासन का कार्य संभालते थे। अष्ठ प्रधान निम्नलिखित थे :
- पेशवाः यह अष्ठ प्रधान में सर्वोच्च पद था। यह राजा और राज्य का प्रधानमंत्री था।
- मजूमदार या अमात्यः यह राज्य की आय व्यय का लेखा-जोखा रखता था।
- वाकिया नवीसः यह सूचना, गुप्तचर एवं संधि विग्रह के विभागों का अध्यक्ष होता था।
- चितनीसः यह राजकीय पत्र व्यवहार का कार्य देखता था।
- दबीर या मुयन्तः यह विदेशी मामलों का प्रभारी था।
- सेनापति या सर-ए-नौबतः यह सेना की भर्ती संगठन रसद आदि के प्रबंधन कार्य संभालता था।
- पण्डित राव: यह विद्वानों एवं धार्मिक कार्यों के लिए दिए जाने वाले अनुदानों का दायित्व संभालता था।
- न्यायाधीशः यह मुख्य न्यायाधीश होता था।
- शिवाजी ने अपने राज्य को चार प्रांतों में विभक्त किया था, जो वायसराय के अधीन होते थे।
- प्रांतों को परगनों और तालुकों में विभाजित किया गया था।
- निधन - 3 अप्रैल 1680
- छत्रपति शिवाजी भोसले की वंशावली -
- मेवाड़ के राणा अजय सिंह
- राणा सुजान सिंह (सज्जन सिंह)
- दिलीप सिंह
- सिद्धोजी सिंह सिसोदिया
- बहिरोजी या भोसाजी सिंह सिसोदिया(भोसले वंश)
- देवरवजी भोसले
- उग्रसेन
- शुभ्राकृष्णा (सुभा कृष्णा)
- रूपसिंहजी
- भूमिन्द्रजी
- धापाजी
- बाराहतजी
- खेलोजी
- पारसोजी
- बाबाजी
- मालोजी भोंसले
- शाहजी
- शिवाजी
- संभाजी
- राजाराम
आज के इस आर्टिकल में छत्रपति शिवाजी के बारे में कुछ महत्वपूर्ण तथ्यों के बारे में जाना जो अक्सर प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे जाते हैं ।
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