पृथ्वी के महत्वपूर्ण तथ्य | पृथ्वी के बारे में सामान्य जानकारी | General information about Earth
आज के इस लेख में हम महत्वपूर्ण तथ्य - पृथ्वी | सामान्य जानकारी के बारे में जानेंगे। विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे- UPSC, STATE PCS, SSC,RRB, NTPC, RAILWAY CDS BANKING इत्यादि में पृथ्वी के महत्वपूर्ण तथ्य से सम्बंधित प्रश्न पूछे जाते हैं। हम जहाँ पर रहते हैं उसे पृथ्वी कहते हैं जो सौरमंडल का एक ग्रह है जो सूर्य की परिक्रमा करता है। महत्वपूर्ण तथ्य - पृथ्वी: पृथ्वी सौरमंडल का एकमात्र ऐसा ग्रह है, जिस पर जीवन है. धरती का घनत्व पूरे सौरमंडल में सबसे ज्यादा है।
पृथ्वी के बारे में कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:
- पृथ्वी की अनुमानित आयु - 454,300,000,000 वर्ष (4.543 billion years)
- सम्पूर्ण धरातलीय क्षेत्रफल- 51,01,00,800 वर्ग किमी. (510.1 million km²)
- पृथ्वी का भूमि क्षेत्रफल (29%) - 510,100,000 वर्ग कि. मी. (510.1 million km²)
- पृथ्वी का जलीय क्षेत्रफल (71%)- 36,11,49,700 वर्ग कि. मी.
- पृथ्वी का औसत घनत्व - 5.52 ग्राम प्रति घन सेमी
- विषुवतीय रेखीय व्यास- 12,755 किमी
- ध्रुवीय व्यास -12,712 किमी
- गुरुत्वाकर्षण से बहार निकलने के लिए आवश्यक निर्गमन गति -11.2 किमी/सेकण्ड
- पृथ्वी का आयतन -10,83,20,88,40,00 घन किमी
- समुद्र तल से पृथ्वी की सर्वाधिक ऊंचाई - 8,848 मीटर (माउंट एवरेस्ट )
- समुद्र तल से सागर की सर्वाधिक गहराई - 11,033 मीटर (मेरियाना ट्रेंच)प्रशांत महासागर,फिलिपीन्स के पूर्व में
- धरातल का सर्वाधिक निचला स्थान - 396 मीटर मृत सागर
- अपने अक्ष पर घूर्णन अवधि - 23 घंटे, 56 मिनट, 40.11 सेकण्ड
- पृथ्वी द्वारा सूर्य की परिक्रमा की अवधि - 356 दिन, 5 घंटे, 48 मिनट, 45.51 सेकण्ड
- सूर्य से माध्य दूरी पर -4,94,07,00 किमी
- भूमध्य रेखा पर परिधि -40,075 किमी
- ध्रुवीय परिधि -40,024 किमी
- सतह पर दाब - 101.325 किलो पास्कल
- पृथ्वी का उपग्रह -चंद्रमा
- पृथ्वी का ग्रहों में स्थान 3rd (तीसरा)
- सूर्य से दूरी : 149,597.900 (लगभग 15 करोड़) कि.मी.
- चंद्रमा से दूरी : 3,82,200 कि.मी.
- आयु : 4.5 अरब वर्ष
- द्रव्यमानः 5.97 x 1024 किलोग्राम
- आयतन : 1.08 x 1024 लीटर
- औसत घनत्वः 5.52 ग्राम / घन सेमी.
- औसत तापमान : 61 डिग्री फॉरेनाइट (16°C)
- क्षेत्रफलः 509,700,000 वर्ग कि.मी.
- (भूमि का क्षेत्रफल- 148,400,000 वर्ग कि.मी. तथा जल का क्षेत्रफल-लगभग 361,300,00 वर्ग कि.मी.)
- उत्तरी ध्रुव से दक्षिणी ध्रुव तक की लंबाई (ध्रुवीय व्यास) : 12,713.54 कि.मी.
- विषुवत रेखा पर पृथ्वी की लंबाई (विषुवतीय व्यास) 12,756.32 कि.मी
- ध्रुवीय परिधिः 40,008.00 कि.मी.
- विषुवत रेखीय परिधि : 40,075.16 कि.मी.
- परिभ्रमण गतिः 356 दिन 5 घंटे 48 मिनट 46 सेकेंड ( पृथ्वी द्वारा सूर्य का एक चक्कर लगाना)
- घूर्णन गतिः 23 घंटे 56 मिनट 4.09 सेकेंड ( पृथ्वी का अपने अक्ष पर घूमना)
- उच्चतम भूमि : माउंट एवरेस्ट (8,850 मीटर)
- निम्नतम भूमि : मृत सागर तट (399 मीटर)
- सबसे गहरा क्षेत्र : प्रशांत महासागर का मेरियाना गर्त (समुद्र तल से 11033 मीटर नीचे, फिलीपीन्स के पास स्थित)
- वायुमंडलः ऊँचाई- धरातल से 1,600 कि.मी. की ऊंचाई तक
- नक्षत्र दिवस की अवधिः 23 घंटे, 56 मिनट
- सौर दिवस की अवधिः 24 घंटे
- उच्चतम तापमानः 58° सेंटीग्रेड-अल अजीजीया (लीबिया)
- निम्नतम तापमान : -89.6° सेंटीग्रेड, वोस्तोक स्टेशन (अंटार्कटिका)
- सतह का औसत तापमानः 15°C
- सबसे नीचा स्थानः मृत सागर (इजराइल, जॉर्डन)
- भूपर्पटी का संघटनः ऑक्सीजन-46.8%, सिलिकन-27.7%, एल्यूमिनियम-8.1%, लोहा-5.0%, कैल्सियम-3.6%, सोडियम-2.8%, पोटेशियम-2.5% तथा मैग्नीशियम-20%
पृथ्वी की आंतरिक संरचना (Earth's internal structure in Hindi)
पृथ्वी का आंतरिक भाग अत्यंत गर्म हैपृथ्वी की सतह से नीचे की ओर तापमान में वृद्धि रामान नहीं होती है। ऊपर के 100 किमी तक तापमान 12° से प्रति किमी की दर से बढ़ता हैअगले 300 किमी तक यह दर 20 से. प्रति किमीहोती है और उसके बाद 1 से प्रति किमी रह जाती है।
पृथ्वी की मुख्य तीन परतें हैं :-
- भूपर्पटी (Crust),
- प्रवार (Mantle),
- क्रोड (Core)।
1. भूपर्पटी (Earth's crust):- यह पृथ्वी की सबसे ऊपरी परत है, जिसकी मोटाई लगभग 70-100 कि.मी. है। यह पटल पृथ्वी के आयतन का मात्र 0.s प्रतिशत है। इस पटल की बाह्य परत अवसादी पदार्थों से बनी है जिसके नीचे विभिन्न प्रकार की चट्टानें पायी जाती हैं। समुद्रों का निर्माण भारी सिलिकेट (सिलिका मैग्नीशियम) से हुआ है, जिसे स्याम भी कहते हैं। स्याम पृथ्वी के कोर के एक भाग की भी रचना करते हैं। महाद्वीप हल्के सिलिकेट से बने हैं ( सिलिका +एल्यूमीनियम), जिसे स्याल कहते हैं।
2. मैंटल (Mantle):- यह पृथ्वी की सतह से 700-2900 कि.मी. के बीच में पाया जाता है। यह पृथ्वी के कुल आयतन का 16 प्रतिशत है। इसकी आंतरिक परत सिलिका चट्टानों से बनी होती है।
3. कोर (Core):- यह पृथ्वी की सतह से 2900-6500 कि.मी. के बीच है व पृथ्वी के कुल आय का 83 प्रतिशत है। यह मुख्यतया निकिल व आयरन से बना होता है। इसके व बाहा परतों के मध्य भारी धातुओं व सिलिPage का मिश्रण पाया जाता है।
पृथ्वी की भूपर्पटी का संघटन इस प्रकार है :-
लोहा (35.0% ), ऑक्सीजन (30.0%), सिलिकन ( 15.0%), मैग्नीशियम ( 13.0% ), निकल (2.4%) एवं 6. सल्फर (1.9% ) ।
विश्व के प्रमुख मैदान (Major plains of the world)
नाम | स्थिति / देश |
---|---|
पेटागोनिया का मैदान | दक्षिणी अमेरिका |
अमेजन का मैदान | दक्षिणी अमेरिका |
मध्यवर्ती मैदान (ग्रेट प्लेन) | अमेरिका तथा कनाडा |
सहारा का मैदान | अफ्रीका |
फ्रांस का मैदान | फ्रांस |
यूरोप का बड़ा मैदान | यूरोप |
मालागासी का मैदान | मालागासी |
पंपास का मैदान | दक्षिणी अमेरिका |
नील नदी का मैदान | मिस्र (अफ्रीका) |
अफ्रीका का पूर्वी तटीय मैदान | अफ्रीका |
अफ्रीका का पश्चिमी तटीय मैदान | अफ्रीका |
दक्षिणी साइबेरिया का मैदान | एशिया एवं यूरोप |
गंगा-यमुना का मैदान | भारत |
सिंधु का मैदान | भारत-पाकिस्तान |
अरब का बड़ा मैदान | सऊदी अरब |
ब्रह्मपुत्र का मैदान | भारत-बांग्लादेश |
चीन का मैदान | चीन |
विश्व के 10 सबसे बड़े मरुस्थल (The 10 Biggest Deserts on Earth)
नाम | क्षेत्रफल (वर्ग मील में) | विस्तार क्षेत्र |
1. सहारा | 8,400,000 | दक्षिणी अफ्रीका |
2. अरबी मरुस्थल | 1,000,000 | मध्य-पूर्व |
3. ग्रेट विक्टोरिया | 250,000 | ऑस्ट्रेलिया |
4. रूब अल खली | 250,000 | मध्य-पूर्व |
5. कालाहारी मरुस्थल | 225,000 | दक्षिणी अफ्रीका |
6. सीरियाई मरुस्थल | 200,000 | मध्य-पूर्व |
7 चिहुआहुआन | 175,000 | मैक्सिको |
8. थार | 175,000 | भारत-पाकिस्तान |
9. ग्रेट सिडनी | 150,000 | आस्ट्रेलिया |
10.गिब्सन | 120,000 | आस्ट्रेलिया |
दुनिया की सबसे बड़ी झीलें (largest lakes in the world)
नाम | देश | क्षेत्रफल (वर्ग कि.मी. में) | क्षेत्रफल (वर्ग मील में | गहराई (फुट में) |
कैस्पियन सागर | कजाकिस्तान | 371,000 | 143,244 | 3,363 |
सुपीरियर | यूएसए कनाडा | 82,100 | 31,700 | 1,330 |
विक्टोरिया | युगांडा-कीनिया- तंजानिया | 69,400 | 26,828 | 270 |
अरल सागर | रूस | 64,500 | 24,904 | 220 |
ह्यूरन | यू.एस.ए. कनाडा | 59,600 | 23,000 | 750 |
मिशीगन | संयुक्त राज्य अमेरिका | 57,800 | 22,300 | 923 |
टंगानिका | बुरुंडी-तंजानिया- जाबिया | 32,900 | 12,700 | 4,823 |
बैकाल | रूस | 31,500 | 12,162 | 5,315 |
ग्रेट बियर | कनाडा | 31,300 | 12,096 | 1,463 |
न्यासा या मलावी | मलावी | 28,900 | 11,150 | 2,317 |
ग्रेट स्लेव कनाडा | कनाडा | 28,568 | 11,031 | 2,015 |
लेक इरी कनाडा | यूएसए कनाडा | 25,667 | 9,910 | 210 |
विनिपेग | कनाडा | 24,387 | 9,417 | 60 |
ओंटारियो यूएसए | यूएसए कनाडा | 19,529 | 7,340 | 802 |
बाल्खास | कजाकिस्तान | 18,300 | 7,114 | 85 |
जानें- विश्व की प्रमुख फसलें और फसलों के उत्पादक देश।
बादल (Clouds)
पृथ्वी के धरातल से विभिन्न ऊँचाइयों पर वायुमंडल में मौजूद जल वाष्पों के संघनन से निर्मित हिमकणों या जल-सीकरों की राशि को मेघ या बादल कहते हैं।
धरातल से जल का निरंतर वाष्पीकरण होता है। यह जलवाष्प ऊपर जाकर ठंडी हो जाती हैतथा बादलों के रूप में परिवर्तित हो जाती है। बादल किसी भी स्थान के मौसम पर प्रभाव डालते हैं। सामान्यतया भूमध्य रेखा पर बादल अधिक ऊँचाई पर स्थित होते हैं, जबकि ध्रुवों की ओर इनकी ऊँचाई कम होती जाती है
कपासी वर्षा मेघ में तेज बौछारों के रूप में बारिश होती है। साथ ही ओले और तड़ित झंझा भी उत्पन्न होते हैं।
कपासी मेघ देखने में आकाश में रुई के ढेर जैसे दिखते हैं।
तापमान (Temperature)
किसी स्थान पर मानक अवस्था में मापी गई भू-तल से लगभग एक मीटर ऊँची 'वायु' की गर्मी को उस स्थान का तापमान कहते हैं।
वह काल्पनिक रेखा, जो मानचित्र पर समान तापमान वाले स्थानों को मिलाती हैसमताप रेखा कहलाती है। ये रेखायें पूर्व-पश्चिमी दिशा में अक्षांशों के लगभग समानांतर खींची जाती हैं।
विश्व के अधिकांश भागों में जनवरी तथा जुलाई के महीनों में न्यूनतम अथवा अधिकतम तापमान दर्ज किया जाता है।
जनवरी के माह में सूर्य की किरणें दक्षिणी गोलार्द्ध में स्थित मकर रेखा पर लंबवत् पड़ती हैं, जिससे उत्तरी गोलार्द्ध में शीत ऋतु एवं दक्षिणी गोलार्द्ध में ग्रीष्म ऋतु होती है। इसके कारण उत्तरी गोलार्द्ध में तापमान कम तथा दक्षिणी गोलार्द्ध में तापमान अधिक होता है।
उत्तरी गोलार्द्ध में स्थित साइबेरिया तथा ग्रीनलैंड में न्यूनतम तापमान पाया जाता है। विश्व में सबसे ठंडा स्थान साइबेरिया में स्थित बरखोयांस्क है, जिसका तापमान 50° सेल्सियस है।
दक्षिणी गोलार्द्ध में स्थित पूर्वी मध्य अफ्रीका, बोर्निया, उत्तर-पश्चिमी अर्जेंटीना और मध्य • आस्ट्रेलिया में तापमान 30° सेल्सियस से भी अधिक होता है। विश्व का सबसे गर्म स्थान लीबिया का अल अजीजिया माना गया है।
अधिकतम तथा न्यूनतम तापमान का अंतर तापांतर कहलाता है। यह दो प्रकार का होता है-
- दैनिक तापांतर एवं
- वार्षिक तापांतर।
ग्लोब को विभिन्न तापक्रम के कटिबंधों में बाँटा गया है, जो इस प्रकार हैं-
- विषुवत रेखीय कटिबंघ (0° से लेकर 5" अक्षांश तक),
- अंतरा उष्ण कटिबंध (50 से 12° अक्षांश तक),
- उष्ण कटिबंध (120 से 25° अक्षांशों के बीच यहाँ पृथ्वी का उच्चतम तापमान प्राप्त होता है),
- उपोष्ण कटिबंध (25° से 45° अक्षांशों के बीच),
- शीतोष्ण कटिबंध ( 45° से 66° अक्षांश के बीच) तथा
- शीत कटिबंध (66° से 90° अक्षांश के बीच)
यहाँ का तापमान बहुत कम होता है। छह महीने दिन या रात की अवधि होती है। अतः यह क्षेत्र वर्ष भर बर्फ से ढंका रहता है। रूस का बरखोयांस्क तथा टुंड्रा प्रदेश भी इसी कटिबंध में हैं
वायुमंडल (Atmosphere)
पृथ्वी को चारों ओर से घेरे हुए वायु के विस्तृत फैलाव को वायुमंडल कहते हैं। वायुमंडल की वायु रंगहीन, गंधहीन एवं स्वादहीन है।
वायुमंडल की ऊँचाई 32,000 किमी. से भी अधिक है। वायुमंडल में विभिन्न प्रकार की गैसें, जलवाष्प, धूलकण आदि पाए जाते हैं। सबसे ऊपर वाली गैसें अत्यन्त विरल तथा हल्की हैं।
वायुमंडल में जलवाष्प की औसत मात्रा 2% हैogle Docs ऊंचाई के साथ जलवाष्प की मात्रा कम होती है। जलवाष्प सूर्य से आने वाले सूर्यातप के कुछ भाग को अवशोषित कर लेता है तथा पृथ्वी द्वारा विकिरित ऊष्मा को संजोए रखता है। इस प्रकार यह कंबल का काम करता है, जिससे पृथ्वी न तो अत्यधिक गर्म और न ही अत्यधिक ठंडी हो सकती है। इसे ही ग्रीन हाउस इफैक्ट (हरित गृह प्रभाव) कहते हैं। इसके कारण ही ओस, इंद्रधनुष कोहरा, बादल आदि बनते हैं और वर्षा होती है।
आकाश का नीला रंग धूल के कणों के कारण ही दिखाई देता है। दिन के समय आकाश का नीला रंग सूर्य किरणों के प्रकीर्णन के कारण होता है। सूर्य किरणों के प्रकीर्णन न होने की स्थिति में सूर्य के क्षितिज पर ऊँचा होने पर आकाश काला दिखाई देगा।
वायुमंडल में उपस्थित गैसें एवं उनकी प्रतिशत मात्रा इस प्रकार हैं-
नाइट्रोजन (78.03%), ऑक्सीजन (20.99%), आर्गन ((0.94%) कार्बन डाइ ऑक्साइड (0.03%). हाइड्रोजन (0.01%), नियॉन (0.0018%), हीलियम (0.000536)क्रिप्टॉन (0.0001%), जेनान (0.000009%) तथा ओजोन (0.000001% ) |
ज्वालामुखी (Volcanoes)
ज्वालामुखी पृथ्वी पर होने वाली एक आकस्मिक घटना है। इससे भू-पटल पर अचानक विस्फोट होता है, जिसके द्वारा लावा, गैस, धुँआ, राख, कंकड़, पत्थर आदि बाहर निकलते हैं।
ज्वालामुखी से निकलने वाली गैसों में 80-90 प्रतिशत भाग वाष्प एवं शेष भाग अन्य चीजों का होता है। वाष्प में ऑक्सीजन तथा हाइड्रोजन गैसें होती हैं।
सभी ज्वालामुखी मैग्मा से बनते हैं। मैग्मा धरातल के नीचे का पिघला पदार्थ है, जो धरातल पर लावा या ज्वालामुखीय चट्टानी टुकड़ों के रूप में बाहर आता है। लावा का तापमान 800 से 1,300 डिग्री सेल्सियस तक होता है।
इन सभी वस्तुओं का निकास एक प्राकृतिक नली द्वारा होता है जिसे निकास नलिका (Vent or Neck) कहते हैं। लावा धरातल पर आने के लिए एक छिद्र बनाता है जिसे विवर या क्रेटर (Crater) कहते हैं।
लावा अपने विवर के आस-पास जम जाता है। और एक शंकु के आकार का पर्वत बनाता है। इसे ज्वालामुखी पर्वत कहते हैं।
क्रेटर झील ज्वालामुखी शंकु के शीर्ष पर एक क्रेटर होता है, जिसका आकार कीप जैसा होता है। ज्वालामुखी विस्फोट के बाद इस क्रेटर में वर्षा का जल भर जाता है। इससे एक झील का निर्माण होता है, जिसे क्रेटर झील कहते हैं। उत्तरी सुमात्रा की तोबा झील, अमेरिका में ऑरीगन झील, आइसलैंड में ओस्कजुएटन तथा महाराष्ट्र की लोनार झील इसके उदाहरण हैं
इक्वाडोर का कोटोपैक्सी ज्वालामुखी विश्व का सर्वाधिक ऊँचा ( 5900 मी.) जागृत Q + ज्वालामुखी है।
भूकंप (Earthquake)
भूकंप का साधारण अर्थ है 'भूमि का काँपना' अर्थात् 'पृथ्वी का हिलना'। अचानक झटके से प्रारंभ हुए पृथ्वी के कंपन को भूकंप कहते हैं।
विश्व में एक वर्ष में 8,000 से 10,000 तक भूकंप आते हैं अर्थात हर एक घंटे के बाद विश्व के किसी-न-किसी भाग में भूकंप आ जाता है। विश्व के अधिकांश भूकंप भू-तल से 50 से 100 किमी. की गहराई में उत्पन्न होते हैं।
भूकंपों का अध्ययन करने वाले विज्ञान को सिस्मोलॉजी (Seismology) कहते हैं ।
भूकंप के के मूल उद्गम स्थल को उद्गम केंद्र (Focus) कहते हैं। इस केंद्र के ठीक ऊपर भूतल पर स्थित स्थान को भूकंप का अधिकेंद्र (Epicentre) कहते हैं। भूकंप की तथा इससे होने वाली हानि अधिकेंद्र पर अधिकतम होती है और इससे दूर जाने पर हानि कम हो जाती है।
समान भूकंप तीव्रता वाले स्थानों को मिलाने वाली रेखा को समभूकंप रेखा (Isoseismal line) तथा एक समय पर पहुँचने वाली तरंगों को मिलाने वाली रेखा को सहभूकंप-रेखा (Homoseismal line) कहते हैं ।
भूकंप आने के कई कारण होते हैं, जैसे-ज्वालामुखी विस्फोट, पृथ्वी का सिकुड़ना, वलन तथा भ्रंश, भू-संतुलन, बड़े बाँधों का निर्माण, प्लेट विर्वतन (प्लेट टैक्टॉनिक) आदि।
सबसे अधिक ज्वालामुखी तथा भूकम्प प्रशांत महासागर के तटों के साथ सक्रिय हैं, जिस कारण • इसे अग्नि वलय ( Ring of Fire) कहते हैं ।
चट्टानें या शैल (Rocks)
वे सभी पदार्थ जिनसे भूपर्पटी का निर्माण हुआ है, चट्टान कहलाते हैं। सामान्य रूप में चट्टान का अर्थ है-पत्थर जैसा पदार्थ ।
भूपर्पटी का ऊपरी भाग स्थलमंडल का सबसे महत्वपूर्ण भाग है। धरातल से 16 किमी. की गहराई तक 95% भूपर्पटी चट्टानों की बनी हुई है|
चट्टानों और खनिजों का गहरा संबंध है। प्रत्येक चट्टान में 2 से लेकर 12 तक सामान्य खनिज पाये जाते हैं।
भूपर्पटी के 87% खनिज सिलिकेट हैं। क्वार्ट्ज के दो तत्व सिलीकॉन तथा ऑक्सीजन हैं। एक प्रकार की चट्टान से दूसरे प्रकार की चट्टान का बनना चट्टानी चक्र (Rock Cycle) कहलाता है। उदाहरणार्थ-लावा से आग्नेय चट्टानों का बनना आग्नेय चट्टानों के अपरदन से अवसादी चट्टानों का बनना फिर आग्नेय और अवसादी चट्टानें से रूपांतरित चट्टानों का बनना।
इस लेख में हमने पृथ्वी के महत्वपूर्ण तथ्यों के बारे में जाना जो अक्सर प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे जाते रहते हैं। पृथ्वी सौरमंडल का एक ऐसा ग्रह जिस पर जीवन पाया जाता है। आजतक कोई ऐसा ग्रह नहीं मिल पाया जिस जीवन पाया जाता हो।
आशा करता हूँ कि यह लेख आपके लिए उपयोगी साबित होगी , अगर आपको यह लेख पसंद आये तो लेख को शेयर अवश्य करें।
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