पुरखौती मुक्तांगन, रायपुर - छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक धरोहर - Purkhauti Muktangan, Raipur - Cultural Heritage of Chhattisgarh
पुरखौती मुक्तांगन रायपुर, छत्तीसगढ़ के सबसे महत्वपूर्ण सांस्कृतिक और पर्यटन स्थलों में से एक है। यह स्थल राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संजोए हुए है और इसे देखने हर साल हजारों पर्यटक आते हैं। यह जगह छत्तीसगढ़ की पारंपरिक लोककला, संस्कृति, जनजातीय जीवन, ऐतिहासिक धरोहर और लोकगीतों का बेहतरीन प्रदर्शन करती है।
पुरखौती मुक्तांगन का इतिहास और निर्माण
पुरखौती मुक्तांगन का उद्घाटन 2006 में भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम द्वारा किया गया था। यह स्थल नवा रायपुर (पुराना नाम: नया रायपुर) में स्थित है और इसे छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा विकसित किया गया था। इस स्थान का उद्देश्य छत्तीसगढ़ की पारंपरिक कला, संस्कृति, और ग्रामीण जीवन को संरक्षित करना और उसे बढ़ावा देना है।
पुरखौती मुक्तांगन में क्या-क्या देखने को मिलता है?
यह स्थल विभिन्न प्रकार की मूर्तियों, लोककला प्रदर्शनियों, झाँकियों और म्यूजियम के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ कुछ प्रमुख आकर्षण इस प्रकार हैं:
1. जनजातीय और ग्रामीण जीवन की झलक
पुरखौती मुक्तांगन में छत्तीसगढ़ के ग्रामीण जीवन और जनजातीय समुदायों को प्रदर्शित करने वाले मॉडलों और झाँकियों को देखा जा सकता है। यहाँ की मूर्तियाँ छत्तीसगढ़ की समृद्ध संस्कृति को दर्शाती हैं।
2. लोककला और मूर्तिकला
यहाँ विभिन्न पारंपरिक लोककला और मूर्तियों को देखने को मिलता है, जो छत्तीसगढ़ की कला और संस्कृति को जीवंत बनाते हैं।
3. ऐतिहासिक झाँकियाँ
यहाँ छत्तीसगढ़ के ऐतिहासिक एवं पौराणिक महत्व की झाँकियाँ बनाई गई हैं, जो दर्शकों को छत्तीसगढ़ की ऐतिहासिक घटनाओं की जानकारी देती हैं।
4. हरित परिवेश और प्राकृतिक सुंदरता
पुरखौती मुक्तांगन का वातावरण हरा-भरा और शांतिपूर्ण है, जो इसे एक बेहतरीन पिकनिक स्थल बनाता है।
5. छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध त्यौहार और संस्कारों की झलक
यहाँ छत्तीसगढ़ के प्रमुख त्योहारों और लोक संस्कृति की झलक देखने को मिलती है, जैसे कि गोंडी संस्कृति, कर्मा नृत्य, सुआ नृत्य, पंथी नृत्य आदि।
6. 3D मॉडल्स और ध्वनि-प्रकाश शो
यहाँ पर 3D मॉडल्स और ध्वनि-प्रकाश शो भी देखने को मिलते हैं, जो पर्यटकों को छत्तीसगढ़ के गौरवशाली अतीत से अवगत कराते हैं।
पुरखौती मुक्तांगन घूमने का सही समय
यहाँ आने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च के बीच होता है, क्योंकि इस दौरान मौसम सुहावना रहता है और भ्रमण के लिए उपयुक्त होता है।
पुरखौती मुक्तांगन की टाइमिंग और टिकट कीमत
खुलने का समय: सुबह 10:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक
बंद होने का दिन: हर सोमवार
टिकट शुल्क: सामान्य प्रवेश शुल्क ₹20-₹50 के बीच होता है। बच्चों और वरिष्ठ नागरिकों के लिए विशेष छूट दी जाती है।
पुरखौती मुक्तांगन कैसे पहुँचे?
1. हवाई मार्ग:
रायपुर का स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट यहाँ से लगभग 15 किमी की दूरी पर स्थित है।
2. रेल मार्ग:
रायपुर रेलवे स्टेशन से पुरखौती मुक्तांगन की दूरी लगभग 25 किमी है। स्टेशन से यहाँ टैक्सी या बस द्वारा पहुँचा जा सकता है।
3. सड़क मार्ग:
रायपुर से पुरखौती मुक्तांगन तक सड़क मार्ग द्वारा पहुँचना बहुत आसान है। बस, ऑटो, और कैब की सुविधा उपलब्ध है।
यहाँ जाने के फायदे और सुझाव
✅ यदि आप छत्तीसगढ़ की संस्कृति और इतिहास को करीब से जानना चाहते हैं, तो यह स्थान आपके लिए बेस्ट है।
✅ यहाँ आने से पहले मौसम की जानकारी ले लें, क्योंकि गर्मियों में यहाँ घूमना थोड़ा मुश्किल हो सकता है।
✅ अपने साथ पानी की बोतल और हल्का नाश्ता ले जाएँ, क्योंकि अंदर खाने-पीने की सीमित सुविधाएँ उपलब्ध हैं।
✅ बच्चों और परिवार के साथ आने के लिए यह एक परफेक्ट स्थान है।
निष्कर्ष
पुरखौती मुक्तांगन रायपुर का एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक स्थल है, जो छत्तीसगढ़ की समृद्ध विरासत को दर्शाता है। यदि आप रायपुर या छत्तीसगढ़ घूमने का प्लान बना रहे हैं, तो इस स्थल को अपनी लिस्ट में जरूर शामिल करें। यह न केवल शिक्षा और मनोरंजन का केंद्र है बल्कि छत्तीसगढ़ की संस्कृति को करीब से समझने का एक शानदार माध्यम भी है।
क्या आप पुरखौती मुक्तांगन घूम चुके हैं? अगर हाँ, तो अपने अनुभव हमें कमेंट में जरूर बताएं!
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