सकल घरेलु उत्पाद क्या है (what is GDP in Hindi)
हेलो दोस्तों ,इस पोस्ट में सकल घरेलु उत्पाद(GDP) के बारे में जानने वाले हैं अक्सर समाचार पत्रों या न्यूज़ में हम देखते, सुनते हैं कि भारत की जीडीपी बढ़ रही है या घट रही है । तो ये जीडीपी आखिर है क्या । इस पोस्ट में इसी प्रश्न का उत्तर देने का प्रयास किया गया है । अपने देश की अर्थव्यवस्था के बारे में जानना सभी व्यक्तियों का अधिकार और कर्तव्य भी है। विभिन्न परीक्षाओं को मद्देनजर यह एक महत्वपूर्ण विषय है।
सकल घरेलू उत्पाद (GDP) क्या है
किसी भी देश की आर्थिक अर्थव्यवस्था को मापने का एक माध्यम GDP है जिसे हिंदी में सकल घरेलु उत्पाद कहा जाता है। "एक वर्ष में राष्ट्र की सीमा के अंदर अंतिम उत्पाद और सेवाओं के बाजार मूल्य को GDP कहा जाता है।" कोई देश आर्थिक रूप से कितना मजबूत होता यह उस देश की GDP से पता चलता है। देश की वृद्धि दर को मापने के लिए अर्थव्यवस्था की वास्तविक स्थिति जानने के लिए एक आधार वर्ष माना जाता है वर्तमान में भारत में 2011-2012 को आधार वर्ष माना जाता है।
सकल घरेलू उत्पाद (GDP) मापने का सूत्र
सकल घरेलु उत्पाद (GDP) मापने का एक निश्चित तरीका होता है जिसे अर्थव्यवस्था के विशेषझों द्वारा एक मानक तरीका दिया गया है जिसे आप सूत्र के रूप में देख सकते हैं।
GDP (सकल घरेलू उत्पाद) = उपभोग + सकल निवेश + सरकारी खर्च + (निर्यात - आयात)
GDP = C + I + G + (X − M)
उपभोग (Consumption):- इसमें अधिकांश व्यक्तिगत घरेलू व्यय जैसे भोजन, किराया, चिकित्सा व्यय और इस तरह के अन्य व्यय शामिल हैं, जो अर्थव्यवस्था में निजी उपभोग के अंतर्गत आते हैं।
सकल निवेश (Investment):- निवेश को व्यवसाय या घर के द्वारा पूंजी के रूप में लगाये जाने वाले निवेश के रूप में परिभाषित किया जाता है। एक व्यवसाय के द्वारा निवेश के उदाहरणों में शामिल हैं एक नयी खान का निर्माण कार्य, एक सॉफ्टवेयर को खरीदना, या एक फैक्ट्री के लिए एक मशीनरी या उपकरण खरीदना.
सरकारी खर्च:- इसमें सरकारी कर्मचारियों का वेतन, सेना के लिए हथियारों की खरीद और सरकार के द्वारा निवेश व्यय शामिल है। अस्पताल, स्कूल, या अन्य सेवाओं में खर्च इसके अंतर्गत आता है।
निर्यात (Export):- हमारे देश में निर्मित या उत्पादित किसी भी उत्पाद को जब विदेशो में आर्थिक आय के लिए भेजा जाता है तो उसे उस वस्तु का निर्यात कहा जाता है। इसे X से प्रदर्शित किया जाता है
आयात(Import):- जब देश में किसी आवश्यक वस्तु का उत्पादन नहीं होता है या आवश्यकता से कम होता है तो उस वस्तु की पूर्ति के लिए विदेशों से जो वस्तु लायी जाती है उसे उस वस्तु आयात कहते हैं इसे M से प्रदर्शित किया जाता है।
GDP का फुल फॉर्म
GDP के प्रकार (Types of GDP)
प्रमुख रूप से GDP दो प्रकार की होती है जो निम्नलिखित है
- वास्तविक GDP
- अवास्तविक GDP
वास्तविक GDP:-
इसमें में देश की GDP निकलने के लिए एक आधार वर्ष लिया जाता है इसमें वस्तु और सेवा के मूल्य को स्थिर माना जाता है भारत में राष्ट्रीय आय का पहला अनुमान केंद्रीय सांख्यिकी संगठन (CSO) द्वारा वर्ष 1956 में लाया गया था, इसमें 1948-49 को आधार वर्ष माना गया था। वर्तमान में आधार वर्ष 2011 -12 को माना जाता है।
अवास्तविक GDP:-
अवास्तविक GDP में वर्तमान बाजार मूल्य को आधार माना जाता है इसे देश की सही आर्थिक स्थिति का पता नहीं लगाया जा सकता है ।.
GDP का इतिहास
GDP शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम अमेरिकी अर्थशास्त्री साइमन ने 1935-44 में किया था। सन 1937 में अमेरिका के एक अर्थशास्त्री साइमन कुज़्नेत्स ने अमेरिका की कांग्रेस में एक बिल प्रस्तुत किया, उस बिल का नाम नेशनल इनकम 1929 TO 1935 था। साइमन कुज़्नेत्स ने यह प्रस्ताव दिया था कि अमेरिका की अर्थव्यस्था को मापने के लिए उसमे जितने भी लोग या घटक काम कर रहे हैं, चाहे वो सरकारी कर्मचारी हो या एक किसान या बहु राष्ट्रीय कंपनी हो, या देश में काम करने वाली देशी कम्पनीयां हो उन सबके द्वारा उत्पादित उत्पाद या सेवा का बाजार मूल्य की गणना की जाये। यह सभी अर्थशास्त्रियों के लिए एक अलग ही नजरिया था। यह धीरे धीरे में पुरे विश्व क्व देशों में अपनाया जाने लगा। पूरी दुनिया ने 1950 तक इस प्रणाली को अपना लिया था। भारत में 1950 से इस पध्दति पर अमल किया गया।
आशा करता हूँ कि सकल घरेलु उत्पाद(GDP) का यह पोस्ट आपके लिए उपयोगी साबित होगा, अगर आपको यह पोस्ट अच्छा लगा हो तो इस पोस्ट को शेयर अवश्य करें ।
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