हिमालय पर्वत का महत्व | The Significance of The Himalayas 2023

हिमालय पर्वत का महत्व (The Significance of The Himalayas) 

आज के इस आर्टिकल में हम हिमालय पर्वत के महत्व (The Significance of The Himalayas) के महत्त्व के बारे में जानेंगे। जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है हिम माने और आलय माने घर अर्थात बर्फ का घर।  हिमालय पर्वत का महत्व भारत के लिए अति-महत्वपूर्ण हैं. हिमालय पर्वत के लाभ अनगिनत हैं,  हिमालय का महत्व ना केवल भारत की जलवायु को नियंत्रण करना हैं, बल्कि हिमालय का महत्व अमूल्य औषधि, हिमखंड, आद्रता और भारत की सुरक्षा के लिए भी हिमालय का महत्व हैं. विशाल हिमालय भारतीय उपमहाद्वीप का सबसे महत्वपूर्ण भू-आकृतिक विशेषता है। ऐसा भी कहा जाता है कि हिमालय भारत का शरीर और आत्मा दोनों ही हैहिमालय पर्वत का महत्व जानने के लिए इस पोस्ट को पूरा जरुर पढ़ें।

                                   हिमालय पर्वत का महत्व  | The Significance of The Himalayas

हिमालय पर्वत का महत्व (Importance Of The Himalayas)

  1. जलवायु संबंधी प्रभाव (Climate impact)
  2. प्रतिरक्षा (Immunity)
  3. वन सम्पदा (Forest wealth)
  4. उर्वर मृदाओं का स्रोत (Source of fertile soil)
  5. जलविधुत उर्जा उत्पादन (Hydroelectric power generation)
  6. सदावाहिनी नदियों का स्रोत (Source of ever-flowing rivers)
  7. फलोद्यान (Orchard)
  8. खनिज संसाधन (Mineral resources)
  9. प्राकृतिक सौन्दर्य (Natural beauty)
  10. तीर्थाटन (Pilgrimage)

1) जलवायु संबंधी प्रभाव (Climate impact):- 

हिमालय पर्वत के लाभ में हिमालय का जलवायु विशेषकर वर्षा के वितरण और तापमान पर काफी महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है। हिमालय अपनी ऊँचाई और विस्तार के कारण बंगाल की खाड़ी और अरब सागर से आने वाले ग्रीष्मकालीन मानसून को रोकने का महत्वपूर्ण कार्य करता है। 

इसी प्रकार यह साइबेरिया से आने वाली ठंडी हवाओं को भारत में प्रवेश करने से रोकता है. नवीन मौसम वैज्ञानिक अध्ययनों के अनुसार जेट प्रवाह को हिमालय ही दो शाखाओं में विभाजित करता है, जिनका भारत में मानसून के आगमन तथा इसकी सफलता में बड़ी भूमिका होती है।

2) प्रतिरक्षा (Immunity):– 

भारत के इतिहास में हिमालय पर्वत के उत्तर से एक भी विदेशी आक्रमण का साक्ष्य नहीं मिलता है। आधुनिक शस्त्रों के विकास के बाद भी हिमालय अपनी प्रतिरक्षा संबंधी महत्ता को बनाए हुए है। वर्तमान में इस क्षेत्र में चीन, तिब्बत, नेपाल और भूटान की सीमाओं तक उच्च मार्गों का विकास हो चुका है।

 3) वन सम्पदा (Forest wealth):– 

हिमालय की श्रेणियां वन संसाधनों के दृष्टिकोण से काफी धनी हैं। इसकी प्राकृतिक वन संपदा आर्द्र उष्णकटिबंधीय से लेकर कोणधारी और अल्पाइन तक की विशेषता प्रस्तुत करती है। इसके जंगल इमारती लकड़ी, गोंद, रेजिन, औषधीय जड़ी-बूटी, जलाने की लकड़ी के अतिरिक्त औद्योगिक महत्व के अन्य वन संसाधनों की भी आपूर्ति करते हैं. 

इसके अपेक्षाकृत ऊँचे हिस्सों में अल्पाइन वनस्पति विद्यमान है, जिसे यहां की जनजातियां ग्रीष्मकाल में पशुओं के चारागाह के लिए उपयोग करती हैं।

4) उर्वर मृदाओं का स्रोत (source of fertile soil):– 

हिमालय पर्वत से निकलने वाली सदावाहिनी नदियां और उनकी शाखाएं अपने साथ भारी मात्रा में जलोढ़ मृदाओं को लाती है। भारत के महान मैदान इन नदियों द्वारा लाई गई उर्वर जलोढ़ मृदाओं के निक्षेपों से ही निर्मित है।

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5) जलविधुत उर्जा उत्पादन (hydroelectric power generation):– 

हिमालय पर्वत का महत्त्व जलविधुत उर्जा उत्पादन हिमालय पर्वत श्रेणी पनबिजली उत्पादन के लिए उपयुक्त अनेक स्थानों से भरा है, भाखड़ा-नांगल, तुलबुल, दुलहस्ती, टिहरी, बगलिहार इत्यादि हिमालय में स्थित महत्वपूर्ण पनबिजली परियोजनाएं हैं. Hydroelectric power generation आधुनिक भारत की जरूरतों में से एक हैं.

6) सदावाहिनी नदियों का स्रोत (source of ever-flowing rivers):– 

उत्तर भारत की अधिकांश नदियों का स्रोत हिमालय पर्वत में विद्यमान हिमनदो, झीलों या फिर झरनों से ही हैये नदियां भारत के करोड़ों लोगों के जीविकोपार्जन में बड़ी भूमिका निभाती है। सदावाहिनी नदियों के जरिये भारत की जायदातर जनसंख्या सिचाई का कम आसानी से कर पाती हैं. 

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7) फलोद्यान (orchard):– 

हिमालय अनेक महत्वपूर्ण फलों जैसे - सेब, नाशपती, पीच, चेरी, अखरोट, बादाम, आदि के फलोद्यानों के लिए जाना जाता है. हिमालय पर्वत भारत को आर्थिक सहयोग में भी मदद करता हैं. हिमालय पर्वत से आने वाली फसलो की मांग विदेशी बाजारों में भी महत्वपूर्ण मणि जाती हैं.

8) खनिज संसाधन (mineral resources):– 

हिमालय पर्वत का महत्व खनिज संसाधनो में भी देखते बनता हैं. हिमालय श्रेणियों में कई धात्विक एवं अधात्विक खनिजों की भी प्रचुरता है। जम्मू एवं कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखण्ड, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश के हिमालय क्षेत्रों में तांबा, शीशा, जस्ता, निकेल, सोना, चांदी, टंगस्टन, मैग्नेसाइट, चूना-पत्थर, बेशकीमती और अर्द्ध बेशकीमती रत्नों इत्यादि के भण्डार विद्यमान हैं। यद्यपि हिमालय की दुर्गमता इसके खनिज संसाधनों के दोहन में सबसे बड़ा अवरोध है.

9) प्राकृतिक सौन्दर्य (natural beauty)–

हिमालय प्राकृतिक सौन्दर्य के लिए विश्व में लोकप्रिय है। जब ग्रीष्मकाल में पड़ोसी मैदानी भाग झुलसाने वाली गर्मी में तपते हैं, तब हिमालय की ठंडी और आराम देने वाली जलवायु देशी एवं विदेशी सैलानियों को अपनी ओर आकर्षित करती है। इसी प्रकार शीतकाल में इसके बर्फ से ढके होने का सौन्दर्य भी सैलानियों के आकर्षण का एक महत्वपूर्ण कारण बनता है। श्रीनगर, गुलमर्ग, सोनमर्ग, वुलर-राऊंड, चंबा, डलहौजी, धर्मशाला, शिमला, कांगड़ा, कुल्लू, मनाली, नैनीताल, रानीखेत, अल्मोड़ा और दार्जिलिंग हिमालय के महत्वपूर्ण और लोकप्रिय पर्यटक स्थल हैं.

10) तीर्थाटन (pilgrimage):– 

पर्यटन के आकर्षक स्थलों के अतिरिक्त हिमालय अनेक धार्मिक केन्द्रों के लिए भी जाना जाता है, जो इसे तीर्थाटन के लिए भारत का एक महत्वपूर्ण क्षेत्र बनाता है। अमरनाथ, हजरतबल (श्रीनगर) कैलाश, वैष्णो देवी, केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री, ज्वालाजी आदि इसके महत्वपूर्ण तीर्थस्थल

पश्चिमी हिमालय का महत्त्व (Significance of Western Himalayas)

  • पश्चिमी हिमालय पश्चिम में सिन्धु नदी से काली नदी तक विस्तृत है। 
  • पश्चिमी हिमालय पूर्व हिमालय की अपेक्षा कम ऊँचा, लेकिन अधिक चौड़ा है। 
  • पश्चिमी हिमालय में औसत वार्षिक वर्षा 100 सेमी से कम होती है। 
  • पश्चिमी हिमालय की वनस्पति में मुख्यतः अल्पाइन तथा कोणधारी वन पाए जाते हैं। 
  • पश्चिमी हिमालय में जीवाश्म उपलब्ध नहीं होने के कारण पेट्रोलियम तथा प्राकृतिक गैस संसाधन नहीं पाए जाते हैं। 
  • पश्चिमी हिमालय हिमानियों के लिए प्रसिद्ध है, जिनसे अनेक नदियों का उद्गम होता है। 
  • पश्चिमी हिमालय वैश्विक स्तर भू-राजनीतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है। 
  • पश्चिमी हिमालय में हिमरेखा तुलनात्मक रूप से कम ऊँचाई पर पाई जाती है।

पूर्वी हिमाल का महत्त्व (Significance of East Himal)

  • पूर्वी हिमालय का विस्तार पूर्व में तीस्ता नदी से ब्रह्मपुत्र तक है। 
  • पूर्वी हिमालय अपेक्षाकृत अधिक ऊँचा, लेकिन कम चौड़ा है। 
  • माउन्ट एवरेस्ट तथा कंचनजंगा इसी में स्थित हैपूर्वी हिमालय में औसत वार्षिक वर्षा 200 सेमी से अधिक होती है। 
  • पूर्वी हिमालय में विस्तृत क्षेत्र पर घने सदाबहार वन पाए जाते हैं।
  •  पूर्वी हिमालय में जीवाश्म उपलब्ध होने के कारण पेट्रोलियम तथा प्राकृतिक गैस के भण्डार पाए जाते हैंपूर्वी हिमालय में हिमानियां कम पाई जाती हैं पूर्वी हिमालय का वैश्विक स्तर पर भू-राजनीतिक दृष्टिकोण से कम महत्व है। 
  • पूर्वी हिमालय में हिमरेखा अपेक्षाकृत अधिक ऊँचाई पर पाई जाती है।

आज के इस आर्टिकल मे हमने जाना हिमालय पर्वत का महत्व (The Significance of The Himalayas) के बारे में और साथ ही हिमालय पर्वत का महत्व भारत के लिए क्या-क्या हैं इसे भी जाना. इस आर्टिकल में हमने पश्चिमी हिमालय का महत्त्व (Significance of Western Himalayas) और पूर्वी हिमाल का महत्त्व (Significance of East Himal) भी जाना.

आशा करता हूँ कि यह आर्टिकल आपको पसंद आई होगी ,अगर आपको पोस्ट अच्छी लगे तो पोस्ट को शेयर जरुर करें। 

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