भारत के सांस्कृतिक स्थल ।Cultural places of India in Hindi ।

भारत के सांस्कृतिक स्थल ।Cultural places of India in Hindi।


आज के आर्टिकल में भारत के सांस्कृतिक स्थल के बारे में जानेंगे। भारत अपनी संस्कृति की विविधताओं के लिए जाना जाता है। भारत के सांस्कृतिक स्थल, भारत के गौरवशाली इतिहास और परम्पराओं से जुड़े हुए हैं। इन सांस्कृतिक स्थलों  में आपको भारतीय कला और संस्कृति की अनूठी झलक नजर आएगी ,जो हमेशा से ही पर्यटकों को आकर्षित करती रही है।साथ ही भारत के सांस्कृतिक स्थलों  में जाने से मनोरंजन के साथ-साथ भारतीय संस्कृति के बारे में जानकारी भी बढ़ जाएगी ।भारत के सांस्कृतिक स्थल के  बारे में अच्छे से जानने के लिए इस पोस्ट को पूरा जरुर पढ़ें।
                          भारत के सांस्कृतिक स्थल  से जुड़े सवाल अक्सर प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे-UPSC,STATE PCS,RRB,NTPC,RAILWAY,UGC NET/JRF,SSC,BANKING PO, BANKING CLERK एवं अन्य भर्ती परीक्षाओं में पूछे जाते  हैं। इसलिए परीक्षा की दृष्टि से भी  भारत के सांस्कृतिक स्थल एक महत्वपूर्ण टॉपिक है।
भारत के सांस्कृतिक स्थान ।Cultural places of India in Hindi ।


भारत के सांस्कृतिक स्थान (Cultural places of India) -

अजमेर: यह राजस्थान में स्थित हैं तथा इसे पुष्कर झील, पुष्कर मंदिर, मुस्लिम संत शेख मोईनुद्दीन चिश्ती के मकबरे, अकबर के महलों व अन्य विख्यात ऐतिहासिक भवनों के लिए जाना जाता हैं।

अलीगढ़: यह उत्तर प्रदेश में स्थित हैं जो अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कारण मुस्लिम संस्कृति का महत्त्वपूर्ण केन्द्र बन गया हैं। किलों के भग्नावशेषों में प्राचीन हिंदू और बौद्ध मंदिर पाए गए हैं। यह अपने तालों और पीतल उद्योग के लिए भी प्रसिद्ध हैं।

बद्रीनाथ: यह उत्तराखंड में हिमालय में स्थित हैं। यह हिन्दुओं का प्रमुख तीर्थ-स्थल हैं तथा इसे चार धामों में से एक धाम माना गया हैं।

वाराणसी (बनारस): हिन्दुओं की महत्त्वपूर्ण तीर्थनगरी वाराणसी उत्तर प्रदेश में स्थित हैं। यह गंगा के तट पर बसा हैं और सदियों से संस्कृति एवं शिक्षण का केन्द्र रहा हैं। यह अपने मंदिरों, अस्थिपात्रों, घाटों, पंडों और भिखारियों के लिए जाना जाता हैं। इसे बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के कारण भी जाना जाता हैं जो राष्ट्रीय गतिविधियों का प्रमुख केन्द्र हैं। यह अपनी सिल्क की साड़ियों के लिए भी विख्यात हैं.

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दक्षिणेश्वर: यह पश्चिम बंगाल में कोलकाता में स्थित हैं। तथा इसे काली मंदिर के पुजारी रामकृष्ण परमहंस के लिए जाना जाता हैं। उनके विख्यात शिष्य विवेकानंद ने राष्ट्रवाद, प्रेम और समर्पण का संदेश प्रसारित किया।

अमृतसर: पंजाब में स्थित यह सिखों का सबसे महत्त्वपूर्ण धार्मिक केन्द्र हैं। यह स्वर्ण मंदिर, दुर्गीयाना मंदिर और 1919 के जलियां वाला बाग नर संहार के लिए विख्यात हैं।

आगरा: यह उत्तर प्रदेश में स्थित हैं। यह पर्यटकों के सबसे पसंदीदा स्थलों में एक हैं। यह मुगल सम्राटों की राजधानी रहा हैं, अतः यहां वास्तुशिल्प के विरासतों की भरमार हैं। यहां के प्रमुख स्मारक हैं, ताजमहल, आगरा का किला, सिकंदराबाद (अकबर का मकबरा), इत्मतउद्दौला का मकबरा, जामा मस्जिद, फतेहपुर सीकरी और दयालबाग। यह स्थान हस्तशिल्प, पत्थर की कारीगरी, कालीनों, जूतों और शीशे के उद्योगों के लिए भी विख्यात हैं।

आगा खान महल: यह स्थान पुणे, महाराष्ट्र स्थित हैं में जहां स्वतंत्रता संग्राम के दौरान महात्मा गांधी को उनकी पत्नी सहित जेल में डाला गया था।

अजंता: यह महाराष्ट्र में औरंगाबाद के निकट स्थित हैं और यह अपने गुफा मंदिरों के लिए प्रसिद्ध हैं जिसमें से कई तो ईसापूर्व दूसरी शताब्दी के हैं। इन गुफाओं में बुद्ध जातकों तथा बुद्ध की शिक्षाओं को उकेरने वाले अनेकानेक आकर्षक भित्तिचित्र और मूर्तियां बनी हुई हैं। ये भित्तिचित्र विश्व श्रेणी के हैं।

एलोरा: महाराष्ट्र में औरंगाबाद के निकट स्थित यह स्थान अपने 34 गुफा मंदिरों के लिए विख्यात हैं जिसमें एक मंदिर चट्टानों को काटकर बनाया गया सबसे विशाल मंदिर हैं। यहां 12 बौद्ध, 17 हिन्दू तथा 5 जैन मंदिर गुफाएं हैं। इन मंदिरों को विश्व की विरासत ठहराया गया हैं.

एलीफेंटा की गुफाएं: महाराष्ट्र में मुंबई के तटों पर बनी एलोरा की गुफाएं हिन्दू देवताओं की बेहतरीन मूर्तियों के लिए जानी जाती हैं।

फतेहपुर सीकरी: यह स्थान उत्तर प्रदेश में आगरा के निकट स्थित हैं। इस स्थान को अकबर द्वारा बनाए गए अनेक महलों के लिए जाना जाता हैं। यहां की प्रमुख इमारतों में शामिल हैं बुलंद दरवाजा, जामा मस्जिद, पंचमहल, दीवाने खास, खास महल, जोधाबाई और बेगम मरियम के महल आदि।

मथुरा: यह स्थान उत्तर प्रदेश में स्थित हैं तथा इसे हिन्दुओं के देवता कृष्ण की जन्मस्थली के रूप में जाना जाता हैं। यहां अनेकों बेहतरीन मंदिर बने हुए हैं जिनका ऐतिहासिक धरोहरों के रूप में खासा महत्त्व हैं।

मदुरई: तमिलनाडु में स्थित यह स्थल मीनाक्षी मंदिर के लिए विख्यात हैं। यह प्राचीन काल में धर्म और शिक्षा का प्रमुख केन्द्र था। मीनाक्षी मंदिर को इसकी 850 फीट की ऊंचाई तथा एक हजार पायों और गोपुरम वाले हाल के लिए जाना जाता हैं।

मैसूर: कर्नाटक में स्थित इस स्थल को इसके महलों के लिए, वृंदावन के लिए, दशहरा उत्सव सिल्क, चंदन उत्पादों और नंदी बैल के लिए जाना जाता हैं। यह स्थान हैंदरअली और टीपू - सुल्तान की राजधानी रहा हैं अतः इसका काफी ऐतिहासिक महत्त्व भी हैं।

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नालंदा: बिहार में पटना के निकट यह स्थल प्राचीन काल में शिक्षा का प्रमुख केन्द्र रहा हैं। गुप्त शासनकाल में चीनी पर्यटक ह्वेनसांग यहां आया था। यहां एक विशाल लाइब्रेरी तथा भवन था। इस स्थल ने दुनिया भर के शिक्षकों और विद्यार्थियों को आकृष्ट किया।

गोवा: पश्चिमी तट पर बसा यह पूर्ववर्ती पुर्तगाली उपनिवेश अपने चर्चों, महलों और समुद्री तटों के लिए जाना जाता। यह स्थान पर्यटकों के आकर्षण का प्रमुख केन्द्र हैं तथा प्रमुख बंदरगाह और शिपयार्ड होने के कारण इसका वाणिज्यिक महत्त्व भी हैं।

खजुराहो: मध्य प्रदेश में छत्तरपुर स्थित इस स्थल को इसके मंदिरों के लिए जाना जाता हैं जो सांस्कृतिक महत्त्व के हैं तथा जिनका स्थापत्य की दृष्टि से भी विशेष महत्त्व हैं। इन पत्थरों को ग्खूबसूरत मूर्तियों से सजाया गया हैं जो प्रेम व काम में लिप्त हैं।

कोणार्क: उड़ीसा में पुरी स्थित यह स्थल पर्यटकों को आकृष्ट करने वाला प्रमुख केन्द्र हैं। यह अपने सूर्य मंदिर के लिए प्रसिद्ध हैं जो स्थापत्य एवं मूर्तिकला का उत्कृष्ट नमूना हैं।

पुरी: पुरी उड़ीसा में स्थित हैं जो हिन्दुओं के चार धामों में से एक हैं। 11 वीं सदी में बना जगन्नाथ मंदिर वास्तुशिल्प का उत्कृष्ट नमूना हैं। यहां के आकर्षक समुद्रतटों का लुत्फ उठाने प्रति वर्ष यहां लाखों पर्यटक आते हैं।

पुडुचेरी: दक्षिण भारत के पूर्वी तट पर बसे इस शहर में फ्रांसीसी स्थापत्य कला का प्रदर्शन करने वाली शानदार इमारतें हैं। यह स्थान अरविन्द आश्रम और अरोविली के लिए भी जाना जाता हैं।

सारनाथ: उत्तर प्रदेश में बनारस के निकट यह स्थल प्राचीन पुरातात्विक स्थल हैं। यह आठ महान् बौद्ध मठों में से एक हैं। निर्वाण प्राप्त करने के बाद बुद्ध ने अपना पहला उपदेश यहीं दिया था।

उज्जैन: मध्य प्रदेश में इंदौर के निकट स्थित यह स्थल हिन्दुओं का प्रमुख तीर्थस्थल हैं। प्रत्येक 12 वर्ष बाद यहां कुम्भ मेला लगता हैं। यह एक प्रमुख व्यापारिक तथा औद्योगिक केन्द्र भी हैं।

शांति निकेतन: पश्चिम बंगाल के वीरभूमि में स्थित इस स्थल पर रबीन्द्रनाथ टैगौर ने एक शिक्षा केन्द्र की शुरुआत की थी। यहां 1922 में विश्व भारती विश्वविद्यालय अस्तित्व में आया जो मानविकी और ललित कलाओं में शिक्षा प्रदान करता हैं।

तंजौर: तमिलनाडु में स्थित इस स्थल को विशाल शिवमंदि परिसरों के लिए जाना जाता हैं। चोल साम्राज्य और उसके उत्तराधिकारी शासकों के शासनकाल के दौरान यह एक प्रमुख शहर रहा हैं, यह स्थान सिल्क और सूती की बुनायी, संगीत उपकरणों के निर्माण, द्र ज्वेलरी, तांबा के कार्यों तथा अन्य हस्तशिल्प वस्तुओं के लिए क प्रसिद्ध हैं।

आज के इस पोस्ट मे आपने  भारत के सांस्कृतिक स्थल से जुडी महत्वपूर्ण जानकारी के बारे में जाना ,जो प्रतियोगी परीक्षाओं की दृष्टि से तो महत्वपूर्ण है ही साथ ही भारतीय संस्कृति की विरासत और इतिहास की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण हो जाता है ।

आशा करता हूँ कि भारत के सांस्कृतिक स्थल  से जुड़ा यह पोस्ट आपके लिये उपयोगी साबित होगा। यदि आपको पोस्ट अच्छी लगे तो पोस्ट को शेयर जरुर करें।

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