'मुख्यमंत्री बैगा गुनिया हड़जोड़ सम्मान योजना'
यह योजना सिर्फ पैसों की मदद नहीं है, बल्कि यह हमारे पुरखों के ज्ञान और हमारी परंपरा को बचाने की एक बड़ी कोशिश है। तो चलिए, आज इस ब्लॉग पोस्ट में, हम इस योजना को बिलकुल आसान, बोलचाल की भाषा में 'Step-by-Step' समझते हैं।
Step 1: ये बैगा, गुनिया, हड़जोड़ कौन हैं?
सबसे पहले, आइए इन शब्दों का मतलब समझते हैं। ये नाम उन खास लोगों को दिए गए हैं जो पीढ़ियों से हमारा इलाज करते आ रहे हैं:
- बैगा (Baiga): ये वो लोग हैं जो पुजारी का काम भी करते हैं और पारंपरिक तरीकों, जैसे जड़ी-बूटियों या रस्मो-रिवाज़ से इलाज करते हैं।
- गुनिया (Gunia): ये वो पारंपरिक वैद्य या डॉक्टर हैं जो जड़ी-बूटियों (वनौषधियों) और पुराने ज्ञान से बीमारियों को पहचानते और उन्हें ठीक करते हैं।
- हड़जोड़ (Hadjod): यह नाम ही इसका काम बताता है - ‘हड्डी को जोड़ने वाला’। ये वो विशेषज्ञ हैं जो टूटी हुई हड्डियों को बैठाने (bone-setting) और जोड़ों के दर्द का पारंपरिक तरीके से इलाज करने में माहिर होते हैं।
Step 2: सरकार यह क्यों कर रही है?
मुख्यमंत्री जी का कहना है कि ये लोग "हमारे समाज के सम्मानित जन हैं" जिन्होंने सदियों से इस ज्ञान को ज़िंदा रखा है। लेकिन अब यह ज्ञान धीरे-धीरे खत्म हो रहा है।
इसलिए, इस योजना का मकसद सिर्फ पैसा देना नहीं है, बल्कि:
- ज्ञान को बचाना (Preservation): इन पारंपरिक डॉक्टरों के पास जो पुराना ज्ञान है, उसे बचाना।
- अगली पीढ़ी तक पहुँचाना (Knowledge Transfer): यह ज्ञान अगली पीढ़ी (generation) को भी सिखाया जा सके, इसके लिए उन्हें बढ़ावा देना।
- लिख कर रखना (Documentation): उनके इलाज करने के तरीकों और जड़ी-बूटियों की जानकारी को लिख कर (document) रखना, ताकि यह हमेशा के लिए सुरक्षित हो जाए।
- उनकी मदद करना (Livelihood Support): उनकी आजीविका में मदद करना, ताकि वे सम्मान के साथ अपना काम जारी रख सकें।
Step 3: कितनी मदद मिलेगी?
अब सबसे जरूरी बात। इस योजना में सरकार इन सभी पहचाने गए बैगा, गुनिया और हड़जोड़ जानकारों को हर साल ₹5,000 (पाँच हजार रुपये) की "सम्मान सह-प्रोत्साहन राशि" देगी।
यह पैसा उनके सम्मान में और उनके काम को जारी रखने के लिए एक छोटी सी मदद है।
Step 4: यह पैसा किसको मिलेगा? (Step-by-Step Eligibility)
सरकार ने यह साफ़ किया है कि यह सम्मान किसे मिलेगा। इसके लिए कुछ शर्तें (eligibility criteria) हैं:
- शर्त 1: आपको छत्तीसगढ़ राज्य का निवासी और अनुसूचित जनजाति (ST) वर्ग का होना ज़रूरी है।
- शर्त 2: यह योजना सभी के लिए है, चाहे वो स्त्री (महिला), पुरुष (आदमी), या तृतीय लिंग (ट्रांसजेंडर) हों।
- शर्त 3 (अनुभव): आपके पास अनुभव होना ज़रूरी है। नीचे दिए गए लोगों में से कोई भी पात्र हो सकता है:
- (A) पुराने जानकार: ऐसे लोग जो कम से कम 30 सालों से यह काम कर रहे हैं और जिनके परिवार में कम से कम 2 पीढ़ियों से यह ज्ञान चला आ रहा है।
- या (B) नए जानकार: ऐसे लोग जो पिछले 3 सालों से लगातार इस काम में लगे हुए हैं और लोगों की सेवा कर रहे हैं।
- या (C) संस्था से जुड़े लोग: ऐसे जानकार जो किसी सरकारी संस्था जैसे - पादप औषधि बोर्ड (Plant Medicine Board), आयुष विभाग, वन विभाग (Forest Dept.) या लघु वनोपज संघ से जुड़े हुए हैं।
Step 5: आपका नाम लिस्ट में कैसे आएगा? (The Selection Process)
यह इस योजना का सबसे ज़रूरी हिस्सा है। इसे ध्यान से समझिए।
सबसे ज़रूरी बात: आपको कोई 'Application Form' नहीं भरना है!
यह एक 'आवेदन' (Application) वाली योजना नहीं है, बल्कि 'पहचान' (Nomination) वाली योजना है। आपका समुदाय (community) खुद आपका नाम आगे बढ़ाएगा।
पूरी प्रक्रिया (Step-by-Step Process):
- पहला लेवल (गाँव): आपके ग्राम सभा या ग्राम पंचायत में आपके नाम का प्रस्ताव रखा जाएगा।
- दूसरा लेवल (गाँव की कमेटी): इस प्रस्ताव को गाँव की एक कमेटी 'हाँ' या 'ना' कहेगी। इस कमेटी में ग्राम सचिव, सरपंच, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, मितानिन, और स्कूल के हेडमास्टर शामिल होंगे।
- तीसरा लेवल (ब्लॉक): गाँव से पास होने के बाद, लिस्ट ब्लॉक (जनपद) लेवल पर 'आदिवासी विकास' के असिस्टेंट कमिश्नर के पास जाएगी। यहाँ एक और कमेटी (जिसमें जनपद अध्यक्ष और CEO होंगे) लिस्ट की जाँच करेगी।
- चौथा लेवल (ज़िला): ब्लॉक से पास होने के बाद, लिस्ट ज़िले के कलेक्टर (Collector) के पास फाइनल मंजूरी (approval) के लिए जाएगी।
- पाँचवा लेवल (पैसा मिलना): कलेक्टर की मंजूरी के बाद, लिस्ट राज्य के ऑफिस (आयुक्त कार्यालय) जाएगी और फिर कलेक्टर के द्वारा ही आपको सम्मान राशि दी जाएगी।
!! ज़रूरी चेतावनी: किसी को पैसा या फॉर्म मत देना !!
कुछ जगहों पर यह गलत खबर है कि "200 रुपए का चालान" या "आवेदन फॉर्म" जमा करना है।
यह बिलकुल गलत है।
'मुख्यमंत्री बैगा गुनिया हड़जोड़ सम्मान योजना' के लिए कोई फीस या कोई फॉर्म नहीं है। यह पूरी तरह से फ्री है और आपका नाम आपके गाँव से ही चुना जाएगा। जो 200 रुपए वाली बात है, वह 'हीरा खदान' (Diamond Mine) के किसी दूसरे नियम की है, जिसका इस योजना से कोई लेना-देना नहीं है।
Step 6: सबकुछ खुला-खुला होगा (Transparency)
यह पक्का करने के लिए कि योजना में कोई गड़बड़ी न हो और सही लोगों को ही पैसा मिले, सरकार ने एक बहुत अच्छा नियम बनाया है।
जब लिस्ट फाइनल हो जाएगी और पैसा बाँट दिया जाएगा, तो जिन-जिन लोगों को सम्मान राशि मिली है, उन सभी के नाम आपकी अपनी ग्राम सभा में सबके सामने पढ़कर सुनाए जाएँगे।
इससे सब कुछ पारदर्शी (transparent) रहेगा और सबको पता होगा कि उनके गाँव में किसे यह सम्मान मिला है।
Aakhiri Baat (Final Word)
यह योजना छत्तीसगढ़ की आत्मा, यानी उसकी जनजातीय परंपरा और पुराने ज्ञान को बचाने के लिए एक बड़ा कदम है। यह उन गुमनाम डॉक्टरों को सम्मान दे रही है जो बिना किसी दिखावे के, सदियों से हमारी सेवा कर रहे हैं।
महत्वपूर्ण लिंक
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|---|---|
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| CG Jan Sampark (DPR) | Click Here |
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