Kabir ke dohe : संत कबीर दास जी के 100 प्रसिद्ध दोहे
कबीर के दोहे (Kabir ke dohe in Hindi)
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Top 10 Kabir ke Dohe in Hindi कबीर के बेहतरीन दोहे
जो सुख में सुमिरन करे, दुख काहे को होय
प्रश्न: वैशेषिक दर्शन के प्रणेता कहे जाते है।
उत्तर:- कणाद
प्रश्न: कपिल मुनि द्वारा प्रतिपादित दार्शनिक प्रणाली है-
उत्तर:- सांख्य दर्शन
प्रश्न: पतंजलि का संम्बन्ध है -
उत्तर:- योग दर्शन से
प्रश्न: रामानुजाचार्य किससे संम्बन्धित है?
उत्तर:- विशिष्टाद्वैत
प्रश्न: महर्षि गौतम का संम्बन्ध किस दर्शन से है ?
उत्तर:- न्याय दर्शन से
प्रश्न: भारत का प्राचीनतम दर्शन है
उत्तर:- सांख्य
प्रश्न: अष्टांगिक मार्ग किस धर्म से संम्बन्धित है ?
उत्तर:- बौद्ध दर्शन
प्रश्न: कर्म का सिद्धांत संबंधित है –
उत्तर:- मीमांसा से
जानें- बाल विकास से सम्बंधित महत्वपूर्ण प्रश्न
प्रश्न: द्वैतवाद सिद्धांत के प्रतिपादक हैं
उत्तर:- माधवाचार्य
प्रश्न: द्वैताद्वैत सिद्धांत के प्रवर्तक हैं-
उत्तर:- निम्बकाचार्य
प्रश्न: भक्ति को दार्शनिक आधार प्रदान करने वाले प्रथम आचार्य कौन थे?
उत्तर:- रामानुज
प्रश्न: महर्षि कपिल का नाम दर्शन की किस विधि से जुड़ा हुआ है?
उत्तर:- सांख्य दर्शन
प्रश्न: लोकायत दर्शन का प्रतिपादक कौन हैं?
उत्तर:- चार्वाक
प्रश्न: शून्यवाद के प्रतिपादक कौन माने जाते हैं
उत्तर:- नागार्जुन
प्रश्न: अद्वैतवाद सिधांत के प्रतिपादक कौन हैं?
उत्तर:- शंकराचार्य
प्रश्न: निम्नलिखित में से कौन भारतीय दर्शन की अपेक्षा पाश्चात्य दर्शन से कहीं अधिक प्रभावित थे ?
उत्तर:- राजा राममोहन राय
प्रश्न: पुष्टि मार्ग के दर्शन की स्थापना किसने की थी?
उत्तर:- बल्लभाचार्य
प्रश्न: कर्म का सिद्धांत संबंधित है -
उत्तर:- मीमांसा से
प्रश्न: आजीवक सम्प्रदाय के संस्थापक कौन थे ?
उत्तर:- मक्खली गोपाल
प्रश्न: जब तक जीवित रहो सुखी रहो सुख से से जीवित रहो, चाहे इसके लिए ऋण ही लेना पड़े,क्यूंकि शरीर के भस्मीभूत हो जाने पर पुनरागमन नहीं हो सकता |पुनर्जन्म का निषेध करने वाली यह युक्ति किसकी है?
उत्तर:- चार्वाकों की
प्रश्न: आदिशंकर को बाद में शंकराचार्य बने,उनका जन्म हुआ था-
उत्तर:- केरल में
प्रश्न: भाग्य ही सब कुछ निर्धारित करता है, मनुष्य असमर्थ होता है ऐसा किसका मानना है
उत्तर:- आजीवकों का
प्रश्न: कौन सा दर्शन व्यक्तिवाद को बढ़ावा देता है
उत्तर:- जैन दर्शन
प्रश्न: जैन धर्म में शिक्षा का अंतिम लक्ष्य क्या है
उत्तर:- मानव कल्याण के स्वैच्छिक
प्रश्न: जैन धर्म का क्या मंत्र है
उत्तर:- सभी पाप कृत्य जीवन भर के लिए त्यागना
प्रश्न:निम्नलिखित मे से कौन-सा दर्शन भागवत धर्म का प्रमुख आधार है ?
उत्तर:- विशिष्टाद्वैत
philosophy multiple choice questions and answers in hindi | दर्शनशास्त्र के प्रश्न उत्तर | शिक्षा से संबंधित प्रश्न और उत्तर
इस लेख में हमने भारतीय दर्शन से सम्बंधित महत्वपूर्ण प्रश्नो के बारे में जाना । विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में भारतीय दर्शन से जुड़े सवाल पूछे जाते हैं ।
आशा करता हूँ कि भारतीय दर्शन का यह लेख आपके लिए उपयोगी साबित होगा , अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इस लेख को शेयर जरूर करें।
बौद्ध धर्म के संस्थापक महात्मा गौतम बुद्ध थे। शुद्धोधन इनके पिता (शाक्यगण के प्रधान) थे तथा महामाया (कोलियागण की राजकुमारी) माता थीं। 563 ई.पू. में लुम्बिनी(वर्तमान- नेपाल) में इनका जन्म हुआ था। इनके बचपन का नाम सिद्धार्थ था तथा कौडिन्य ने भविष्यवाणी की थी आगे चलकर यह बालक संन्यासी अथवा सम्राट बनेगा। 29 वर्ष की अवस्था में इन्होंने गृहत्याग (महाभिनिष्क्रमण) किया। आलार कालाम इनके प्रथम गुरू थे तथा द्वितीय गुरू रूद्रक रामपुत्त थे। गया के निरंजना नदी के तट पर वट वृक्ष के नीचे वैशाख पूर्णिमा के दिन इन्हें निर्वाण ज्ञान प्राप्त हुआ।
ज्ञान प्राप्ति के बाद सुजाता नामक स्त्री द्वारा लाया गया खीर खाये। बुद्ध ने प्रथम उपदेश ऋषिवन (सारनाथ) में दिया (धर्मचक्रप्रवर्तन ) । 483 ई.पू. में कुशीनगर में चंद के घर इनका महापरिनिर्वाण (मृत्यु) हुआ।
इन्होंने सर्वप्रथम उपदेश मृगदाव (सारनाथ) में उपालि, आनंद, अश्वजीत, मोगल्लना एवं श्रेयपुत्रा को दिया । " बुद्ध ने सर्वाधिक उपदेश श्रावस्ती में दिये । प्रथम महिला भिक्षु प्रजापति गौतमी थीं।
बौद्ध धर्म का परम लक्ष्य है- निर्वाण की प्राप्ति, जो कि इसी जन्म में प्राप्त किया जा सकता है। बौद्ध धर्म पर सांख्य दर्शन का प्रभाव है। कर्मवाद की मान्यता है तथा तर्क को प्रधानता प्राप्त है। बुद्ध आत्मा व ईश्वर के अस्तित्व पर विश्वास नहीं रखते थे। परंतु पुनर्जन्म में विश्वास था ।
हीनयान:- हीनयान अर्थात् छोटा वाहन । ये लोग बुद्ध के मौलिक सिद्धांतों पर विश्वास करने वाले रूढ़ीवादी थे। मूर्तिपूजा एवं भक्ति में विश्वास नहीं रखते थे। वे बुद्ध को केवल मार्गदर्शक स्वीकार करते थे ईश्वर नहीं।
महायान:- महायान अर्थात् बड़ा वाहन । ये लोग बुद्ध को ईश्वर मानते थे। ये मूर्तिपूजा एवं भक्ति में विश्वास रखते थे।इसमें बोधसत्व की अवधारणा है। महासंघिक सप्रदाय से प्रभावित इस मत की स्थापना प्रथम सदी में हुई।
आज के इस पोस्ट में हमने बौद्ध धर्म के बारे में विस्तार से जाना। बौद्ध धर्म के अनुयायी पुरे विश्व में पाए जाते हैं बौद्ध धर्म से संबंधित प्रश्न प्रतियोगी परीक्षा में पुछे जाते रहते हैं ।
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नमस्कार दोस्तों, आज के इस पोस्ट में हम 1857 की क्रांति या भारतीय विद्रोह की खास जानकारी के बारे में जानेंगे। 1857 की क्रांति को भारत का प्रथम स्वतंत्रता संग्राम भी कहते हैं। 1857 की क्रांति अंग्रेजी शासन को हटाने का भारतीयों का प्रथम संगठित प्रयास था। इस समय भारत का गवर्नर जनरल लार्ड कैनिंग एवं मुख्य सेनापति ऐनसन था। यह विद्रोह उपनिवेशवादी नीतियों एवं शोषण का परिणाम था। इस विद्रोह के कई कारण थे, जिनमें राजनीतिक, आर्थिक, प्रशासनिक, सैनिकसामाजिक एवं धार्मिक कारण सभी थे। विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे- upsc,state psc,rrb, ntpc, railway, banking po, banking clerk इत्यादि में 1857 की क्रांति से जुड़े प्रश्न पूछे जाते हैं।
इस विद्रोह का तात्कालिक कारण चर्बीयुक्त कारतूसों का प्रयोग था। 1857 का विद्रोह 29 मार्च 1857 को बैरकपुर (प.बंगाल) की छावनी से प्रारंभ हुआ तथा मई, 1857 में मेरठ के सैनिकों ने भी अंग्रेजी शासन के विरुद्ध विद्रोह का बिगुल बजा दिया। मेरठ छावनी के सैनिक मंगल पांडे ने नये कारतूसों के विरुद्ध आवाज उठायी तथा 8 अप्रैल, 1857 को उन्हें फाँसी दे दी गई मंगल पांडे 34 इन्फैन्ट्री राइफल के जवान थे। इसके बाद यह विद्रोह तेजी से पूरे देश में फैल गया तथा अलग-अलग स्थानों पर इसे अलग-अलग लोगों ने नेतृत्व प्रदान किया।
ऐतिहासिक स्थल का नाम | वर्तमान स्थान |
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इंडिया गेट | नई दिल्ली |
काँचीपुरम का मंदिर | चेन्नई (तमिलनाडु) |
अजंता की गुफाएं | औरंगाबाद (महाराष्ट्र) |
गेटवे ऑफ इंडिया | मुंबई (महाराष्ट्र) |
मदन महल | जबलपुर (मध्यप्रदेश) |
धार का किला | धार (मध्यप्रदेश) |
चरार-ए-शरीफ | श्रीनगर (जम्मू कश्मीर) |
राष्ट्रपति भवन | दिल्ली |
तुगलकाबाद | दिल्ली |
नाहरगढ़ फोर्ट | जयपुर (राजस्थान) |
मृगनयनी का महल | ग्वालियर (मध्यप्रदेश) |
सहेलियों की बाड़ी | उदयपुर (राजस्थान) |
कोचीन का किला | एर्नाकुलम (केरल) |
लाल किला | दिल्ली |
चश्माशाही | श्रीनगर (उत्तर प्रदेश) |
ताजमहल | आगरा (उत्तर प्रदेश) |
सांची का स्तूप | रायसेन (मध्यप्रदेश) |
उम्मेद भवन | जोधपुर (राजस्थान) |
आगरा फोर्ट | आगरा (उत्तर प्रदेश) |
जहाँगीर महल | आगरा (उत्तर प्रदेश) |
शालीमार बाग | श्रीनगर (जम्मू-कश्मीर) |
सुख निवास | बूंदी (राजस्थान) |
जामा मस्जिद | दिल्ली |
मक्का मस्जिद | दिल्ली |
हावड़ा ब्रिज | कोलकाता (पश्चिम बंगाल) |
नटराज मंदिर | चेन्नई (तमिलनाडु) |
हैंगिंग गार्डन | मुंबई (महाराष्ट्र) |
टावर ऑफ लाइसेंस | मुंबई(महाराष्ट्र) |
रणथम्भौर का किला | सवाईमाधोपुर (राजस्थान) |
द्वारका | काठियावाड़ (गुजरात) |
बोटनिकल गार्डन | शिवपुर (पश्चिम बंगाल) |
काँचीपुरम का मंदिर | चेन्नई (तमिलनाडु) |
हज़रत बल मस्जिद | श्रीनगर (जम्मू कश्मीर) |
फतह सागर | उदयपुर (राजस्थान) |
जय समंद | उदयपुर (राजस्थान) |
डीग महल | डीग (राजस्थान) |
विक्टोरिया मेमोरियल | कोलकाता (पश्चिम बंगाल) |
नाखुदा मस्जिद | कोलकाता (पश्चिम बंगाल) |
छत्र महल | बूंदी (राजस्थान) |
रानी की बाड़ी | बूंदी (राजस्थान) |
टीपू का महल | बैंगालुरू (कर्नाटक) |
लाल बाग़ | बैंगालुरू (कर्नाटक) |
बड़ा इमामबाड़ा | लखनऊ (उत्तर प्रदेश) |
छोटा इमामबाड़ा | लखनऊ (उत्तर प्रदेश) |
पंचमहल | फतेहपुर सीकरी (उ. प्र.) |
जलमिन्दर | पावापुरी (बिहार) |
महाकालेश्वर का मंदिर | उज्जैन (मध्यप्रदेश) |
हवामहल | जयपुर (राजस्थान) |
आमेर का किला | जयपुर (राजस्थान) |
वेलूर मठ | कोलकाता (पश्चिम बंगाल) |
हेलो दोस्तों, आज के इस लेख में हम मुगल काल से संबंधित महत्वपूर्ण जीके के बारे में जानेंगे। मुगल काल के परीक्षाओं में पूछे गए प्रश्न | मुगल साम्राज्य के इतिहास के महत्वपूर्ण प्रश्न- Mughal Empire मुग़ल काल को भारत के इतिहास का सबसे लंबा और सबसे जटिल काल कहा जाना कोई गलत नहीं होगा. मुग़ल काल में कई ऐसी घटनाएं घटी जिसने पूरा इतिहास की बदल कर रख दिया.
और उन्ही | मुगल साम्राज्य के इतिहास से जुडी कई महत्वपूर्ण और रोचक प्रश्नोत्तर आज भी कई परीक्षाओ में पूछा जाता हैं. Mughal Empire पर बनी कई फिल्मे व कहानियां भी आपने पढ़ी या सुनी होगी और उनमे से कई सवाल भी आपके मन में होंगे. आज के इस लेख में हम Mughal Empire gk से जुडी कुछ महत्वपूर्ण सामान्य ज्ञान को जानने वाले हैं.
दोस्तों उम्मीद हैं की इस मुग़ल काल GK प्रश्नोत्तरी से आपने बहुत कुछ सिखा होगा और कई ऐसी महत्वपूर्ण जानकारियों को भी जाना होगा जो की आपको परीक्षा की दृष्टि से भी मदद करती हैं.
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नमस्कार दोस्तों, आज के इस लेख में हम मुगलकाल से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य के बारे में जानेंगे। विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे- UPSC, STATE PCS,SSC,RRB,NTPC,RAILWAY, BANKING PO, BANKING CLERK, NET /JRF,CDS.S.I..POLICE इत्यादि में मुगलकाल से संबंधित प्रश्न पूछे जाते हैं। मुगलकाल भारतीय इतिहास में अपनी एक अलग ही पहचान बनाये हुए हैं। मुग़ल काल प्रतापी राजाओं का काल था। मुग़ल काल में ही कला संस्कृति के विकास को फिर से बढ़ावा मिलने लगा।
आज के इस लेख में हमने मुगलकाल से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य के बारे में जाना। यह लेख कम शब्दों में महत्वपूर्ण प्रश्नों को संग्रित करता है जिससे कम समय में आपकी तयारी अधिक हो सके।
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आज के इस आर्टिकल में हम भारत के स्वतंत्रता के इतिहास के बारे में जानेंगे। पूर्ण स्वराज्य के लिए किये अथक प्रयासों के बारे में विस्तार से जानेंगे। पूर्ण स्वराज्य की लड़ाई बहुत ही लम्बी और चुनौती पूर्ण रही। इसके लिए भारत के अनेक महापुरुषों द्वारा अलग अलग नीतियाँ अपनाई गयीं। बहुत सारे विरोध प्रदर्शन हुए। बहुत सारे वीरों ने अपने प्राण गंवा दिए। तब जाकर 15 अगस्त 1947 को भारत को पूर्ण स्वराज्य की प्राप्ति हुई पूर्ण स्वराज्य से जुड़े प्रश्न विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे- UPSC, STATE PCS, RRB, SSC, NTPC, RAILWAY, BANKING PO, BANKING CLERK, IBPS इत्यादि में पूछे जाते हैं।
पूर्ण स्वराज्य (Complete Independence) : 9 दिसम्बर 1929 को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने पूर्ण स्वराज की घोषणा की थी। जवाहरलाल नेहरू 31 दिसम्बर 1929 अध्यक्ष चुने गये थे।
उस दौरान कुछ घटनाएँ हुई थी, जिसके बारे में संक्षिप्त जानकारी हम आपको दे रहे है-
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आज के इस आर्टिकल में हमने पूर्ण स्वराज्य के लिए जो लड़ाई हमारे वीरों द्वारा लड़ी गयीं और पूर्ण स्वतंत्रता के जो अथक प्रयास किये उसके बारे में विस्तार से जाना।
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मगध साम्राज्य में बहुत से वंशो ने राज किया. मगध साम्राज्य में चन्द्र गुप्त और अशोक जैसे प्रतापी और विख्यात राजा हुए। आज के पोस्ट में मगध साम्राज्य के राजवंश के बारे में विस्तार से जानेंगे। मगध साम्राज्य के राजवंश से सम्बंधित सवाल अक्सर प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे- UPSC, STATE PCS,IBPS,SSC,RRB,NTPC,RAILWAY, BANKING PO,BANKING CLERK इत्यादि में पूछे जाते हैं।अगर आप मगध साम्राज्य के राजवंश से जुड़ी पूरी जानकारी चाहते हैं तो इस पोस्ट को पूरा जरुर पढ़ें।
मगध साम्राज्य - मगध एक क्षेत्र था. और सोलह महाजनपदों में से एक, दूसरे शहरीकरण के 'महान राज्य' जो अब दक्षिण बिहार (विस्तार से पहले) पूर्वी गंगा मैदान, उत्तर भारत में है। छठी शताब्दी ईसा पूर्व में वृहद्रथ ने मगध साम्राज्य की स्थापना की। जिसकी राजधानी गिरिव्रज को बनाया और बार्हद्रथ वंश (वृहद्रथ वंश) की नींव रखी। मगही या मगधी मगध की भाषा है जो अभी भी दक्षिणी बिहार में बोली जाती है। मगध साम्राज्य में समय समय पर अनके वंश हुए और अपना शासन काल पूर्ण किया.
मगध साम्राज्य में राज करने वाले वंशो के बारे में संक्षिप्त जानकारी -
आज के इस पोस्ट में मगध साम्राज्य के राजवंश के बारे में विस्तार से जाना जो प्रायः प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे जाते हैं। मगध साम्राज्य इतिहास का एक विशाल साम्राज्य माना जाता है। परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों को इसके बारे में जरुर जानना चाहिए ।
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