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महत्वपूर्ण तथ्य - पृथ्वी | सामान्य जानकारी | facts of earth in hindi

पृथ्वी के महत्वपूर्ण तथ्य | पृथ्‍वी के बारे में सामान्य जानकारी | General information about Earth

आज के इस लेख में हम महत्वपूर्ण तथ्य - पृथ्वी | सामान्य जानकारी के बारे में जानेंगे। विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे- UPSC, STATE PCS, SSC,RRB, NTPC, RAILWAY CDS BANKING इत्यादि में पृथ्वी के  महत्वपूर्ण तथ्य से सम्बंधित प्रश्न पूछे जाते हैं। हम जहाँ पर रहते हैं उसे पृथ्वी कहते हैं जो सौरमंडल का एक ग्रह है जो सूर्य की परिक्रमा करता है। महत्वपूर्ण तथ्य - पृथ्वी: पृथ्वी सौरमंडल का एकमात्र ऐसा ग्रह है, जिस पर जीवन है. धरती का घनत्व पूरे सौरमंडल में सबसे ज्यादा है।

facts of earth

पृथ्वी के बारे में कुछ महत्‍वपूर्ण तथ्य:

  1. पृथ्वी की अनुमानित आयु - 454,300,000,000 वर्ष (4.543 billion years)
  2. सम्पूर्ण धरातलीय क्षेत्रफल- 51,01,00,800 वर्ग किमी. (510.1 million km²)
  3. पृथ्वी का भूमि क्षेत्रफल (29%) - 510,100,000 वर्ग कि. मी. (510.1 million km²)
  4. पृथ्वी का जलीय क्षेत्रफल (71%)- 36,11,49,700 वर्ग कि. मी.
  5. पृथ्वी का औसत घनत्व - 5.52 ग्राम प्रति घन सेमी
  6. विषुवतीय रेखीय व्यास- 12,755 किमी
  7. ध्रुवीय व्यास -12,712 किमी
  8. गुरुत्वाकर्षण से बहार निकलने के लिए आवश्यक निर्गमन गति -11.2 किमी/सेकण्ड
  9. पृथ्वी का आयतन -10,83,20,88,40,00 घन किमी
  10. समुद्र तल से पृथ्वी की सर्वाधिक ऊंचाई - 8,848 मीटर (माउंट एवरेस्ट )
  11. समुद्र तल से सागर की सर्वाधिक गहराई - 11,033 मीटर (मेरियाना ट्रेंच)प्रशांत महासागर,फिलिपीन्स के पूर्व में
  12. धरातल का सर्वाधिक निचला स्थान - 396 मीटर मृत सागर
  13. अपने अक्ष पर घूर्णन अवधि - 23 घंटे, 56 मिनट, 40.11 सेकण्ड
  14. पृथ्वी द्वारा सूर्य की परिक्रमा की अवधि - 356 दिन, 5 घंटे, 48 मिनट, 45.51 सेकण्ड
  15. सूर्य से माध्य दूरी पर -4,94,07,00 किमी
  16. भूमध्य रेखा पर परिधि -40,075 किमी
  17. ध्रुवीय परिधि -40,024 किमी
  18. सतह पर दाब - 101.325 किलो पास्कल
  19. पृथ्वी का उपग्रह -चंद्रमा
  20. पृथ्वी का ग्रहों में स्थान 3rd (तीसरा)
  • सूर्य से दूरी : 149,597.900 (लगभग 15 करोड़) कि.मी.
  • चंद्रमा से दूरी : 3,82,200 कि.मी.
  • आयु : 4.5 अरब वर्ष
  • द्रव्यमानः 5.97 x 1024 किलोग्राम
  • आयतन : 1.08 x 1024 लीटर
  • औसत घनत्वः 5.52 ग्राम / घन सेमी.
  • औसत तापमान : 61 डिग्री फॉरेनाइट (16°C)
  • क्षेत्रफलः 509,700,000 वर्ग कि.मी.
  • (भूमि का क्षेत्रफल- 148,400,000 वर्ग कि.मी. तथा जल का क्षेत्रफल-लगभग 361,300,00 वर्ग कि.मी.)
  • उत्तरी ध्रुव से दक्षिणी ध्रुव तक की लंबाई (ध्रुवीय व्यास) : 12,713.54 कि.मी.
  • विषुवत रेखा पर पृथ्वी की लंबाई (विषुवतीय व्यास) 12,756.32 कि.मी
  • ध्रुवीय परिधिः 40,008.00 कि.मी.
  • विषुवत रेखीय परिधि : 40,075.16 कि.मी.
  • परिभ्रमण गतिः 356 दिन 5 घंटे 48 मिनट 46 सेकेंड ( पृथ्वी द्वारा सूर्य का एक चक्कर लगाना)
  • घूर्णन गतिः 23 घंटे 56 मिनट 4.09 सेकेंड ( पृथ्वी का अपने अक्ष पर घूमना)
  • उच्चतम भूमि : माउंट एवरेस्ट (8,850 मीटर)
  • निम्नतम भूमि : मृत सागर तट (399 मीटर)
  • सबसे गहरा क्षेत्र : प्रशांत महासागर का मेरियाना गर्त (समुद्र तल से 11033 मीटर नीचे, फिलीपीन्स के पास स्थित)
  • वायुमंडलः ऊँचाई- धरातल से 1,600 कि.मी. की ऊंचाई तक
  • नक्षत्र दिवस की अवधिः 23 घंटे, 56 मिनट
  • सौर दिवस की अवधिः 24 घंटे
  • उच्चतम तापमानः 58° सेंटीग्रेड-अल अजीजीया (लीबिया)
  • निम्नतम तापमान : -89.6° सेंटीग्रेड, वोस्तोक स्टेशन (अंटार्कटिका)
  • सतह का औसत तापमानः 15°C
  • सबसे नीचा स्थानः मृत सागर (इजराइल, जॉर्डन)
  • भूपर्पटी का संघटनः ऑक्सीजन-46.8%, सिलिकन-27.7%, एल्यूमिनियम-8.1%, लोहा-5.0%, कैल्सियम-3.6%, सोडियम-2.8%, पोटेशियम-2.5% तथा मैग्नीशियम-20%

पृथ्वी की आंतरिक संरचना (Earth's internal structure in Hindi)

पृथ्वी का आंतरिक भाग अत्यंत गर्म हैपृथ्वी की सतह से नीचे की ओर तापमान में वृद्धि रामान नहीं होती है। ऊपर के 100 किमी तक तापमान 12° से प्रति किमी की दर से बढ़ता हैअगले 300 किमी तक यह दर 20 से. प्रति किमीहोती है और उसके बाद 1 से प्रति किमी रह जाती है। 

पृथ्वी की मुख्य तीन परतें हैं :- 

  1. भूपर्पटी (Crust), 
  2. प्रवार (Mantle),
  3. क्रोड (Core)।

1. भूपर्पटी (Earth's crust):- यह पृथ्वी की सबसे ऊपरी परत है, जिसकी मोटाई लगभग 70-100 कि.मी. है। यह पटल पृथ्वी के आयतन का मात्र 0.s प्रतिशत है। इस पटल की बाह्य परत अवसादी पदार्थों से बनी है जिसके नीचे विभिन्न प्रकार की चट्टानें पायी जाती हैं। समुद्रों का निर्माण भारी सिलिकेट (सिलिका मैग्नीशियम) से हुआ है, जिसे स्याम भी कहते हैं। स्याम पृथ्वी के कोर के एक भाग की भी रचना करते हैं। महाद्वीप हल्के सिलिकेट से बने हैं ( सिलिका +एल्यूमीनियम), जिसे स्याल कहते हैं। 

2. मैंटल (Mantle):- यह पृथ्वी की सतह से 700-2900 कि.मी. के बीच में पाया जाता है। यह पृथ्वी के कुल आयतन का 16 प्रतिशत है। इसकी आंतरिक परत सिलिका चट्टानों से बनी होती है। 

3. कोर (Core):- यह पृथ्वी की सतह से 2900-6500 कि.मी. के बीच है व पृथ्वी के कुल आय का 83 प्रतिशत है। यह मुख्यतया निकिल व आयरन से बना होता है। इसके व बाहा परतों के मध्य भारी धातुओं व सिलिPage का मिश्रण पाया जाता है।

पृथ्वी की भूपर्पटी का संघटन इस प्रकार है :-

लोहा (35.0% ), ऑक्सीजन (30.0%), सिलिकन ( 15.0%), मैग्नीशियम ( 13.0% ), निकल (2.4%) एवं 6. सल्फर (1.9% ) ।

विश्व के प्रमुख मैदान (Major plains of the world)

नामस्थिति / देश
पेटागोनिया का मैदानदक्षिणी अमेरिका
अमेजन का मैदानदक्षिणी अमेरिका
मध्यवर्ती मैदान (ग्रेट प्लेन)अमेरिका तथा कनाडा
सहारा का मैदानअफ्रीका
फ्रांस का मैदानफ्रांस
यूरोप का बड़ा मैदानयूरोप
मालागासी का मैदानमालागासी
पंपास का मैदानदक्षिणी अमेरिका
नील नदी का मैदानमिस्र (अफ्रीका)
अफ्रीका का पूर्वी तटीय मैदानअफ्रीका
अफ्रीका का पश्चिमी तटीय मैदानअफ्रीका
दक्षिणी साइबेरिया का मैदानएशिया एवं यूरोप
गंगा-यमुना का मैदानभारत
सिंधु का मैदानभारत-पाकिस्तान
अरब का बड़ा मैदानसऊदी अरब
ब्रह्मपुत्र का मैदानभारत-बांग्लादेश
चीन का मैदानचीन

विश्व के 10 सबसे बड़े मरुस्थल (The 10 Biggest Deserts on Earth)

नामक्षेत्रफल (वर्ग मील में)विस्तार क्षेत्र
1. सहारा8,400,000दक्षिणी अफ्रीका
2. अरबी मरुस्थल1,000,000मध्य-पूर्व
3. ग्रेट विक्टोरिया250,000ऑस्ट्रेलिया
4. रूब अल खली250,000मध्य-पूर्व
5. कालाहारी मरुस्थल225,000दक्षिणी अफ्रीका
6. सीरियाई मरुस्थल200,000मध्य-पूर्व
7 चिहुआहुआन175,000मैक्सिको
8. थार175,000भारत-पाकिस्तान
9. ग्रेट सिडनी150,000आस्ट्रेलिया
10.गिब्सन120,000आस्ट्रेलिया

दुनिया की सबसे बड़ी झीलें (largest lakes in the world)

नामदेशक्षेत्रफल (वर्ग कि.मी. में)क्षेत्रफल (वर्ग मील मेंगहराई (फुट में)
कैस्पियन सागरकजाकिस्तान371,000143,2443,363
सुपीरियरयूएसए कनाडा82,10031,7001,330
विक्टोरियायुगांडा-कीनिया- तंजानिया69,40026,828270
अरल सागररूस64,50024,904220
ह्यूरनयू.एस.ए. कनाडा59,60023,000750
मिशीगनसंयुक्त राज्य अमेरिका57,80022,300923
टंगानिकाबुरुंडी-तंजानिया- जाबिया32,90012,7004,823
बैकालरूस31,50012,1625,315
ग्रेट बियरकनाडा31,30012,0961,463
न्यासा या मलावीमलावी28,90011,1502,317
ग्रेट स्लेव कनाडाकनाडा28,56811,0312,015
लेक इरी कनाडायूएसए कनाडा25,6679,910210
विनिपेगकनाडा24,3879,41760
ओंटारियो यूएसएयूएसए कनाडा19,5297,340802
बाल्खासकजाकिस्तान18,3007,11485

जानें- विश्व की प्रमुख फसलें और फसलों के उत्पादक देश।

बादल (Clouds) 

पृथ्वी के धरातल से विभिन्न ऊँचाइयों पर वायुमंडल में मौजूद जल वाष्पों के संघनन से निर्मित हिमकणों या जल-सीकरों की राशि को मेघ या बादल कहते हैं। 

धरातल से जल का निरंतर वाष्पीकरण होता है। यह जलवाष्प ऊपर जाकर ठंडी हो जाती हैतथा बादलों के रूप में परिवर्तित हो जाती है। बादल किसी भी स्थान के मौसम पर प्रभाव डालते हैं। सामान्यतया भूमध्य रेखा पर बादल अधिक ऊँचाई पर स्थित होते हैं, जबकि ध्रुवों की ओर इनकी ऊँचाई कम होती जाती है

कपासी वर्षा मेघ में तेज बौछारों के रूप में बारिश होती है। साथ ही ओले और तड़ित झंझा भी उत्पन्न होते हैं।

कपासी मेघ देखने में आकाश में रुई के ढेर जैसे दिखते हैं।

तापमान (Temperature) 

किसी स्थान पर मानक अवस्था में मापी गई भू-तल से लगभग एक मीटर ऊँची 'वायु' की गर्मी को उस स्थान का तापमान कहते हैं।  

वह काल्पनिक रेखा, जो मानचित्र पर समान तापमान वाले स्थानों को मिलाती हैसमताप रेखा कहलाती है। ये रेखायें पूर्व-पश्चिमी दिशा में अक्षांशों के लगभग समानांतर खींची जाती हैं। 

विश्व के अधिकांश भागों में जनवरी तथा जुलाई के महीनों में न्यूनतम अथवा अधिकतम तापमान दर्ज किया जाता है। 

जनवरी के माह में सूर्य की किरणें दक्षिणी गोलार्द्ध में स्थित मकर रेखा पर लंबवत् पड़ती हैं, जिससे उत्तरी गोलार्द्ध में शीत ऋतु एवं दक्षिणी गोलार्द्ध में ग्रीष्म ऋतु होती है। इसके कारण उत्तरी गोलार्द्ध में तापमान कम तथा दक्षिणी गोलार्द्ध में तापमान अधिक होता है।

उत्तरी गोलार्द्ध में स्थित साइबेरिया तथा ग्रीनलैंड में न्यूनतम तापमान पाया जाता है। विश्व में सबसे ठंडा स्थान साइबेरिया में स्थित बरखोयांस्क है, जिसका तापमान 50° सेल्सियस है। 

दक्षिणी गोलार्द्ध में स्थित पूर्वी मध्य अफ्रीका, बोर्निया, उत्तर-पश्चिमी अर्जेंटीना और मध्य • आस्ट्रेलिया में तापमान 30° सेल्सियस से भी अधिक होता है। विश्व का सबसे गर्म स्थान लीबिया का अल अजीजिया माना गया है। 

अधिकतम तथा न्यूनतम तापमान का अंतर तापांतर कहलाता है। यह दो प्रकार का होता है- 

  1. दैनिक तापांतर एवं 
  2. वार्षिक तापांतर।

ग्लोब को विभिन्न तापक्रम के कटिबंधों में बाँटा गया है, जो इस प्रकार हैं- 

  1. विषुवत रेखीय कटिबंघ (0° से लेकर 5" अक्षांश तक),
  2. अंतरा उष्ण कटिबंध (50 से 12° अक्षांश तक),
  3. उष्ण कटिबंध (120 से 25° अक्षांशों के बीच यहाँ पृथ्वी का उच्चतम तापमान प्राप्त होता है),
  4. उपोष्ण कटिबंध (25° से 45° अक्षांशों के बीच),
  5. शीतोष्ण कटिबंध ( 45° से 66° अक्षांश के बीच) तथा
  6. शीत कटिबंध (66° से 90° अक्षांश के बीच)

यहाँ का तापमान बहुत कम होता है। छह महीने दिन या रात की अवधि होती है। अतः यह क्षेत्र वर्ष भर बर्फ से ढंका रहता है। रूस का बरखोयांस्क तथा टुंड्रा प्रदेश भी इसी कटिबंध में हैं

वायुमंडल (Atmosphere) 

पृथ्वी को चारों ओर से घेरे हुए वायु के विस्तृत फैलाव को वायुमंडल कहते हैं। वायुमंडल की वायु रंगहीन, गंधहीन एवं स्वादहीन है। 

वायुमंडल की ऊँचाई 32,000 किमी. से भी अधिक है। वायुमंडल में विभिन्न प्रकार की गैसें, जलवाष्प, धूलकण आदि पाए जाते हैं। सबसे ऊपर वाली गैसें अत्यन्त विरल तथा हल्की हैं।

वायुमंडल में जलवाष्प की औसत मात्रा 2% हैogle Docs ऊंचाई के साथ जलवाष्प की मात्रा कम होती है। जलवाष्प सूर्य से आने वाले सूर्यातप के कुछ भाग को अवशोषित कर लेता है तथा पृथ्वी द्वारा विकिरित ऊष्मा को संजोए रखता है। इस प्रकार यह कंबल का काम करता है, जिससे पृथ्वी न तो अत्यधिक गर्म और न ही अत्यधिक ठंडी हो सकती है। इसे ही ग्रीन हाउस इफैक्ट (हरित गृह प्रभाव) कहते हैं। इसके कारण ही ओस, इंद्रधनुष कोहरा, बादल आदि बनते हैं और वर्षा होती है। 

आकाश का नीला रंग धूल के कणों के कारण ही दिखाई देता है। दिन के समय आकाश का नीला रंग सूर्य किरणों के प्रकीर्णन के कारण होता है। सूर्य किरणों के प्रकीर्णन न होने की स्थिति में सूर्य के क्षितिज पर ऊँचा होने पर आकाश काला दिखाई देगा। 

वायुमंडल में उपस्थित गैसें एवं उनकी प्रतिशत मात्रा इस प्रकार हैं- 

नाइट्रोजन (78.03%), ऑक्सीजन (20.99%), आर्गन ((0.94%) कार्बन डाइ ऑक्साइड (0.03%). हाइड्रोजन (0.01%), नियॉन (0.0018%), हीलियम (0.000536)क्रिप्टॉन (0.0001%), जेनान (0.000009%) तथा ओजोन (0.000001% ) |

ज्वालामुखी (Volcanoes)

ज्वालामुखी पृथ्वी पर होने वाली एक आकस्मिक घटना है। इससे भू-पटल पर अचानक विस्फोट होता है, जिसके द्वारा लावा, गैस, धुँआ, राख, कंकड़, पत्थर आदि बाहर निकलते हैं। 

ज्वालामुखी से निकलने वाली गैसों में 80-90 प्रतिशत भाग वाष्प एवं शेष भाग अन्य चीजों का होता है। वाष्प में ऑक्सीजन तथा हाइड्रोजन गैसें होती हैं। 

सभी ज्वालामुखी मैग्मा से बनते हैं। मैग्मा धरातल के नीचे का पिघला पदार्थ है, जो धरातल पर लावा या ज्वालामुखीय चट्टानी टुकड़ों के रूप में बाहर आता है। लावा का तापमान 800 से 1,300 डिग्री सेल्सियस तक होता है। 

इन सभी वस्तुओं का निकास एक प्राकृतिक नली द्वारा होता है जिसे निकास नलिका (Vent or Neck) कहते हैं। लावा धरातल पर आने के लिए एक छिद्र बनाता है जिसे विवर या क्रेटर (Crater) कहते हैं।

लावा अपने विवर के आस-पास जम जाता है। और एक शंकु के आकार का पर्वत बनाता है। इसे ज्वालामुखी पर्वत कहते हैं।

क्रेटर झील ज्वालामुखी शंकु के शीर्ष पर एक क्रेटर होता है, जिसका आकार कीप जैसा होता है। ज्वालामुखी विस्फोट के बाद इस क्रेटर में वर्षा का जल भर जाता है। इससे एक झील का निर्माण होता है, जिसे क्रेटर झील कहते हैं। उत्तरी सुमात्रा की तोबा झील, अमेरिका में ऑरीगन झील, आइसलैंड में ओस्कजुएटन तथा महाराष्ट्र की लोनार झील इसके उदाहरण हैं

इक्वाडोर का कोटोपैक्सी ज्वालामुखी विश्व का सर्वाधिक ऊँचा ( 5900 मी.) जागृत Q + ज्वालामुखी है।

भूकंप (Earthquake)

भूकंप का साधारण अर्थ है 'भूमि का काँपना' अर्थात् 'पृथ्वी का हिलना'। अचानक झटके से प्रारंभ हुए पृथ्वी के कंपन को भूकंप कहते हैं। 

विश्व में एक वर्ष में 8,000 से 10,000 तक भूकंप आते हैं अर्थात हर एक घंटे के बाद विश्व के किसी-न-किसी भाग में भूकंप आ जाता है। विश्व के अधिकांश भूकंप भू-तल से 50 से 100 किमी. की गहराई में उत्पन्न होते हैं। 

भूकंपों का अध्ययन करने वाले विज्ञान को सिस्मोलॉजी (Seismology) कहते हैं । 

भूकंप के के मूल उद्गम स्थल को उद्गम केंद्र (Focus) कहते हैं। इस केंद्र के ठीक ऊपर भूतल पर स्थित स्थान को भूकंप का अधिकेंद्र (Epicentre) कहते हैं। भूकंप की तथा इससे होने वाली हानि अधिकेंद्र पर अधिकतम होती है और इससे दूर जाने पर हानि कम हो जाती है।

समान भूकंप तीव्रता वाले स्थानों को मिलाने वाली रेखा को समभूकंप रेखा (Isoseismal line) तथा एक समय पर पहुँचने वाली तरंगों को मिलाने वाली रेखा को सहभूकंप-रेखा (Homoseismal line) कहते हैं । 

भूकंप आने के कई कारण होते हैं, जैसे-ज्वालामुखी विस्फोट, पृथ्वी का सिकुड़ना, वलन तथा भ्रंश, भू-संतुलन, बड़े बाँधों का निर्माण, प्लेट विर्वतन (प्लेट टैक्टॉनिक) आदि।

सबसे अधिक ज्वालामुखी तथा भूकम्प प्रशांत महासागर के तटों के साथ सक्रिय हैं, जिस कारण • इसे अग्नि वलय ( Ring of Fire) कहते हैं । 

चट्टानें या शैल (Rocks)

वे सभी पदार्थ जिनसे भूपर्पटी का निर्माण हुआ है, चट्टान कहलाते हैं। सामान्य रूप में चट्टान का अर्थ है-पत्थर जैसा पदार्थ । 

भूपर्पटी का ऊपरी भाग स्थलमंडल का सबसे महत्वपूर्ण भाग है। धरातल से 16 किमी. की गहराई तक 95% भूपर्पटी चट्टानों की बनी हुई है| 

चट्टानों और खनिजों का गहरा संबंध है। प्रत्येक चट्टान में 2 से लेकर 12 तक सामान्य खनिज पाये जाते हैं। 

भूपर्पटी के 87% खनिज सिलिकेट हैं। क्वार्ट्ज के दो तत्व सिलीकॉन तथा ऑक्सीजन हैं। एक प्रकार की चट्टान से दूसरे प्रकार की चट्टान का बनना चट्टानी चक्र (Rock Cycle) कहलाता है। उदाहरणार्थ-लावा से आग्नेय चट्टानों का बनना आग्नेय चट्टानों के अपरदन से अवसादी चट्टानों का बनना फिर आग्नेय और अवसादी चट्टानें से रूपांतरित चट्टानों का बनना।

इस लेख में हमने पृथ्वी के महत्वपूर्ण तथ्यों के बारे में जाना जो अक्सर प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे जाते रहते हैं। पृथ्वी सौरमंडल का एक ऐसा ग्रह जिस पर जीवन पाया जाता है। आजतक कोई ऐसा ग्रह नहीं मिल पाया जिस जीवन पाया जाता हो।

आशा करता हूँ कि यह लेख आपके लिए उपयोगी साबित होगी , अगर आपको यह लेख पसंद आये तो लेख को शेयर अवश्य करें। 

15+ वैज्ञानिक कारण 2022 (Scientific Reason in Hindi)

वैज्ञानिक कारण (Science Facts in Hindi)

हेलो दोस्तों, आज के इस पोस्ट में हम कुछ ऐसे वैज्ञानिक कारणों के बारे में जानेगे,जो हमारे दैनिक जीवन कि दिनचर्या का हिस्सा है, यह हमारे जीवन में बहुत प्रभाव डालता है। वातावरण में घटित होने वाली बहुत सी घटनाओं का सम्बन्ध वैज्ञानिक कारण से होता है। कोई भी घटना स्वाभिविक ही नहीं होती इसके पीछे कई वैज्ञानिक कारण होते हैं। वैज्ञनिक कारण से जुड़े कई सवाल विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे जाते हैं। इसलिए इस पोस्ट  को पूरा जरुर पढ़ें। 

15-scientific-reason-in-hindi-2022

नीचे दिए गए Scientific reason में हमने कुछ रोचक प्रश्न जैसे की कम्बल में लपेटी हुई बर्फ नहीं पिघलती है ,क्यों ? और गर्मी में साइकिल- ट्यूब अधिक फटता है, क्यों ? 

1. परमाणु उदासीन होता है, क्यों ? 

उत्तर :- चूँकि परमाणु में तीन मौलिक कण प्रोटॉन (+), इलेक्ट्रॉन (-) तथा न्यूट्रॉन (O) होता है, परमाणु में प्रोटॉन और इलेक्ट्रॉन की संख्या समान और गुण विपरीत होने के कारण परमाणु उदासीन होता है । 

2. रेगिस्तान में ऊँट अल्प मात्रा में जल ग्रहण कर अत्यधिक दिनों तक शरीर के अंदर जल संतुलन कैसे बनाये रखता है ?

उत्तर :- ऊँट के शरीर पर कुबड़-रूपी मांसल उपस्थित होता है, जिससे उसके चर्बियों में H2  उपस्थित रहता है। जब ऊँट वमन-क्रिया द्वारा वातावरण से ऑक्सीजन ग्रहण करता है, तो उसके पश्चात् 2H2  + O2 → 2H2 जल का निर्माण होता है ।

3 . जंग लगने पर लोहे के कील (कोटी) का भार क्यों बढ़ जाता है ? 

उत्तर :- लोहे के कील को वातावरण में छोड़ देने पर वह वातावरण से ऑक्सीजन ग्रहण करता है, जो लौह ऑक्साइड में बदल जाता है। अतः यह जितना ऑक्साइड अवशोषित करता है, इसका उतना भार बढ़ जाता है । 

4. जुगनू प्रकाश क्यों देता है ? 

उत्तर :- जुगनू की ग्रांथि से लूसी फेरीन नामक द्रव निकलता रहता है। यह पदार्थ हवा के सम्पर्क में जैसे हो आता है, स्वतः जल उठता है। सांस के साथ ऑक्सीजन जुगनू के शरीर के अन्दर जाता है, जिसके कारण रुक-रुक कर प्रकाश उत्पन्न करता है। 

5 . समुद्र का जल नमकीन क्यों होता है ? 

उत्तर :- समुद्र में अनेक नदियाँ आकर गिरती हैं, जिसमें लवण का अंश होता है। चूँकि समुद्र में नदियों से नमक का अंश हमेशा जमा होते रहता है, इसलिए समुद्र का जल नमकीन होता है ।

Science Facts in Hindi

 6.  सड़ा हुआ अंडा पानी में क्यों तैरता है ?  

उत्तर :- सड़े हुए अंडे से जलवाष्प निकला हुआ होता है और जो वह जल विस्थापित करता है वह अण्डे के भार से कम होता है । फलतः सड़ा हुआ अण्डा जल में तैरता है। 

7 . एक ही तापक्रम पर उबलते हुए जल की अपेक्षा वाष्प में अधिक गर्मी क्यों होती है ? 

उत्तर :- जल की गुप्त उष्मा 80 कैलोरी प्रति ग्राम होती है । जबकि इसी तापक्रम पर वाष्प की गुप्त उष्मा 536 कैलोरी होती है, इसलिए वाप्प में अधिक गर्मी का अनुभव होता  है |

इन्हें भी पढ़े :- मानव शरीर के रोचक तथ्य 

8. थर्मामीटर में पारा का उपयोग क्यों किया जाता है ? 

उत्तर :- चमकदार होने के कारण पारा को आसानीपूर्वक देखा जा सकता है, ठण्ढा और गर्मी दोनों से पारा का प्रसार और संकुचन बराबर होता है तथा यह थर्मामीटर के भीतर दीवार में नहीं सटता है, इसलिए थर्मामीटर में पारा का उपयोग किया जाता है |

9 . शव पानी में क्यों तैरता है ? 

 उत्तर :- चूँकि शव का अपघटन प्रारंभ हो जाता है जिसके फलस्वरूप अनेक गैस उत्पन होती है। गैस के उत्पन्न होने से शव को अपसारी बल मिलता रहना है, जिससे वह पानी में तैरता है । 

10. खान में मोमबत्ती जलाना खतरनाक होता है, क्यों ? 

उत्तर :- खान में मिथेन, इथेन, जैसे ज्वलनशील गैसों की उपस्थिति होती है, जो अत्यधि क दहनशील होती है, मोमबत्ती जलाने पर खान में आग लग सकती है, इसलिए खान में मोमबत्ती जलाना खतरनाक है । 

11. पीले फॉस्फोरस को जल में रखा जाता है, क्यों ?

 उत्तर :- चूँकि पीला फॉस्फोरस हवा के सम्पर्क में आते ही जल उठता है, इसलिए उसे जल में रखा जाता है ।

12. सोडियम धातु को किरोसीन तेल में रखा जाता है, क्यों ? 

उत्तर :- सोडियम धातु आर्द्रता की उपस्थिति में आग पकड़ लेती है, चूँकि किरोसीन तेल पाराफिन हाइड्रोजन है, इसलिए यह सोडियम के साथ प्रतिक्रिया नहीं करता अतः, इसी कारण से सोडियम धातु को किरोसीन तेल में रखा जाता है |

13 .नमक खाने के बाद प्यास क्यों लगती है ?  

 उत्तर :- नमक खाने के बाद जल वृक्क एवं उसके समस्त क्षेत्र की ओर अग्रसर होता है, जिससे शरीर के अन्य भागों में जल का अभाव हो जाता है; क्योंकि सभी जल वृक्क होता है । क्षेत्र में लवण के कारण आ जाते हैं, इसलिए प्यास का अनुभव होता है |

14 .आग बुझाने के लिए कार्बन डायऑक्साइड गैस का प्रयोग क्यों किया जाता है ? 

 उत्तर :- कार्बन-डायऑक्साइड गैस दहन का अपोषक होता है तथा स्वयं भी ज्वलनशील नहीं होता है आग को यह आवरण के रूप ढक लेता है , जिससे आग को ऑक्सीजन नहीं मिलता, इसलिए आग बुझ जाती है। 

15. रेफ्रिजरेटर खाद्य पदार्थ को ताजा क्यों रखता है ?

 उत्तर :- रेफ्रिजरेटर का तापमान कम होता है। कम तापमान पर फर्मेण्टेशन की क्रिया नहीं होती है। अतः रेफ्रिजरेटर में रखा खाद्य पदार्थ ताजा बना रहता है।  

इन्हें भी पढ़े :- इतिहास से जुड़े रोचक तथ्य 

तो ये थी कुछ वैज्ञानिक कारण 2022 जिसके बारे में आपको पता होना ही चाहिए | इस तरह के पोस्ट रोजाना पढने के लिए आप हमारे इस वेबसाइट में विजिट कर सकते हैं और कई तरह के gk और नोट्स के पीडीऍफ़ फाइल फ्री में डाउनलोड कर सकते हैं

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20+वैज्ञानिक कारण (Scientific reason in Hindi)

Scientific reason in Hindi | 20 वैज्ञानिक कारण

हेलो दोस्तों, आज के इस पोस्ट में हम कुछ ऐसे वैज्ञानिक कारणों के बारे में जानेगे जो हमारे जीवन में बहुत प्रभाव डालता है। नीचे दिए गए सभी वैज्ञानिक कारणों को पूरा पढ़े। विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में भी वैज्ञानिक कारणों से जुड़े प्रश्न पूछे जाते हैं।

नीचे दिए गए Scientific reason  में हमने कुछ रोचक प्रश्न जैसे की कम्बल में लपेटी हुई बर्फ नहीं पिघलती है ,क्यों ? और गर्मी में साइकिल- ट्यूब अधिक फटता है ,क्यों ? 

20-scientific-reason-in-hindi-2022

    1) प्रेशर कुकर में खाना जल्दी पकता है ?

    उत्तर:- प्रेशर कुकर में विशेष प्रकार के ढक्कन होने के कारण वाष्प बाहर नहीं निकल पाता है और पानी के सतह के ऊपर जमा होता रहता है ,इस कारण पानी की सतह पर दाब बढता जाता है ,फलस्वरूप पानी का क्वथनांक 100  C से भी ज्यादा हो जाता है | यही कारण है कि प्रेशर कुकर में खाना शीघ्र पक जाता है |

    2) कोल्ड्रिंक की  बोतल मोटे कॉच की बनी होती है ,क्यों ?

    उत्तर:-कोल्ड्रिंक में उच्च दाब पर कार्बन – ऑक्साइड गैस घुली रहती है गर्मी में उसके आयतन में अपेक्षाकृत अधिक  फैलाव होता है , जिससे कमजोर बोतल टूट सकती है | अतः कोल्ड्रिंक के गैस के दाब को सहने के लिए बोतल मोटे कांच की बही होती है | 

    3) ऊँचे पहाड़ पर दाल देर से पकती है , क्यों ?

    उत्तर :-   ऊँचाई बढने पर हवा का दबाव घटता है | इस कारण पानी का क्वथनांक घाट जाता है | ऊँचे पर्वत पर जल का क्वथनांक 92 C या 93C  होता है | इस कारण डाल देर से पकता है | 

    4) गर्मी में साइकिल- ट्यूब अधिक फटता है ,क्यों ?

    उत्तर :- साइकिल का ट्यूब रबर का बना होता है और उसके अंदर हवा भरी रहती है | ठोस ,द्रव्य और गैस गर्मी पाकर फैलता है , किन्तु ट्यूब की अपेक्षा गैस अधिक फैलता है ट्यूब पर गैस का दबाव अधिक पड़ने के कारण ट्यूब फट जाता है |

    5) जाड़े में ठंड प्रदेशों के पानी के नल प्रायः जाते है ,क्यों ?

    उत्तर :- जाड़े में  ठंडे प्रदेशो  के पानी का तापमान 0C हो जाता है , इससे नल का पानी बर्फ बन जाता है जिससे उसके आयतन में वृद्धि हो जाती है , फलस्वरूप पानी के नल फट जाते है |

    क्लिक करे :- अंतरिक्ष रिसर्च के महत्त्वपूर्ण तथ्य

    6) गर्मी के दिनों में काला वस्त्रों के अपेक्षा उजला वस्त्र अधिक आरामदायक होता है ,क्यों ?

    उत्तर :- क्योकि उजला वस्त्र ऊष्मा का अवशोधण कम और उत्सर्जन ज्यादा करता है , जबकि काला या रंगीन वस्त्र ऊष्मा का अवशोषण ज्यादा और उत्सर्जनकम करता है ,श्वेत वस्त्र पहनना ज्यादा आरामदायक होता है |

    7) मोटर गाड़ी पर बैठे यात्री गाड़ी के एकाएक चल पड़ने से पीछे की ओर झुक जाते है ,क्यों ?

    उत्तर :- गाड़ी के अचानक चल पड़ने पर उस पर सवार यात्रीके शरीर का निचला भाग भी गतिशील हो जाता है , जबकि ऊपरीभाग विराम के जड़त्व के कारण विराम में ही रहता है | इसलिए ऊपरीभाग पीछे छोड़कर निचला भाग आगे चलता है | अतः यात्री पीछे की ओर झुक जाता है |  

    8) पानी में अंशतः डुबाई गईं छड़ी तिरछी दिखाई देती है ,क्यों ?

    उत्तर :- प्रकाश के अपवर्तन के कारण क्योकि पानी सघन माध्यम है ,वायु वायरल माध्यम है जब किरण सघन माध्यम से विरल माध्यम या विरल माध्यम से सघन माध्यम में जाती है तो अभिलम्ब से दूर भागती है ,जिससे छड़ी तिरछी दिखाई देती है |

    9)  फिसलन वाली जमीन पर चलना कठिन होता है ,क्यों ?

    उत्तर :- चलने के क्रम में सतह औरपैरो के बीच में घर्षण हुआ करता है ,जो तिरछेरूप से पीछे की ओर दबाता है अर्थात एक बल लगता है ,परन्तु बल बराबर एवं दिशा विपरीत  होने के कारण सतह पर गतिमान हो जाता है , लेकिन फिसलन वाली जमीं पर यह प्रक्रिया अपेक्षाकृत  कम कार्य करता है ,जिससे चलना कठिन होता है |

    10) कम्बल में लपेटी हुई बर्फ नहीं पिघलती है ,क्यों ?

    उत्तर:- कम्बल ताप का कुचालक होता है ,जिससे कम्बल से होकर वायुमंडलीय ताप इसमें नहीं के बराबर प्रवेश  करता है , अतः ताप के अभाव में बर्फ  नहीं पिघलता है | 

    क्लिक करे :-  गंगा नदी के 40 रोचक तथ्य 

    11) लोहे का जहाज पानी पर प्लवन करता  है , जबकि लोहे का टुकड़ा पानी में डूब जाता है , क्यों ?

     उत्तर:-  क्योकि लोहे के टुकड़े का भर विस्थापित पानी के भर से अधिक होता है ,किन्तु लोहे का    जहाज खोखली बनावट के कारण अधिक पानी का विस्थापन करता है जो उसके भर से अधिक होता  है |अतः डूबकर प्लवन करता है |

    12) रेल की पटरियों के बीच खाली स्थान छोड़ा जाता है ,क्यों ?

    उत्तर :- धातु में ताप के प्रभाव से प्रसार होता है | रेल की पटरी  इस्पात की बनी होती है , जिस पर जब सूर्य की गर्मी या अन्य स्रोतों के द्वारा ताप आरिपित होता है , तो उसमें फैलाव होता है ,जो की खाली स्थान के द्वारा संतुलित रहता है ,जिसके कारण कारण रेल की पटरी पूर्व स्थिति में रह  पाती है ,इसलिए रेल की पटरियों के बीच खाली स्थान छोड़ा जाता है ?

    13) मछलियाँ पानी से साँस कैसे लेती है  ?

    उत्तर :- मछलियाँ पानी में अपने गिल्स द्वारा सांस लेती है | मछलियाँ साँस लेने के लिए सबसे पहले मुंह में पानी लेती है | यह पानी गलफड़ो से होता हुआ बाहर निकल जाता है | पानी में घुली हुई ऑक्साइड गलफड़ो  की सूक्ष्म कोशिकाओं द्वारा सोख ली जाती है और गलफड़ो में प्रवाहित खून के साथ मिल जाता है | पुनः शरीर के अंदर संचरण करती है |

    14) बिना उबाला दूध जल्दी ख़राब हो जाता है ,क्यों ?

    उत्तर :- ताजे दूध में अनेक बैक्टीरिया होते है | वायु के संपर्क में आने से इनकी संख्या कुछ ही समय में बहुत ज्यादा बढ़ जाती  है | इन्ही   बैक्टीरिया के कारण दूध जल्दी ख़राब हो जाता है |

    15) लोग बेहोश हो जाते है ,क्यों ?

    उत्तर :- सामान्य रूप से कार्य करने के लिए यह आवश्यक है की मस्तिष्क में रक्त का संचार उचित एवं पर्याप्त मात्रा में होता रहे | जब तक हमारे मस्तिष्क में खून की आवश्यक मात्रापहुँचती रहती है तब तक हमारी सभी शारीरिक क्रियाएं सामान्य रूप से चलती रहती है | हमारे मस्तिष्क में किसी कारण से रक्त पहुँचने में कोई बाधा आ जाती है तो मनुष्य बेहोशी की अवस्था में आ जाता है  |

    16) मेंढक पानी और जमीन दोनों पर जीवित रहता है ,लेकिन मछलियाँ पानी के बाहर मर जाती है ,क्यों ?

    उत्तर :-  मेंढक पानी में रहने पर अपनी त्वचा से तथा जमीन पर रहने पर फेफड़े से साँस लेती है | मछलियाँ सिर्फ गिल की सहायता से साँस लेती है , जो सिर्फ पानी में घुल हुई ऑक्सीजन को ही ग्रहण करती है | मछलियां में फेफड़े नहीं होते , इसलिए वे पानी के बाहर आने पर मर जाती है |

    17) रात में पेंड के नीचे सोना हानिकारक होता है ,क्यों ?

    उत्तर :- दिन में सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में पौधे कार्बन डाइऑक्साइड श्वसन के विपरीत ऑक्सीजन लेते है और कार्बन डाइऑक्साइड छोड़ते है |इस प्रकार पेंड के नीचे ऑक्सीजन की कमी हो जाती है  और  कार्बन डाइऑक्साइड अधिक अधिक हो जाता है | इसके कारण श्वसन के लिए उचित मात्रा में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है और घुटन महसूस होती है | इसलिए रात में पेड़ के नीचे नहीं सोने की सलाह दी जाती है |

    18) छिपकलिया दीवार से चिपकी रहती है , कैसे ?

    उत्तर :-  छिपकलियो का पैर लचीलेदार कप का बना होता है ,जो हवा के दबाव के सहारे निर्वात (vaccum) उत्पन्न करके दीवार से चिपकी रहती है |

    19) प्यास क्यों लगती है ?

    उत्तर :- हमारे रक्त में जल एवं नमक सदैव ही एक स्थिर और निश्चित अनुपात में रहता है | शरीर के उतकों में भी ये पदार्थ रहते है |किसी कारण वश जल की मात्रा कम होने पर इन दोनों पदार्थो का अनुपात बदल जाता है |इस स्थिति में मस्तिष्क में उपस्थित प्यास केंद्र गले को संदेश भेजता है |,जिसके कारण गले में सिकुड़नपैदा होने लगता है |इस सिकुड़न से गला सूखने लगता है और हमें  प्यास महसूस होती है | 

    20) नदी या  समुद्र में एक ही दिशा में संमानांतर चल रहे दो जहाजो के परस्पर टकरा जाने की संभावना  बनी रहती है ,क्यों ?

    उत्तर :- जलयानो के परस्पर चलने से उनके बीच के स्थान का जलयानों के सापेक्ष पीछे के ओर गति करता है | जब जलयान पास आते है तो उनके बीच संकरे स्थान में जल चाल अधिक हो जाती है | बरनौली के सिद्धांत के अनुसार जलयानो इ बीच दाब कम हो जाता है |परन्तु जलयानो के बाहर का दाब वही रहता है | दाब के इसी अंतर के कारण बाहर से दबाव पड़ता है और जलयान आपस में टकरा जाते है |

    क्लिक करे :-  इतिहास से जुड़े रोचक तथ्य

    आज के इस लेख में हमने महत्वपूर्ण वैज्ञानिक कारणों के बारे में जाना। विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में वैज्ञानिक कारण से जुड़े प्रश्न पूछे जाते हैं।

    उम्मीद करता हूँ कि वैज्ञानिक कारण का यह लेख आपके लिए उपयोगी साबित होगा ,अगर आपको लेख अच्छी लगी हो तो इस लेख को शेयर जरुर करें।

    बौद्ध धर्म सामान्य ज्ञान (Buddhism General Knowledge in Hindi)

    बौद्ध धर्म सामान्य अध्ययन के वन लाइनर प्रश्न उत्तर (One Liner Question Answer of Buddhism General Studies)

    हेलो दोस्तों,आज के इस पोस्ट में हम बौद्ध धर्म के बारे में जानने वाले हैं। बौद्ध धर्म यथार्थ के सही रूप को  अपनाकर मानवीय गुणों को विकसित करने की बात कहता है। छठवीं शताब्दी में गौतम बुद्ध द्वारा बौद्ध धर्म की स्थापना की गयी थी। जिसके बाद से ही बौद्ध धर्म विश्व का दूसरा सबसे बड़ा धर्म बना है। गौतम बुद्ध के बचपन का नाम सिद्धार्थ था। गौतम बुद्ध के जन्म के सात दिन के बाद ही उनकी माता मायादेवी का देहांत हो गया। इस पोस्ट में बौद्ध धर्म के बारे में वन लाइनर प्रश्नों के माध्यम से बताया जा रहा है जिससे कम समय में आप बौद्ध धर्म के बारे में जान सकें। विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में भी बौद्ध धर्म से जुड़े प्रश्न पूछे जाते हैं।

    Buddhism General Knowledge in Hindi



    Baudh Dharm General knowledge Question-Answer Answer in Hindi

    Baudh Dharm GK Question & Answer in Hindi
    प्रश्न: गौतम बुद्ध का जन्म कब हुआ था?
    उत्तर:- 563 ई.पू.
    प्रश्न: गौतम बुद्ध का जन्म स्थल था
    उत्तर:- लुम्बिनी
    प्रश्न: वह आद्यतम बौद्ध साहित्य जो बुद्ध के विभिन्न जन्मों की कथाओं के विषय में है, क्या है?
    उत्तर:- जातक
    प्रश्न: 'त्रिपिटक' धर्म ग्रन्थ है
    उत्तर:- बौद्धों का
    प्रश्न: बुद्ध ने किस स्थान पर महापरिनिर्वाण (मृत्यु) प्राप्त किया था?
    उत्तर:- कुशीनगर में
    प्रश्न: भारत में सबसे प्राचीन विहार है
    उत्तर:- नालंदा
    प्रश्न: बुद्ध की मृत्यु के बाद प्रथम बौद्ध संगीति की अध्यक्षता किसने की?
    उत्तर:- महाकस्सप
    प्रश्न: नागार्जुन कौन थे?
    उत्तर:- बौद्ध दार्शनिक
    प्रश्न: किस नगर में प्रथम बौद्ध संगीति/सभा आयोजित की गई थी?
    उत्तर:- राजगृह
    प्रश्न: आष्टांगिक मार्ग की संकल्पना, अंग है
    उत्तर:- धर्मचक्रप्रवर्तन सुत्त के विषयवस्तु का
    प्रश्न: "मिलिंदपण्हो" राजा मिलिंद और किस बौद्ध भिक्षु के मध्य संवाद के रूप में है?
    उत्तर:- नागसेन
    प्रश्न: महायान बौद्ध धर्म में बोधिसत्व अवलोकितेश्वर को और किस अन्य नाम से जानते है?
    उत्तर:- पद्यपाणि
    प्रश्न: बौद्ध धर्म तथा जैन धर्म दोनों ही विश्वास करते हैं कि
    उत्तर:- कर्म तथा पुनर्जन्म के सिद्धान्त सही हैं
    प्रश्न: कनिष्क के शासनकाल में चतुर्थ बौद्ध संगीति/सभा किस नगर में आयोजित की गई थी?
    उत्तर:- कुण्डलवन, कश्मीर
    प्रश्न: तृतीय बौद्ध संगीति कहाँ आयोजित हुई?
    उत्तर:- पाटलिपुत्र में
    प्रश्न: गौतम बुद्ध के गुरु कौन थे?
    उत्तर:- आलार कलाम
    प्रश्न: बुद्ध में वैराग्य भावना किन चार दृश्यों के कारण बलवती हुई?
    उत्तर:- बूढ़ा, रोगी, लाश, संन्यासी
    प्रश्न: बुद्ध ने सर्वाधिक उपदेश कहाँ दिए?
    उत्तर:- श्रावस्ती में
    प्रश्न: बौद्ध शिक्षा का केन्द्र था -विक्रमशिला भारत में सबसे बड़ा बौद्ध स्तूप कहाँ स्थित है?
    उत्तर:- सांची में
    प्रश्न: किस शासक ने बौद्धों के लिए विख्यात विक्रमशिला विश्वविद्यालय की स्थापना की थी?
    उत्तर:- धर्मपाल ने
    प्रश्न: किसके द्वारा तृतीय बौद्ध संगीति को संरक्षण प्रदान किया गया था?
    उत्तर:- अशोक
    प्रश्न: बौद्ध ग्रंथ 'पिटकों' की रचना किस भाषा में की गई थी?
    उत्तर:- पालि
    प्रश्न: कश्मीर में कनिष्क के शासनकाल में जो बौद्ध संगीति आयोजित हुई थी उसकी अध्यक्षता किसने की थी?
    उत्तर:- वसुमित्र ने
    प्रश्न: मठ, मन्दिर और स्तूप किस धर्म से सम्बन्धित है?
    उत्तर:- बौद्ध धर्म
    प्रश्न: बौद्ध धर्म एवं जैन धर्म दोनों के उपदेश किसके शासनकाल में दिए गए थे?
    उत्तर:- बिम्बिसार के
    प्रश्न: गौतम बुद्ध ने अपना प्रथम उपदेश कहाँ दिया था?
    उत्तर:- सारनाथ में
    प्रश्न: बौद्ध धर्म ग्रहण करने वाली पहली महिला कौन थी?
    उत्तर:- महाप्रजापति गौतमी
    प्रश्न: बोधगया स्थित है
    उत्तर:- बिहार में
    प्रश्न: 'जातक' किसका ग्रन्थ है?
    उत्तर:- बौद्धों का
    प्रश्न: सिद्धार्थ (बुद्ध) को ज्ञान प्राप्ति कहाँ हुई थी?
    उत्तर:- बोधगया
    प्रश्न: सारनाथ में बुद्ध का प्रथम प्रवचन कहलाता है
    उत्तर:- धर्मचक्रप्रवर्तन
    प्रश्न: बौद्ध धर्म ने समाज के किन वर्गों पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाला?
    उत्तर:- महिला और शूद्र
    प्रश्न: बुद्ध के गृहत्याग का प्रतीक है
    उत्तर:- घोड़ा
    प्रश्न: गौतम बुद्ध द्वारा भिक्षुणी संघ की स्थापना कहाँ की गयी थी?
    उत्तर:- कपिलवस्तु में
    प्रश्न: सर्वप्रथम शून्यवाद (शून्यता का सिद्धान्त) का प्रतिपादन करने वाले बौद्ध दार्शनिक का नाम है
    उत्तर:- नागार्जुन
    प्रश्न: किस शासक के शासनकाल में नेपाल में बौद्ध धर्म का गमन हुआ था?
    उत्तर:- अशोक
    प्रश्न: सांची क्यों विख्यात है?
    उत्तर:- सबसे बड़ा बौद्ध स्तूप के लिए
    प्रश्न: किस भाषा का ज्यादा प्रयोग बौद्धवाद के प्रचार के लिए किया गया है?
    उत्तर:- पालि
    प्रश्न: बुद्ध के जीवन की किस घटना को 'महाभिनिष्क्रमण' के रूप में जाना जाता है?
    उत्तर:- उनका गृह-त्याग
    प्रश्न: गौतम बुद्ध को माँ किस वंश से सम्बन्धित थीं?
    उत्तर:- कोलिय वंश से
    प्रश्न: किस राजा के एक अभिलेख से सूचना मिलती है कि शाक्य मुनि बुद्ध का जन्म लुंबिनी में हुआ था?
    उत्तर:- अशोक
    प्रश्न: बुद्ध ने सर्वाधिक उपदेश दिए थे
    उत्तर:- श्रावस्ती में

    आज के इस पोस्ट में हमने बौद्ध धर्म से जुड़े महत्वपूर्ण वन लाइनर प्रश्नों के बारे में पढ़ा और जाना। विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में भी बौद्ध धर्म से जुड़ प्रश्न पूछे जाते हैं,इसलिए इन प्रश्नों के बारे में हमें जरुर जानना चाहिए।

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    अंतरिक्ष के बारे में रोचक तथ्य (Interesting Facts about Space in Hindi)

    अंतरिक्ष के बारे में रोचक तथ्य (Interesting Facts about Space in Hindi)

    आज के इस आर्टिकल में अंतरिक्ष के बारे में रोचक तथ्य के बारे में जानेंगे। अन्तरिक्ष जिसे अंग्रेजी में स्पेस (Space) भी कहा जाता है। पृथ्वी के ऊपर 100 किलोमीटर के खाली जगह को अन्तरिक्ष कहते हैं। जहाँ श्वसन करना भी कठिन  हो जाता है। अन्तरिक्ष में विभिन्न गैसें एवं धुल के कण होते हैं। अन्तरिक्ष को 'व्योम' भी कहा जाता है। अंतरिक्ष से जुड़े प्रश्न प्राय: प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे-UPSC,STATE PCS,RRB,NTPC,SSC,RAILWAY,BANKING PO,BANKING CLERK, IBPS, NET/JRF इत्यादि में पूछे जाते हैं। अन्तरिक्ष से जुड़े विभिन्न तथ्यों को जानने के लिए इस पोस्ट को पूरा जरुर पढ़ें।
    Interesting Facts about Space in Hindi


    Interesting Facts about Space in Hindi

    • अंतरिक्ष पर्यायवाची : अनंत, अंतरिक्ष, अभ्र, आसमान, गगन, दिव, नभ, पुष्कर, व्योम, अम्बर, आसमान।

    • अरुण (यूरेनस) सूर्य की एक परिक्रमा 84 वर्ष में करता है। 

    • राकेश शर्मा भारत के प्रथम और विश्व के 138 वें अंतरिक्ष यात्री थे।

    • अंतरिक्ष यान में शून्य गुरुत्वाकर्षण के कारण बाल खड़े रहते है।

    • शनि सूर्य का एक चक्कर 29.5 वर्ष में लगाता है।

    • हमारे सौर मंडल में अनेक छोट पिंड है जैसे : क्षुद्रग्रह, बर्फ़ीला काइपर घेरा के पिंड, धूमकेतु, उल्कायें और ग्रहों के बीच की धूल।

    • हमारे सौर मंडल में 8 ग्रह, उनके 172 ज्ञात उपग्रह, 5 बौने ग्रह और अरबों छोटे पिंड शामिल हैं।

    • किसी ब्रह्माण्डीय पिण्ड, जैसे पृथ्वी, से दूर जो शून्य (void) होता है उसे अंतरिक्ष (Outer space) कहते हैं।

    • अरुण ग्रह को हरा ग्रह कहा जाता है। (मिथेन के कारण)

    • बृहस्पति सर्वाधिक प्राकृतिक उपग्रहों वाला ग्रह है। (67 उपग्रह) 
    विज्ञान और गणित का इतिहास

    • टाइटन सबसे बड़ा उपग्रह है। (शनि का उपग्रह)

    • वरुण ग्रह सौर मण्डल का सबसे ठंडा ग्रह है। (तापमान: -193°C)

    • भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) अहमदाबाद में स्थित है।

    • इसरो का गठन किस वर्ष 1969 में किया गया था।

    • भारत का प्रथम उपग्रह आर्यभट्ट वर्ष 1975 छोड़ा गया था।

    • विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (VSSC) तिरुवनन्तपुरम में स्थित है।

    • ग्रीन हाउस गैसों को मॉनिटर करने के लिए विश्व का पहला उपग्रह जापान ने छोड़ा था।

    • भारत का उपग्रह प्रमोचन केंद्र श्री हरिकोटा में स्थित है।

    • शुक्र ग्रह का अन्वेषण वाले पहले रोबोट अंतरिक्षयान का नाम मैगैलन था।

    • कोलंबिया अंतरिक्ष यान में विस्फोट हो जाने के कारण अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला की मृत्यु हो गई थी।
    • अपोलो चांद पर आदमी को ले जाने वाला स्पेश शटल था।

    • चंद्रमा पर कदम रखने वाला प्रथम व्यक्ति नील आर्मस्ट्रांग था।

    • भारत के चंद्र मिशन को चंद्रयान- I नाम दिया गया था।

    • यूरी गागरिन अंतरिक्ष मे जाने वाला पहला इंसान था।

    • सर्वप्रथम अंतरिक्ष में उपग्रह भेजने वाला देश रूस है।

    • जानवरों में लाईका नाम की कुतिया को पहली बार अंतरिक्ष में ले जाया गया था।

    • वेलेन्टिना तरेश्कोवा अंतरिक्ष मे जाने वाली पहली महिला है।

    • राकेश शर्मा अंतरिक्ष मे जाने वाला प्रथम भारतीय है।

    • अमेरिका चन्द्रमा पर इंसान भेजने वाला पहला देश है।

    • मंगल ग्रह पर चालक रहित (स्वचालित) अंतरिक्षयान भेजने वाला पहला देश अमेरिका है।
      1. रोचक सूर्य के रोचक तथ्य
    • मंगल ग्रह पर उतरने वाला पहला अंतरिक्ष यान वाइकिंग-1 है।

    • कोलंबिया अंतरिक्ष में भेजे जाने वाला प्रथम स्‍पेस शटल (स्‍पेस क्राफ्ट) है।

    • एलैक्सी लियोनोव ने अंतरिक्ष में अंतरिक्षयान से बाहर निकलकर इतिहास रचा था। (18 मार्च 1965 में)

    • सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र श्रीहरिकोटा आंध्र प्रदेश में स्थित है।

    • भारत में अंतरिक्ष उपयोग केंद्र (Space Applications Centre - सैक) अहमदाबाद स्थित है।

    • भारत का पहला विशेष मौसम विज्ञान उपग्रह मेटसैट है।

    • नासा का मुख्यालय वाशिंगटन में है।

    • मंगल ग्रह रात में पृथ्वी से हल्का लाल दिखता है।

    • वेलेंटीना टैरेशकोवा अंतरिक्ष में पहुंचने वाली पहली महिला है।

    • स्वेतलाना सवित्सकाया अंतरिक्ष स्टेशन पर उड़ान भरने वाली पहली महिला है।

    • बुध ग्रह के पास सबसे तेज परिक्रमण का समय है, क्योकि यह सूर्य के सबसे निकट है।

    • स्पुतनिक 1 पहला कृत्रिम उपग्रह है। (सोवियत संघ द्वारा 4 अक्टूबर 1957)

    • नील एल्डन आर्मस्ट्रांग चंद्रमा पर कदम रखने वाले प्रथम व्यक्ति थे।

    • एलेक्सी लियोनोव अंतरिक्ष में चहलक़दमी करने वाले पहले व्यक्ति थे।

    • शुक्र ग्रह को ‘सौन्दर्य का देवता’ कहा जाता है।

    • सूर्य में हाइड्रोजन सर्वाधिक मात्रा में है।

    आज के इस आर्टिकल में अंतरिक्ष के बारे में रोचक तथ्य के बारे में जाना, अन्तरिक्ष पृथ्वी के ऊपर उस भाग को कहते जहाँ साँस लेना भी कठिन हो जाता है। अन्तरिक्ष में विभिन्न गैसें और धूल के कण पाए जाते हैं। इस आर्टिकल में अन्तरिक्ष के बारे बहुत सारी महत्वपूर्ण बातों को बताया गया है ,जो परिक्षपयोगी दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है।

    आशा करता हूँ कि अंतरिक्ष के बारे में रोचक तथ्य की यह पोस्ट आपके लिए उपयोगी साबित होगी ,यदि आपको पोस्ट पसंद आये तो पोस्ट को शेयर जरुर करें।

    सूर्य के बारे में रोचक बातें (interesting things about the Sun in Hindi)

    सूर्य के बारे में  रोचक बातें। interesting things about the Sun in Hindi।

    आज के इस पोस्ट में सूर्य के बारे में रोचक बातों के बारे में जानेंगे। हिंदी मान्यताओं के अनुसार सूर्य को देवता के रूप में माना जाता है।  सूर्य  सौरमंडल  के केंद्र में स्थित एक तारा है ,जिसके चारों ओर सौरमंडल के ग्रह परिक्रमा करते हैं। सूर्य से सम्बंधित प्रश्न विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे-UPSC,STATE PCS,RRB,NTPC,SSC,RAILWAY,BANKING PO, BANKING CLERK इत्यादि में पूछे जाते हैं।

    सूर्य - THE SUN

    सूर्य के बारे में रोचक बातें (interesting things about the Sun in Hindi)
    सूर्य (Sun)

    सूर्य - तारा (Sun Star)

    सूर्य के बारे में ग़ज़ब रोचक तथ्य, Interesting Facts about Sun in Hindi, सूर्य के बारे में आश्चर्य और रोचक बातें, सूर्य के धार्मिक मान्यताएं, सूर्य की अन्य ग्रहों की दुरी कितनी है।

    THE SUN : जब तक सूरज दिन में उगता नही है तब तक लगता ही नही है की सुबह हुई है. चाहे घड़ी में कितना ही क्यों न बजा हो. हमारे लिए और सारी दुनिया के लिए सूर्य बहुत ही जरुरी है, तो चलिए जानते है सूर्य के बारे में सामान्य और रोचक तथ्य -

    1. सूर्य हमारे सौर मंडल का सबसे बड़ा पिंड है।

    2. सूर्य ग्रह नहीं है, यह एक तारा है।

    3. सूर्य का औसत व्यास (Diameter) लगभग 13 लाख 90 हज़ार कि.मी. (13,90,000 km) है।

    4. सूर्य पृथ्वी से 900 गुना अधिक बड़ा है।

    5. सूर्य आकाश गंगा के केन्द्र की परिक्रमा करता है।

    6. सूर्य परिक्रमा  करने में 22 से 25 करोड़ वर्ष लगते हैं।

    7. सूर्य की परिक्रमा करने की गति 251 कि.मी. प्रति सेकेंड है।

    8. सूर्य पृथ्वी से लगभग 14 अरब 96 लाख कि.मी. (14,96,00,000 km) दुरी पर है।

    9. सूर्य से प्रकाश को पृथ्वी तक आने में 8.3 मिनट का समय लगता है।

    10. सूर्य की सतह का निर्माण हाइड्रोजन (H), हिलियम (Hi), लोहा (Fe), निकेल (Ni), ऑक्सीजन (O), सिलिकन (Si), सल्फर (S), मैग्निसियम (Mg), कार्बन (C), नियोन (Ne), कैल्सियम (Ca), क्रोमियम (Cr) आदि तत्वों से हुआ है।

    11. सूर्य में सबसे जयादा मात्रा में हाइड्रोजन (H) उपलब्ध है। (हाइड्रोजन - 74%)

    12. सूर्य लगभग गोलाकार है।

    13. सूर्य को दूरदर्शी यंत्र से देखने पर इसकी सतह पर छोटे-बड़े धब्बे दिखाई देते हैं। जिसे सौर कलंक (Sunspots) कहा जाता है।

    14. सौर कलंक (Sunspots) का जीवनकाल कुछ घंटे से लेकर कुछ सप्ताह तक होता है।

    15. सूर्य की मज़बूत गुरुत्त्वाकर्षण शक्ति ही विभिन्न कक्षाओं में घूमते हुए सभी ग्रहों को अपनी तरफ खींचकर रखती है।

    16. सूर्य के पर्यायवाची/समानार्थी शब्द - रवि, दिवाकर, सूरज, भानु, प्रभाकर, दिनेश, सविता, दिनकर, अंशुमाली, अंशुमान।

    Read: ज्वलामुखी के बारे में जाने

    नीचे और है -

    सूर्य की अन्य ग्रहों से दूरी -

    नोट - सूर्य और अन्य ग्रहों की दूरी आन्क्षिक रूप से बदलती रहती है।
    1. बुध (Mercury) की सूर्य से दूरी - लगभग 5 करोड़ 79 लाख 10 हजार कि.मी.  या 57.91 मिलियन किलोमीटर (5,79,10,000 km)।

    2. शुक्र (Venus) की सूर्य से दूरी लगभग 10 करोड़ 82 लाख कि.मी.  या  108.2 मिलियन किलोमीटर (10,82,00,000 km)।

    3. पृथ्वी (Earth) की सूर्य से दूरीलगभग 14 करोड़ 96 लाख कि.मी.  या  149.6 मिलियन किलोमीटर (14,96,00,000 km)।

    4. मंगल (Mars) की सूर्य से दूरी लगभग 22 करोड़ 79 लाख कि.मी.  या  227.9 मिलियन किलोमीटर (22,79,00,000 km)।

    5. बृहस्पति (Jupiter) की सूर्य से दूरीलगभग 77 करोड़ 85 लाख कि.मी.  या  778.5 मिलियन किलोमीटर (77,85,00,000 km)।

    6. शनि (Saturn) की सूर्य से दूरीलगभग 1 अरब 43 करोड़ 40 लाख कि.मी. 1.434 बिलियन किलोमीटर (1,43,40,00,000 km)।

    7. अरुण (Uranus) की सूर्य से दूरीलगभग 2 अरब 87 करोड़ 10 लाख कि.मी. 2.871 बिलियन किलोमीटर (2,87,10,00,000 km)।

    8. वरुण (Neptune) की सूर्य से दूरीलगभग 4 अरब 49 करोड़ 50 लाख कि.मी. 4.495 बिलियन किलोमीटर (4,49,50,00,000 km)।


    सूर्य के सम्बन्ध में सूर्य नमस्कार प्रमुख है।


    सूर्य - धार्मिक मान्यता

    • बहुत से धर्मों में सूर्य को देव मानते है।
    • सूर्य को वेदों में जगत की आत्मा कहा गया है।
    • प्राचीन भारत (वैदिक काल) में आर्य सूर्य को सारे जगत का कर्ता-धर्ता मानते थे।
    • सूर्य के अन्य नाम - सूर्यनारायण , दिनेश , आदित्य , दिनकर , रवि , भानु आदि।
    • वैदिक काल से ही भारत में सूर्य पूजा का प्रचलन रहा है।
    • ज्योतिष सूर्य से जीवन में पड़ने वाले वाले प्रभाव को अनामिका (ring finger) उंगली में बनी सूर्य रेखा को देखकर बताते है।

    इन  रोचक तथ्यों को भी  पढ़ें -

    डॉ॰ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के बारे में 21 रोचक तथ्य | 21 interesting facts about Dr. Sarvepalli Radhakrishnan in Hindi।

    डॉ॰ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के बारे में 21 रोचक तथ्य( 21 interesting facts about Dr. Sarvepalli Radhakrishnan)

    डॉ॰ सर्वपल्ली राधाकृष्णन-Rochak Tathya : भारत के पहले उपराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति के तौर पर डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन (Dr. Sarvepalli Radhakrishnan) का नाम भारतीय इतिहास में स्वर्ण अक्षरों से लिखा गया है। उनका मानना था कि शिक्षकों का दिमाग देश में सबसे अच्छा होना चाइये, क्यूंकि देश को बनाने में उन्हीं का सबसे बड़ा योगदान होता है। डॉ॰ सर्वपल्ली राधाकृष्णन  के बारे में अक्सर प्रतियोगी परीक्षाओं में भी पूछे जाते है। डॉ॰ सर्वपल्ली राधाकृष्णन को  देश की स्वतंत्रता में योगदान देने के लिए भी  याद  किया जाता है।डॉ॰ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के बारे में रोचक तथ्यों को जानने के लिए पोस्ट को पूरा जरूर पढ़ें।

                                               डॉ॰ सर्वपल्ली राधाकृष्णन  के बारे में 21 रोचक तथ्य | 21 interesting facts about Dr. Sarvepalli Radhakrishnan in Hindi।


    डॉ॰ सर्वपल्ली राधाकृष्णन  के बारे में रोचक तथ्य (Dr. Sarvepalli Radhakrishnan Interesting Facts)

    1. सबसे महत्वपूर्ण तथ्य यह है की इनका जन्मदिन (5 सितम्बर) भारत में शिक्षक दिवस (Teachers’ Day) के रूप में मनाया जाता है।

    2. डॉ॰ सर्वपल्ली राधाकृष्णन को सन् 1954 में भारत सरकार ने सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से अलंकृत किया था।

    3. डॉ॰ राधाकृष्णन एक निर्धन किन्तु विद्वान ब्राह्मण की सन्तान थे। (पिता - सर्वपल्ली वीरासमियाह) (माता – सीताम्मा)।

    4. वह बचपन से ही मेधावी (brilliant) थे।

    5. डॉ॰ सर्वपल्ली का विवाह मात्र 14 वर्ष की आयु में हो गया था। क्योकि उस वक्त विवाह कम उम्र में ही क्र दिया जाता था।

    6. लगभग 20 वर्ष की आयु में ही पिता बन गये थे। (पुत्री – सुमित्रा)

    7. विवाह के समय उनकी पत्नी की आयु मात्र 10 वर्ष की थी।

    8. 1908 में उन्होंने एम० ए० की उपाधि प्राप्त करने के लिये एक शोध लेख भी लिखा। इस समय उनकी आयु मात्र 20 वर्ष की थी।

    9. 1909 में 21 वर्ष की उम्र में डॉ॰ राधाकृष्णन ने मद्रास प्रेसिडेंसी कॉलेज में कनिष्ठ व्याख्याता के तौर पर दर्शन शास्त्र पढ़ाना प्रारम्भ किया।

    10. इस समय इनका वेतन मात्र 37 रुपये था। 
    11. डॉ॰ राधाकृष्णन अपनी बुद्धि से परिपूर्ण व्याख्याओं, आनन्ददायी अभिव्यक्तियों और हल्की गुदगुदाने वाली कहानियों से छात्रों को मन्त्रमुग्ध कर देते थे।

    12.  जब डॉ॰ राधाकृष्णन एक शिक्षक थे, तब भी वे नियमों के दायरों में नहीं बँधे थे। कक्षा में यह 20 मिनट देरी से आते थे और 10 मिनट पूर्व ही चले जाते थे।

    13. सन् 1952 में  वे स्वतंत्र भारत के पहले उप-राष्ट्रपति बने और 1962 में, वे भारत के दूसरे राष्ट्रपति बने।

    14. डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने घोषणा की कि सप्ताह में दो दिन कोई भी व्यक्ति उनसे बिना पूर्व अनुमति के मिल सकता है। इस तरह से उन्होंने राष्ट्रपति को आम लोगों के लिए भी खोल दिया था।

    15. डॉ॰ सर्वपल्ली ने ऑक्सफ़र्ड यूनिवर्सिटी 17 साल (1936 से 1952 तक) पढ़ाया हैं।

    16. सर्वपल्ली राधाकृष्णन आन्ध्र विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर और काशी हिन्दू विश्‍वविद्यालय व दिल्ली विश्‍वविद्यालय के चांसलर (कुलपति) रह चुके हैं।

    17. 1929 में इन्हें व्याख्यान देने हेतु 'मानचेस्टर विश्वविद्यालय' द्वारा आमन्त्रित किया गया।

    18. डॉ॰ राधाकृष्णन, स्वामी विवेकानद  को अपना गुरु मानते थे।

    19. इन्होने अनेक पुस्तकों की रचना की, जैसे : द एथिक्स ऑफ़ वेदांत (The Ethics of the Vedanta), माई सर्च फॉर ट्रुथ (My Search for Truth), रिलीजन एंड सोसाइटी (Religion and Society), इंडियन फिलासफी (Indian philosophy) आदि।

    20. डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की 5 संतान - सुमि‌‌त्रा, शकुंतला, रुक्मिणी कस्तूरी तथा 1 पुत्र - सर्वपल्ली गोपाल था।

    21. डॉ॰ राधाकृष्णन जी के अनुसार जीवन बहुत ही छोटा है परन्तु इसमें व्याप्त खुशियाँ अनिश्चित हैं। (17 अप्रैल 1975 (आयु: 86 वर्ष)।
    FAQs:-

    1.डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के अनुसार शिक्षा क्या है?
    उत्तर:- डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के अनुसार शिक्षा का मुख्य उद्देश्य करुणा, प्रेम और श्रेष्ठ परम्पराओं का विकास है।  

    2.डॉ राधाकृष्णन कितने वर्ष अध्यापन कार्य में बिताए?
    उत्तर:- डॉ॰ राधाकृष्णन जी ने अपने जीवन के 40 वर्ष अध्यापन कार्य में बिताये।

    आज के इस पोस्ट में डॉ॰ सर्वपल्ली राधाकृष्णन  के बारे में 21 रोचक तथ्य के बारे में जाना।  डॉ॰ सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जन्म जयंती को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। साथ विभिन्न प्रतिस्पर्धी  परीक्षाओं में भी डॉ॰ सर्वपल्ली राधाकृष्णन से जुड़े प्रश्न पूछे जाते हैं।

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    सम्राट अशोक के बारे में 40 रोचक तथ्य |40 Interesting Facts About Emperor Ashoka in Hindi ।

    सम्राट अशोक के बारे में 40 रोचक तथ्य | 40 Interesting Facts About Emperor Ashoka।

    आज के इस पोस्ट में सम्राट अशोक के बारे में 40 रोचक तथ्य के बारे में जानेंगे। चक्रवर्ती सम्राट अशोक (संस्कृत: अशोकः ) (ईसा पूर्व 304 से ईसा पूर्व 232) विश्वप्रसिद्ध एवं शक्तिशाली भारतीय मौर्य राजवंश के महान सम्राट थे। सम्राट अशोक से सम्बंधित प्रश्न अक्सर प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे-UPSC,STATE PCS,RRB,NTPC,RAILWAY,BANKING PO, BANKING CLERK इत्यादि में पूछा जाता है। सम्राट अशोक का पूरा नाम देवानांप्रिय अशोक मौर्य (राजा प्रियदर्शी देवताओं का प्रिय) था। सम्राट अशोक के बारे में 40 रोचक तथ्य जानने के लिए पोस्ट को पूरा जरुर पढ़ें ।

    सम्राट अशोक के बारे में 40 रोचक तथ्य |40 Interesting Facts About Emperor Ashoka in Hindi ।

    सम्राट अशोक (273 ई.पू.-232 ई.पू.)

    Emperor Ashoka Interesting Facts 

    1. अशोक का जन्म 304 ई.पू. मे पाटलिपुत्र में हुआ था। 

    2. चक्रवर्ती अशोक सम्राट बिन्दुसार तथा रानी सुभद्रंगी का पुत्र था।

    3. बिन्दुसार की मृत्यु के उपरान्त अशोक मौर्य साम्राज्य का शासक बना। 

    4. एक शासक के रूप में सम्राट अशोक विश्व इतिहास में एक विशिष्ट स्थान रखता है। 

    5. सिंहली अनुश्रुति के अनुसार अशोक ने अपने 99 भाईयों का वध करके मौर्य साम्राज्य का सिंहासन प्राप्त किया था। 

    6. बौद्ध ग्रंथों के अनुसार अशोक का राज्याभिषेक बुद्ध के महापरिनिर्वाण के 218 वर्ष बाद हुआ था। 

    7. अभिलेखों एवं साहित्यिक ग्रंथों में सम्राट अशोक को 'देवनाम प्रियदर्शी' कहा गया है। 

    8. अशोक ने अपने राज्याभिषेक के नवें वर्ष (260 ई. पू.) में कलिंग पर आक्रमण करके उस पर अपना अधिपत्य स्थापित कर लिया। 

    9. कुछ इतिहासकारों के अनुसार कलिंग को जीतना आवश्यक था, क्योंकि दक्षिण के साथ सीधे संपर्क के लिए एक स्वतंत्र राज्य के समुद्री और स्थल मार्ग पर नियंत्रण होना जरूरी था।

    10. कौटिल्य (चाणक्य) के अनुसार कलिंग साम्राज्य हाथियों के लिए प्रसिद्ध था। इन्हीं हाथियों को प्राप्त करने के लिए अशोक ने कलिंग पर आक्रमण किया था। 

    11. कलिंग के हाथी गुफा अभिलेख से प्रकट होता है कि अशोक के कलिंग आक्रमण के समय कलिंग पर 'नन्दराज' नाम का कोई राजा राज्य कर रहा था। 

    12. कलिंग युद्ध तथा उसके परिणामों के विषय में अशोक के तेरहवें शिलालेख में विस्तृत जानकारी दी गई है। 

    13. अशोक के अभिलेखों से यह स्पष्ट होता है कि उसका साम्राज्य उत्तर-पश्चिम सीमा प्रांत (अफगानिस्तान), दक्षिण में कर्नाटक, पश्चिम में काठियावाड़ और पूर्व में बंगाल की खाड़ी तक विस्तृत था। 

    14. पुराणों में सम्राट अशोक को 'अशोक वर्द्धन' कहा गया है। राजगद्दी पर बैठने के समय अशोक अवन्ती का राज्यपाल था। 

    15. हेनसांग के अनुसार अशोक ने श्रीनगर की स्थापना की, जो वर्तमान में जम्मू-कश्मीर की राजधानी है। 

    16. अशोक ने नेपाल में ललितपाटन नामक नगर का निर्माण करवाया था। दिव्यावदान से पता चलता है कि अशोक के समय तक बंगाल मौर्य साम्राज्य का अंग था। 

    17. ह्वेनसांग ने अपनी यात्रा के दौरान बंगाल में अशोक द्वारा निर्मित स्तूप देखा था। 

    18. कल्हण द्वारा रचित ग्रंथ राजतरंगिणी के अनुसार अपने जीवन के प्रारंभ में अशोक शैव धर्म का उपासक था। 

    19. बौद्ध ग्रंथों के अनुसार कलिंग युद्ध के बाद अशोक ने बौद्ध धर्म अपना लिया।

    20. बौद्ध ग्रंथ दिव्यावदान के अनुसार उपगुप्त नामक बौद्ध भिक्षु ने अशोक को बौद्ध धर्म में दीक्षित किया। 

    21. अशोक का बौद्ध होने का प्रमाण उसके (वैराट-राजस्थान) लघु शिला लेख से प्राप्त होता है, जिसमें अशोक ने स्पष्टत : बुद्ध, धम्म और संघ का अभिवादन किया है।


    22. Ashok Smrat One liner Gk in Hindi

    23. अशोक के शासनकाल में 250 ई. पू. में बौद्ध धर्मावलम्बियों को पुनर्गठित करने के लिए बौद्ध परिषद् का तीसरा महासम्मेलन आयोजित किया गया।

    24. कलिंग युद्ध की विभीषिका(आतंक) ने अशोक के मन को बुरी तरह झकझोर दिया क्योंकि इस युद्ध का कलिंग के लोगों पर विनाशकारी प्रभाव पड़ा।

    25. युद्ध की नृशंसता और व्यापक हिंसा को देखकर अशोक हदय पश्चाताप से भर गया। परिणामस्वरूप उसने आक्रमण और विजय की नीति त्याग कर धर्मघोष की नीति का अनुसरण किया। 

    26. अशोक के धर्म का उद्देश्य एक ऐसी मानसिक प्रवृत्ति की आधारशिला रखना था, जिसमें सामाजिक उत्तरदायित्व की एक व्यक्ति के दूसरे व्यक्ति के प्रति व्यवहार को अत्यधिक महत्वपूर्ण समझा गया। 

    27. अशोक के धर्म में महिमा को स्वीकृति प्रदान करने और समा के क्रियाकलापों में नैतिक उत्थान की भावना का संचार करने का आग्रह था। 

    28. अशोक का धर्म वस्तुतः विभिन्न धर्मों का समन्वय है। वह नैतिक आचरणों का एक संग्रह है, जो 'जियो और जीने दो' की मूल पद्धति पर आधारित था। 

    29. इसमें कोई सन्देह नहीं है कि अशोक का व्यक्तिगत धर्म बौद्ध धर्म ही था। लेकिन यह भी सच है कि अशोक सभी धर्म का आदर करता था और सभी पंथों एवं संप्रदायों के नैतिक मूल्यों के बीच पायी जाने वाली एकता में विश्वास करता था। 

    30. रोमिला थापर ने अशोक के धर्म की तुलना अकबर के 'दीन-ए-इलाही' से की है। उनके शब्दों में, अशोक का धर्म औपचारिक धार्मिक विश्वासों पर आधारित सद्कार्यों से प्रसूत नैतिक पवित्रता तक ही सीमित नहीं था, बल्कि वह सामाजिक दायित्व बोध से भी प्रेरित था।

    31. वस्तुतः यह कहा जा सकता है कि अपनी प्रजा के नैतिक उत्थान के लिए अशोक ने जिन आचारों की संहिता प्रस्तुत की उसे उसके अभिलेखों में धर्म कहा गया है । 
    32. अशोक की मृत्यु के बाद मौर्य साम्राज्य की गद्दी पर ऐसे अनेक कमजोर शासक आसीन हुए, जो मौर्य साम्राज्य की प्रतिष्ठा को बचा पाने में असमर्थ सावित हुए। 

    33. अशोक के बाद मौर्य साम्राज्य के उत्तराधिकारियों का क्रम इस प्रकार है- मुजाल, दशरथ, संप्रति, शलिशुक, देववर्मन और सतधनवा। 

    34. मौर्य साम्राज्य का अंतिम शासक बृहद्रथ था, जिसकी हत्या करने के पश्चात् उसके सेनापति पुष्यमित्र शुंग ने 185 ई.पू में शुंग वंश की स्थापना की।

    35. सम्राट अशोक को शासन में सहायता प्रदान करने के लिए मंत्रिपरिषद् को व्यवस्था थी। प्रमुख मंत्रियों को तीर्थ कहा जाता था। 

    36. कौटिल्य के अर्थशास्त्र के अनुसार 18 तीर्थ थे। सबसे महत्वपूर्ण तीर्थ या महामात्य, मंत्री और पुरोहित थे। 

    37. कौटिल्य ने मौर्य प्रशासन के लिए संप्रग सिद्धांत का प्रतिपादन किया था, जिसमें राजा, अमात्य, मित्र, कोष, दुर्ग, सेना तथा देश शामिल थे। 

    38. मौर्य शासन राजतंत्रात्मक, वंशानुगत, ज्येष्ठाधिकारिता देव के ग्रथों तथा निरंकुशता पर आधारित था। 

    39. मौर्य साम्राज्य में केन्द्रीय शासन की व्यवस्था की। 

    40. अशोक के अभिलेखों से साम्राज्य के पांच प्रान्तों में विभक्त होने का संकेत मिलता है एवं केन्द्रीय प्रशासन का प्रांतों पर नियंत्रण होने का उल्लेख मिलता है।

    41. मौर्यकालीन अर्थव्यवस्था कृषि, पशुपालन और वाणिज्य पर आधारित थी, जिन्हें सम्मिलित रूप से 'वार्ता' के नाम से जाना जाता था।

    FAQs:-

    1.दुनिया का सबसे बड़ा सम्राट कौन था?
    उत्तर:- सम्राट अशोक को ही भारत का सबसे शक्तिशाली और महान सम्राट माना जाता है । 

    2. अशोक की मृत्यु कब हुई ?
    उत्तर:- अशोक की मृत्यु  232 ईसा पूर्व में हुई।

    आज के इस में  सम्राट अशोक के बारे में 40 रोचक तथ्य के बारे में जाना ,जो अक्सर प्रतियोगी परीक्षाओं मे पूछे जाते हैं। सम्राट अशोक, Samrat Ashok Gk in Hindi, rochak-tathya-emperor-ashoka-hindi, Emperor Ashoka Interesting Facts In Hindi

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    सिकन्दर का भारत विजय अभियान.Alexander's conquest of India in Hindi.

    सिकन्दर का भारत अभियान (Alexander's conquest of India)

    आज के इस पोस्ट में सिकन्दर का भारत विजय अभियान से सम्बंधित महत्वपूर्ण बातों के बारे में जानेंगे.जो हमारे भारत के इतिहास से जुडी हुई हैं सिकन्दर का भारत विजय अभियान से जुड़े प्रश्न प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे-UP[SC,STATE PCS,RRB,NTPC,SSC,RAILWAY,BANKING PO, BANKING,CLERK और विभिन्न परीक्षाओं में पूछे जाते हैं. सिकन्दर (Alexander) 326 ई.सा पूर्व बैक्ट्रिया से भारत विजय के अभियान पर निकला और काबुल होते हुए हिन्दुकुश पर्वत को पारकर सिन्धु नदी के तट पर पहुँचा.

    सिकन्दर का भारत विजय अभियान-32 रोमांचक बातें

    1. इनका नाम - सिकंदर या अलेक्जेंडर द ग्रेट (अंग्रेज़ी: Alexander)

    2. सिकन्दर (एलेक्जेण्डर) यूनान के मेसीडोनिया का शासक था ।

    3. सिकन्दर के पिता का नाम फिलिप द्वितीय था।

    4. सिकंदर की माता का नाम ओलंपियस था.

    5. सिकन्दर विश्व विजय की महत्वाकांक्षा रखता था।

    6. अपनी इस महत्वाकांक्षा को साकार करने के लिए उसने भारत पर 326-327 ई.पू. में आक्रमण किया।

    7. इस युद्ध को 'हाइडेस्पेस का युद्ध' भी कहा गया है।

    8. सिकन्दर का सेनापति सेल्यूकस निकेटर था।

    9. भारत में सर्वप्रथम सिकन्दर का सामना तक्षशिला के शासक आंभी से हुआ।

    10. आंभी ने शीघ्र ही समर्पण कर दिया और सिकन्दर को सहायता का वचन दिया।


    11. सिकन्दर का भारत में सर्वाधिक महत्वपूर्ण युद्ध झेलम नदी के तट पर पुरु या पोरस के साथ हुआ, जिसे वितस्ता का युद्ध कहा जाता है।

    12. सिकन्दर के आक्रमण के समय पश्चिमोत्तर भारत अनेक छोटे-छोटे राज्यों में विभक्त था, जिसमें कुछ राजतंत्रात्मक तथा कुछ गणराज्य थे।

    13. इस युद्ध में पोरस की हार हुई, लेकिन सिकन्दर ने पोरस की बहादुरी से प्रभावित होकर उसका राज्य वापस कर दिया।

    14. पोरस के बाद सिकन्दर ने गलॉगनिकाय तथा कुछ जातियों को भी पराजित किया।

    15. सिकन्दर ने भारत में दो नगरों की स्थापना की। पहला नगर 'निकैया' (विजय नगर) विजय प्राप्त करने के उपलक्ष्य में तथा दूसरा ब्यूकेफेला था।

    16. सिकन्दर की सेना ने व्यास नदी से आगे बढ़ने से इंकार कर दिया।

    17. सिकन्दर ने सैनिकों में जोश भरने का पूरा प्रयत्न किया किन्तु उसे इस कार्य में सफलता नहीं मिली। सैनिकों के हठ के सामने सिकन्दर को झुकना पड़ा। अंततः सिकन्दर को अपने भारत विजय के अभियान को रोकना पड़ा।

    18. जानें-छत्रपति शिवाजी के बारे में.

    19. सिकन्दर ने विजित भारतीय प्रदेशों को अपने सेनापति फिलिप को सौंपकर वापस लौटने का निर्णय लिया।

    20. सिकन्दर भारत में 19 महीने रहा।


    21. कहा जाता है कि सिकन्दर के लगातार युद्धों, घर-परिवार की याद, भारत की गर्म जलवायु आदि ने उसकी सेना के हौसले पस्त कर दिए।

    22. सिकन्दर भारत के शक्तिशाली मगध साम्राज्य पर आक्रमण करना चाहता था। लेकिन जब उसकी सेना ने मगध की विशाल सेना के बारे में सुना तो वह घबरा उठी।

    23. सिकन्दर के भारत पर आक्रमण के समय मगध एक शक्तिशाली राज्य था, जिस पर घनानन्द नामक राजा का शासन था।

    24. घनानन्द की सेना में लगभग 6 लाख सैनिक थे।

    25. अपने देश मेसीडोनिया लौटते समय लगभग 323 ई.पू. में बेबीलोन में सिकन्दर का निधन हो गया।

    26. सिकन्दर के भारत अभियान का प्रभाव - सिकन्दर की विश्व विजय की महत्वाकांक्षा ने उसे भारत विजय के लिए प्रेरित किया।

    27. इस प्रेरणा अथवा सिकन्दर के भारतीय अभियान ने प्राचीन यूरोप को प्राचीन भारत के निकट संपर्क में आने का अवसर प्रदान किया।

    28. सिकन्दर के इस भारतीय अभियान का सबसे महत्वपूर्ण परिणाम था - भारत और यूनान के बीच विभिन्न क्षेत्रों में प्रत्यक्ष संपर्क की स्थापना।

    29. राय चौधरी के अनुसार सिकन्दर के आक्रमण के परिणामस्वरूप भारत की छोटी-छोटी रियासतें समाप्त हो गयी।

    30. डॉ. राधा कुमुद मुखर्जी के अनुसार सिकन्दर के भारत पर आक्रमण से राजनीतिक एकीकरण को प्रोत्साहन मिला, जिससे छोटे राज्य, बड़े राज्यों में विलीन हो गए।

    31. कला के क्षेत्र में गान्धार शैली का भारत में विकास यूनानी प्रभाव का ही परिणाम है।

    32. यूनानियों की मुद्रण-निर्माण कला का प्रभाव भारतीय मुद्रण कला पर दृष्टिगत होता है। उलूक शैली के सिक्के इसके उदाहरण हैं।

    33. व्यापार के क्षेत्र में पश्चिम के देशों के साथ जलमार्गों का पता चला, जिनका कालान्तर में व्यापार पर अनुकूल प्रभाव पड़ा।

        FAQS:
    • सिकंदर का जन्म कब हुआ था?
        उत्तर: ईसा-पूर्व 356
      • सिकंदर के गुरु का  नाम क्या  था ?
            उत्तर:प्रसिद्ध दार्शनिक अरस्तु

        आज के इस पोस्ट में सिकंदर के भारत विजय अभियान से जुड़े 32 महत्वपूर्ण बातों के बारे में जाना ,इससे सम्बंधित प्रश्न भी विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं  मे पूछे जाते हैं.
        आशा करता हूँ कि यह पोस्ट आपके लिए  उपयोगी साबित होगी ,अगर आपको पोस्ट पसंद आये तो पोस्ट को शेयर जरुर करे.

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      ऋग्वैदिक काल - 46 महत्वपूर्ण बातें |Rigvedic period - 46 important things in Hindi।

      ऋग्वैदिक काल (1500-1000 ई.पू.)

      इस काल की तिथि निर्धारण जितनी विवादास्पद रही है उतनी ही इस काल के लोगों के बारे में सटीक जानकारी। इसका एक प्रमुख कारण यह भी है कि इस समय तक केवल इसी ग्रंथ (ऋग्वेद) की रचना हुई थी। मैक्स मूलर के अनुसार आर्य का मूल निवास मध्य ऐशिया है।आर्यो द्वारा निर्मित सभ्यता वैदिक काल कहलाई। आर्यो द्वारा विकसित सभ्य्ता ग्रामीण सभ्यता कहलायी। आर्यों की भाषा संस्कृत थी।

      Rigvedic kal General Knowledge in Hindi

      1. ऋग्वैदिक काल में लोग जिस सार्वभौमिक सत्ता में विश्वास रखते थे वह एकेश्वर्वाद थी। 

      2. आर्यों का धर्म बहुदेववादी था। वे प्राकृतिक भक्तियों-वायु, जल, वर्षा, बादल, आग और सूर्य आदि की उपासना करते थे। 

      3. ऋग्वैदिक काल में लोग अपनी भौतिक आकांक्षाओं की पूर्ति के लिए यज्ञ और अनुष्ठान के माध्यम से प्रकृति का आह्वान करते थे।

      4. ऋग्वेद में देवताओं की संख्या 33 करोड़ बताई गई है। 

      5. ऋग्वैदिक काल में आर्यो के प्रमुख देवताओं में इन्द, अग्नि, रुद्र, मरुत, सोम और सूर्य शमिल थे। 

      6. ऋग्वैदिक काल का सबसे महत्वपूर्ण देवता इन्द्र है। इसे युद्ध और वर्षा दोनों का देवता माना जाता था।

      7. ऋग्वैदिक काल में इन्द्र के बाद दूसरा स्थान अग्नि का था। अग्नि का कार्य मनुष्य एवं देवता के बीच मध्यस्थ स्थापित करने का था। 200 सूक्तों में अग्नि का उल्लेख मिलता है। 

      8. ऋग्वैदिक काल में मूर्ति पूजा का अस्तित्व नहीं मिलता है। 

      9. ऋग्वैदिक काल में देवताओं में तीसरा स्थान वरुण का था। इसे जल का देव माना जाता था।

      10. ऋग्वेद के एक मण्डल में केवल एक ही देवता की स्तुति में श्लोक है. वह देवता सोम है। 

      11. शिव को त्रयंबक कहा गया है।

      12. ऋग्वेद में हल के लिए लांगल अथवा 'सीर' शब्द का प्रयोग मिलता है। 

      13. सिंचाई का कार्य नहरों से लिया जाता था। ऋग्वेद में नहर शब्द के लिए 'कुल्या' का प्रयोग मिलता है। 

      14. उपजाऊ भूमि को 'उर्वरा' कहा जाता था। 

      15. ऋग्वेद के चौथे मण्डल में संपूर्ण मंत्र कृषि कार्यों से सबद्ध है। ऋग्वेद के 'गव्य' एवं 'गव्यति' शब्द चारागाह के लिए प्रयुक्त हैं। 


      16. Rigvedic period General Knowledge in Hindi

      17. भूमि निजी संपत्ति नहीं होती थी। उस पर सामूहिक अधिकार था। 

      18. घोड़ा आर्यों का अति उपयोगी पशु था। 

      19. आर्यों का मुख्य व्यवसाय पशुपालन था। वे गाय, बैल, भैंस, बकरी और घोड़े आदि पालते थे।

      20. आकाश के देवता -- सूर्य, घौस, मिस्त्र, पूषण, विष्णु, ऊषा और सविफ। 

      21. अंतरिक्ष के देवता- इन्द्र. मरुत, रुद्र और वायु 

      22. पृथ्वी के देवता - अग्नि, सोम, पृथ्वी, बृहस्पति और सरस्वती माना जाता था।

      23. ऋग्वैदिक काल में पशुओं के देवता पूषण थे, जो उत्तर वैदिक काल में शूद्रों के देवता बन गये। 

      24. ऋग्वैदिक काल में जंगल की देवी को 'अरण्यानी' कहा जाता था। 

      25. ऋग्वेद में ऊषा, अदिति, सूर्या आदि देवियों का भी वर्णन मिलता है। 

      26. प्रसिद्ध गायत्री मंत्र का उल्लेख सर्वप्रथम ऋग्वेद में मिलता है, जो सूर्य से संबंधित देवी सावित्री को संबोधित है।

      27. ऋग्वैदिक काल में व्यापार हेतु दूर देशों तक व्यापार करने वाले व्यक्ति को 'पाणि' कहा जाता है। 

      28. ऋग्वैदिक काल में 'गण' और 'वात' का उल्लेख व्यावसायिक संघ के रूप में किया जाता था। 

      29. वाणिज्य व्यापार पर पणियों का एकाधिकार था।

      30. व्यापार, स्थल एवं जल दोनों मार्गों से होता था।

      31. सूदखोर को 'वेकनाट' कहा जाता था। 


      32. ऋग्वैदिक काल की जानकारी हिंदी में

      33. क्रय विक्रय के लिए विनिमय प्रणाली (रुपये-पैसे) का आविर्भाव हो चुका था। 

      34. गाय और निष्क विनिमय (लेन-देन) के माध्यम थे। 

      35. ऋग्वेद में कहीं पर भी नगरों का उल्लेख नहीं मिलता है। 

      36. इस काल में सोना, तांबा, और कांसा धातुओं का प्रयोग होता था। 

      37. ऋग्वैदिक काल में ऋण लेने व देने की प्रथा प्रचलित थी, जिसे 'कुसीद' कहा जाता था। 

      38. ऋग्वेद में बढ़ई, सथकार, बुनकर, चर्मकार, कुम्हार आदि कारीगारों के उल्लेख से इस काल के व्यवसाय का पता चलता है। 

      39. ऋग्वेद में वैद्य के लिए 'भीषक' शब्द का प्रयोग मिलता है। 

      40. ऋग्वैदिक काल में  'करघा' को 'तसर' कहा जाता था। 

      41. बढ़ई के लिए 'तसण' शब्द का उल्लेख मिलता है। 

      42. ऋग्वैदिक काल में मिट्टी के बर्तन बनाने का कार्य एक व्यवसाय था।

      43. ऋग्वेद में किसी परिवार का एक सदस्य कहता है- "मैं कवि हूँ, मेरे पिता वैद्य हैं और माता चक्की चलाने वाली है, भिन्न-भिन्न व्यवसाओं से जीविकोपार्जन करते हुए हम एक साथ रहते हैं।"

      44. हिरव्य एवं निष्क शब्द का प्रयोग स्वर्ण के लिए किया जाता था। इनका उपयोग द्रव्य के रूप में भी किया जाता था। 

      45. ऋग्वेद में 'अनस' शब्द का प्रयोग 'बैलगाड़ी' के लिए किया गया है। 

      46. ऋग्वैदिक काल में दो अमूर्त देवता थे, जिन्हें श्रद्धा एवं मनु कहा जाता था। 

      47. ऋग्वेद में सोम देवता के बारे में सर्वाधिक उल्लेख मिलता है। 

      48. अग्नि को अतिथि कहा गया है क्योंकि मातरिश्वन उन्हें स्वर्ग से धरती पर लाया था। 
      आज के इस आर्टिकल में  ऋग्वैदिक काल की 46 महत्वपूर्ण बातों के बारे में जाना ,जो विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की नजर से भी आवश्यक है। साथ ही यह पोस्ट आपको अपनी संस्कृति को जानने के सहायक सिद्ध होगी।

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