भारत के तटीय मैदान व द्वीप समूह (Coastal Plains and Islands of India)
भारत के तटीय मैदान को जानने से पहले जानते हैं की तटीय मैदान क्या होता हैं?
तटीय मैदान:- भारत के प्रायद्वीपीय पठार के पूर्व एवं पश्चिम में स्थित दो संकरे मैदान हैं जिन्हें क्रमश: पूर्वी तटीय मैदान एवं पश्चिमी तटीय मैदान कहा जाता है। तटीय मैदान का निर्माण सागरीय तरंगों द्वारा अपरदन एवं निक्षेपण तथा प्रायद्वीपीय पठार की नदियों द्वारा लाये गए अवसादों के जमाव के कारण हुई है. इसे तटीय मैदान कहा जाता हैं।
पश्चिमी तटीय मैदान यह प्रायद्वीप के पश्चिम में खम्भात की खाडी से लेकर कुमारी अन्तरीप तक अरब सागर और पश्चिमी घाटों के मध्य तक विस्तृत है। भारत के तटीय मैदान की लंबाई 1500 किलोमीटर तथा भारत के तटीय मैदान की चौड़ाई 64 किलोमीटर है।
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भारत के तटीय मैदान के कितने उप-विभाग हैं?
1. कच्छ प्रायद्वीपीय मैदान : प्रायद्वीप के मध्य में, गिरनार श्रेणी, गर्मी में मिलना, वर्षा में अलग। कच्छा एवं सौराष्ट्र के पूर्व की ओर, गुजरात का भीतरी भाग एवं खम्भात की खाड़ी का तटवर्ती क्षेत्र, माही, साबरमति, नर्मदा, आदि कच्छ प्रायद्वीपीय मैदान में शामिल हैं।
2. गुजरात का मैदान : कच्छ एवं सौराष्ट्र के पूर्व, इसमें बनास, माही, साबरमती, नर्मदा, ताप्ती नदी बहती है। कच्छ का रण समुद्र से कुछ ही ऊंचा है। रण में कई द्वीप हैं जिनमें बैसाद्वपी, खादिक द्वीप एवं पच्छम द्वीप काफी बड़े हैं। गुजरात मैदान दमन से अरावली के उत्तर तक है। यह गुजरात का मैदान हैं.
3. कोंकण का मैदान : दमन से गोआ तक विस्तृत 500 किलोमीटर लंबा तटीय मैदान जिससे होकर डल्हास एवं वैरणी नदी बहती है। यह तटीय मैदान अधिक कटा-फटा है। किन्तु तट के समीप सामुद्रिक लहरों द्वारा बालू का स्तूप एकत्रित कर दिया गया है. बंबई के दक्षिण में स्थित कोंकण मैदान में नीची पहाड़ियां फैली है।
4. मालाबार का तटीय मैदान : गोआ से मंगलौर तक विस्तृत 225 किलोमीटर लंबा तटीय मैदान जिसका उत्तरी भाग संकरा किन्तु दक्षिण भाग चौड़ा है।
5. केरल का तटीय मैदान : मंगलौर से कुमारी अन्तरिप तक विस्तृत यह मैदान काफी चौड़ा है। इसमें लम्बे और संकरे अनुप (बैगन) या कायल पाए जाते है जो नदियों के मुहाने पर बालू जम जाने से बने हैं। कोचीन बन्दरगाह ऐसे ही लैगून पर स्थित हैं. पूर्वी तटीय मैदान यह पश्चिमी तटीय मैदान की अपेक्षा अधिक चौड़ी है जिसकी औसत चौड़ाई 161 से 483 कि.मी. है।
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गंगा के मुहाने से कुमारी अन्तरीप तक विस्तृत इसका ऊपरी भाग नदियों के ऊपरी मार्ग में है एवं निचला भाग इस काप मिट्टी का है जिसे महानदी, गोदावरी, कृष्णा, कावेरी नदियों द्वारा ऊपरी पठार से लाकर एवं बिछाकर बनायी गयी हैं। उत्तरी भाग को उत्तरी सरकार या गोलकुण्डा और दक्षिणी भाग को कर्नाटक या कोरोमण्डल तट कहते हैं।
केरल का तटीय मैदान को 3 भाग में बांटते हैं:-
- 1. उत्कल का मैदान : उड़ीसा तट के सहारे 400 कि.मी. लम्बाई में विस्तृत तटीय मैदान है।
- 2. आंध्र का मैदान : आन्ध्र प्रदेश में पुलीकट झील तक विस्तृत तटीय मैदान जंहा गोदावरी एवं कृष्णा नदी डेल्टा का विस्तार हैं।
- 3. तमिलनाडु का मैदान : पुलीकट से कुमारी अन्तरीप तक विस्तृत 675 किलोमीटर लम्बी तथा 100 किलोमीटर चौड़ी तटीय मैदान।
अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह:-
- अंडमान निकोबार द्वीप समूह 6° से 14° उत्तरी अक्षांश तथा 92° से 94° पूर्वी देशान्तर में स्थित है।
- अंडमान निकोबार म्यांमार के नेगरिस अंतरीप से 193 किमी. कोलकाता से 1255 किमी. और चेन्नई से 1190 किमी. दूर है।
- अंडमान निकोबार 10° चैनल द्वारा विभाजित है। यह करीब 150 किमी. चौड़ा है।
- यहां कुल मिलाकर 554 द्वीप है जिसमें छोटे बड़े चट्टानी द्वीप भी सम्मिलित हैं। किन्तु वास्तविक द्वीप केवल 298 हैं।
- अधिकांश द्वीप बहुत छोटे हैं और केवल बीस द्वीप ऐसे हैं, जिनका क्षेत्रफल बीस बर्ग किलोमीटर से अधिक है। 554 में से पांच सौ द्वीप कुल द्वीपों के 8293 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में से केवल सात प्रतिशत क्षेत्रफल में फैले हैं। पूरे द्वीप समूह अंडमान तथा निकोबार के दो जिलों में विभक्त हैं जिन्हें 160 मील का खुला समुद्र पृथक करता है। इसमें 10 अंश का ख़तरनाक जलान्तराल (चैनेल) भी सम्मिलित है। अंडमान तथा निकोबार द्वीप का क्षेत्रफल क्रमश : 6340 वर्ग किलोमीटर तथा 1953 वर्ग किलोमीटर है।
अंडमान द्वीपसमूह(Andaman Islands):-
- अंडमान द्वीपसमूह 251 किमी. लंबाई में विस्तृत पांच मुख्य द्वीपों के समूह को ग्रेट अंडमान के नाम से जाना जाता है। अंडमान द्वीपसमूह के पांच द्वीप है : उत्तरी अंडमान, मध्य अंडमान, दक्षिण अंडमान, बारातांग तथा रूटलैंड द्वीप।
- उत्तरी अंडमान, मध्य अंडमान तथा दक्षिणी अंडमान के महत्वपूर्ण द्वीपों को मिलाकर बृहद अंडमान बना है।
- बृहद अंडमान के अन्य द्वीप हैं नारकोन्डम, ईस्ट, स्मिथ, स्टिवार्ड, बाराटांग, वाइपर, जौन लौरेंस, हेनरी लौरेंस, सिंक ब्रदर्स, सिस्टर्स, रेडस्किन इत्यादि।
- बृहद अंडमान के अधिकांश द्वीप ऊंचे, नीचे हैं जिसमें सबसे ऊंची पहाड़ी सैडल पीक 722 मीटर ऊंची व माउंट फोर्ड 432 मीटर ऊंची है। चूंकि द्वीप छोटे-छोटे हैं इसलिए इनमें काई बडी नदी नहीं है केवल उत्तरी अंडमन में एक छोटी-सी नदी कलपांग है, जो सैडल पीक से निकलती हैं
निकोबार द्वीपसमूह(Nicobar Islands):-
निकोबार द्वीप समूह में विभिन्न आकार के 22 द्वीप हैं. जिसमें सबसे बड़ा ग्रेट निकोबार है। इस श्रृंखला का धोत्रफल 1841 किमी. है। इसका उच्चतम बिन्दु 'माउंट थुलिकार' है। यह 642 मी. ऊंचा है। इसकी जनसंख्या 42026 है। इसमें लगभग 65% यहाँ के मूल निवासी है। 35% प्रवासी भारतीप एवं श्रीलंका है।
इस द्वीप को तीन समूह में विभक्त किया गया है:-
- उत्तरी ग्रुप में कार निकोबार एवं 'निर्जन वट्टी माल्व द्वीप' सम्मिलित है।
- मध्य समूह चोबरा, टरेसा, पोआहट, कटचल, कमरोटा, नैनकोवरी और ट्रिकेट. दइस्ले आफ नैन बार तिलंगचोंग निर्जन है। तिलंग चोंग वन्य जीव अभयारण्य बनाया गया है।
- दक्षिणी समूह ग्रेट निकोबार, लिटिल निकोबार, कोण्डुल और पूलोमिलोंमेरोई. टेंक, ट्रेइस, मेंचल, कुब्रा, पिगन और मेगापोड निर्जन है। मेगापोड एक वन्य-जीव अभयारण्य है।
निकोबार द्वीप श्रृंखला में अन्य महत्वपूर्ण द्वीप हैं, कार निकोबार, चौरा, टेरेसा. बम्पूका, कचाल, कमोरटा, नानकोरी, ट्रिन्केट, कन्ऊल पुलोमिलो, ग्रेट निकोबार, तिलंगचोंग, आदि। कारनिकोबार, चौरा तथा अन्य कुछ द्वीप बिल्कुल समतल हैं किन्तु ग्रेट निकोबार में ऊंची पहाड़ियां व गहरे नाले हैं। सबसे ऊची पहाड़ी माउंट थूलियर है, जो 642 मीटर ऊंची है। गलतिया यहां की सबसे बड़ी नदी है। दूसरी बड़ी नदी है एलेक्जैन्ड्रिया। .
दोस्तों भारत के तटीय मैदान व द्वीप समूह यह भारत का भुगोल के विषय के अंतर्गत पूछा जाता हैं. भारत के तटीय मैदान व द्वीप समूह एक विशेष टॉपिक है. यदि आपको भारत के तटीय मैदान व द्वीप समूह आर्टिकल पसंद आया हो और आपको थोड़ी बहुत मदद मिली हो तो इस आर्टिकल को शेयर जरूर करें.
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