ज्वालामुखी व ज्वालामुखी के प्रकार | Volcanoes and types of Volcanoes
ज्वालामुखी क्या हैं? (What are volcanoes?)
"ज्वालामुखी भू पटल पर वह प्राकृतिक छिद्र या दरार है जिसके द्वारा लावा, गैस, धुआं, राख, कंकड़, पत्थर आदि बाहर निकलते हैं।"
यह पृथ्वी पर होने वाली एक आकस्मिक घटना है। ज्वालामुखी (Volcanoes ) से निकलने वाली गैसों में 80-90 प्रतिशत भाग वाम एवं शेष भाग अन्य चीजों का होता है। वाष्प में आक्सीजन तथा हाइहोजन गैसें होती हैं।
सभी ज्वालामुखी मैग्मा से बनते हैं। मैग्मा धरातल के नीचे का पिघला पदार्थ है, जो धरातल पर लावा या ज्वालामुखीय चट्टुटानों के टुकड़ों के रूप में बाहर आता है। लावा का तापमान 800 Co से 1300 Co तक होता है। इन सभी वस्तुओं का निकास एक प्राकृतिक नलों द्वारा होता है जिसे निकास नलिका (Exhaust Duct) कहते हैं।
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लावा धरातल पर आने के लिए एक छिद्र बनाता है जिसे विवर या क्रेटर (Creter) कहते हैं। लावा अपने विवर के आस-पास जम जाता है और एक शंकु के आकार का पर्वत बनाता है। इसे ज्वालामुखी पर्वत 9volcano mountain) कहते हैं। क्रेटर झील : ज्वालामुखी (Volcanoes ) शंकु के शीर्ष पर एक विदर क्रेटर होता है जिसका आकार कीप जैसा होता है। ज्वालामुखी विस्फोट के बाद इस क्रेटर में वर्षा का जल भर जाता है। इससे एक झील का निर्माण होता है जिसे क्रेटर झील कहते हैं। उत्तरी सुमात्रा को तोबा झील, अमेरिका में ऑरोगन झोल.
ज्वालामुखी कितने प्रकार के होते हैं? (Types of Volcanoes)
ज्वालामुखी के प्रकार ज्वालामुखी मुख्यतः निम्नलिखित प्रकार के होते हैं-
- सक्रिय ज्वालामुखी (Active Volcanoes)
- प्रसुप्त ज्वालामुखी (Dormant Volcanoes)
- विलुप्त ज्वालामुखी (Extinct Volcanoes)ी
1. सक्रिय ज्वालामुखी (Active Volcanos)
इस प्रकार के ज्वालामुखी का मुख सर्वदा खुला रहता है और समय-समय पर लावा, धुंआ तथा अन्य पदार्थ बाहर निकलते रहते हैं। इटली का एटना ज्वालामुखी 2500 वर्षों से सक्रिय हैसिसली द्वीप का स्ट्राम्बोली ज्वालामुखी प्रत्येक 15 मिनट बाद फटता है।
2. प्रसुप्त ज्वालामुखी या मृत ज्वालामुखी (Dormant Volcanoes)
इस प्रकार के ज्वालामुखी में दीर्घकाल से विस्फोट नहीं हुआ होता है किन्तु इसकी संभावनायें बनी रहती हैं। ये जब कभी अचानक क्रियाशील N हो जाते हैं, तो जन-धन की अपार क्षति होती हैइटली का विसूवियत ज्वालामुखी तथा अंडमान द्वीप समूह का बैरन द्वीप प्रसुप्त ज्वालामुखी के उदाहरण हैं।
3. विलुप्त ज्वालामुखी (Extinct Volcanoes)
इस प्रकार के ज्वालामुखी में विस्फोट प्रायः बन्द हो जाते हैं और भविष्य में भी कोई विस्फोट होने की सम्भावना नहीं होती। म्यांमार का पोपा ज्वालामुखी इसका उदाहरण है।
ज्वालामुखियों का वितरण (Distribution of Volcanoes)
अधिकांश ज्वालामुखी (Volcanoes ) समुद्र तटों के निकट अथवा द्वीपों पर स्थित होते हैं। इनका दूसरा प्रमुख क्षेत्र नवीन वलित पर्वतों का क्षेत्र है। सन् 1500 से कुल 486 सक्रिय ज्वालामुखी पाए गए हैं। यदि प्राचीन काल में हुए कुछ विस्फोटों को भी सम्मिलित कर लिया जाए तो सक्रिय ज्वालामुखियों की कुल संख्या 522 हैं।
प्रमुख ज्वालामुखी पेटियां (Belts) निम्नलिखित हैं-
- प्रशांत महासागरीय पेटी, (Pacific Ocean Belt)
- मध्य विश्व पेटी, (mid world Belt)
- अफ्रीकी रिफ्ट घाटी (African Rift Valley),
- अन्य क्षेत्र के ज्वालामुखी।
* प्रशांत महासागरीय पेटी (Pacific Ocean Belt)
प्रशांत महासागरीय पेटी सबसे महत्वपूर्ण पेटी है। इसमें 403 सक्रिय ज्वालामुखी हैं। इस पेटी का विस्तार पूर्वी तट पर दक्षिणी अमेरिका के अन्तरीप हॉर्न से लेकर उत्तरी अमेरिका के अलास्का तक है।
* मध्य विश्व पेटी (mid world Belt)
यूरोप तथा एशिया के मध्यवर्ती भागों में आल्प्स तथा हिमालय पर्वत के साथ-साथ पूर्व-पश्चिम दिशा में फैली हुई है। यह मैडीरा और कनारी द्वीप समूह से आरम्भ होकर भूमध्य सागर, काकेशस, आर्मीनिया, ईरान, बलोचिस्तान से होती हुई हिमालय क्षेत्र में प्रदेश करती है। हिमालय को पार करके यह यूनान, म्यांमार, अण्डमान और इण्डोनेशिया तक चली गई है।
* अफ्रीकी रिफ्ट घाटी (African Rift Valley या Great Rift Valley)
अफ्रीका के पूर्वी भाग में झील क्षेत्र से लाल सागर तक होती हुई उत्तर में फिलिस्तीन तक फैली हुई 7 है। इसका सबसे क्रियाशील ज्वालामुखी केमरून पर्वत है। तंजानिया का किलिमंजारों एक मृत ज्वालामुखी है, जो रिफ्ट घाटी से बाहर है।
* अन्य क्षेत्र ज्वालामुखी
कुछ ज्वालामुखी अटलांटिक महासागर में भी हैं। इस महासागर में केप वर्डे (Cape Verde) प्रमुख है- आइसलैण्ड में बीस से भी अधिक सक्रिय ज्वालामुखी हैं। एजोर्स, = सैंट हैलीना आदि अन्य ज्वालामुखी द्वीप हैं। हिन्द महासागर में - कोमारी, मारीशस, रिपूनियन आदि प्रमुख ज्वालामुखी हैं। अण्टार्कटिक महाद्वीप में रॉस सागर के तटीय भागों पर बुस तथा टेरर सक्रिय ज्वालामुखी हैं।
विश्व के कुछ प्रमुख ज्वालामुखियों के नामों का लिस्ट-
- टकाना ज्वालामुखी
- ओजोसडेल सेलेडो ज्वालामुखी
- कोटोपैक्सी ज्वालामुखी
- लैसर ज्वालामुखी
- टुपुंगटीटो ज्वालामुखी
- पोपोकैटेपिटल ज्वालामुखी
- सैंगे ज्वालामुखी
- क्ल्यूचेव्सकाया ज्वालामुखी
- प्यूरेस ज्वालामुखी
- टाजुमुल्को ज्वालामुखी
- मौनालोआ ज्वालामुखी
- माउण्टकैमरून ज्वालामुखी
- माउण्ट इरेबस ज्वालामुखी
- रिन्दजानी ज्वालामुखी
- पिको देल तेइदे ज्वालामुखी
- सेमेरू ज्वालामुखी
- नीरागोंगा ज्वालामुखी
- कोरयाक्सकाया ज्वालामुखी
- इराजू ज्वालामुखी
- स्लामाट ज्वालामुखी
- माउण्टस्पर ज्वालामुखी
- माउण्ट एटना ज्वालामुखी
- लैसेन पीक ज्वालामुखी
- माउण्ट सेण्ट हेलेन्स ज्वालामुखी
- टैम्बोरा ज्वालामुखी
- द पीक ज्वालामुखी
- माउण्ट लेमिंटन ज्वालामुखी
- माउण्ट पीली ज्वालामुखी
- हेक्सा ज्वालामुखी
- लासाओफैरी ज्वालामुखी
- विसूवियस ज्वालामुखी
- किलाउस ज्वालामुखी
- स्ट्राम्बोली ज्वालामुखी
- सैण्टोरिनी ज्वालामुखी
- बलकैनो ज्वालामुखी
- पैरीक्यूटिन ज्वालामुखी
- सरट्से ज्वालामुखी
- एनैक क्राकाटाओ ज्वालामुखी
- तोबा ज्वालामुखी
भारत के ज्वालामुखियों के नामों का लिस्ट-
- बैरन द्वीप ज्वालामुखी
- नर्कोन्दम ज्वालामुखी
- दक्कन बन्ध ज्वालामुखी
- बारातांग ज्वालामुखी
- धनोधर पर्वत ज्वालामुखी
- धोसी पहाड़ी ज्वालामुखी
- तोशाम पहाड़ी ज्वालामुखी
आज के पोस्ट में हमने ज्वालामुखी क्या हैं, ज्वालामुखी कितने प्रकार के होते हैं, ज्वालामुखी का वितरण, भारत और विश्व में जवालामुखी के नाम आदि के बारे में जाना। ज्वालामुखी से जुड़े प्रश्न अक्सर प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे जाते हैं।
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