भारत में कृषि के प्रमुख प्रकार | Major types of agriculture in India in Hindi।

भारत में कृषि के प्रमुख प्रकार (Major types of agriculture in India)

आज के इस आर्टिकल में भारत में कृषि के प्रमुख प्रकार  के बारे में जानेंगे। भारत एक कृषि प्रधान देश है। भारत की अर्थव्यवस्था में बहुत बड़ा योगदान कृषि का माना जाता है। चूँकि भारत एक गांवों का देश है इसलिए भारत में कृषि पर निर्भरता अधिक है।  विश्व में कृषि विभिन्न तरीकों से की जाती है। भौगोलिक दशाओं, उत्पाद की माँग, श्रम और प्रौद्योगिकी के स्तर के आधार पर कृषि विभिन्न प्रकार से की जाती है। इस पोस्ट में हम भारत में की जाने वाली प्रमुख कृषि के प्रकारों के बारे में जानेंगे।

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भारत में कृषि के प्रमुख छः प्रकार हैं -

    1. निर्वाह कृषि (Subsistence Agriculture)

    • इस प्रकार की कृषि कृषक परिवार की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए की जाती है। 
    • पारंपरिक रूप से कम उपज प्राप्त करने के लिए निम्न स्तरीय प्रौद्योगिकी और पारिवारिक श्रम का उपयोग किया जाता है" 
    • निर्वाह कृषि को पुनः गहन निर्वाह कृषि और आदिम निर्वाह कृषि में वर्गीकृत किया जा सकता है। 
    • गहन निर्वाह कृषि (Intensive Subsistence Agriculture)–
    • गहन निर्वाह कृषि में किसान एक छोटे भूखंड पर साधारण औजारों और अधिक श्रम से खेती करता है.
    • अधिक धूप वाले दिनों से युक्त जलवायु और उर्वर मृदा वाले खेत में, एक वर्ष में एक से अधिक फसलें उगाई जा सकती हैं.
    • चावल मुख्य फसल होती हैअन्य फसलों में गेहूँ, मक्का, दलहन और तिलहन शामिल हैं.
    • गहन निर्वाह कृषि दक्षिणी, दक्षिण-पूर्वी और पूर्वी एशिया के सघन जनसंख्या वाले मानसूनी प्रदेशों में प्रचलित है। 
    • आदिम निर्वाह कृषि में स्थानांतरी कृषि और चलवासी पशुचारण शामिल है.

    2. रोपण या बागानी कृषि (Plantation or plantation Agriculture)

    • यह कृषि का बहुत ही विशिष्टीकृत रूप है, रोपण कृषि के अंतर्गत सैकड़ों हेक्टेयर भूमि में कहवा, चाय, मसाले और रबड़ की फसलें पैदा की जाती हैं।
    • इन फसलों को मुख्य रूप से निर्यात के लिए ही पैदा किया जाता है. 
    • रोपण कृषि में भारी मात्रा में पूँजी लगाई जाती है और बहुत बड़ी संख्या में श्रमिकों की आवश्यकता होती है। " रोपण कृषि मलेशिया, भारत, श्रीलंका आदि देशों के कुछ भागों में की जाती हैं.

    3. स्थानबद्ध कृषि (Allied Agriculture)

    • यह स्थानांतरी कृषि के बिल्कुल विपरीत है। इसके अन्तर्गत किसी भी स्थान पर रहने वाले किसान और उसके परिवार द्वारा स्थायी रूप से मिलजुल कर कृषि कार्य किया जाता है। 
    • इस प्रकार की कृषि में भूमि के किसी भाग पर फसलों को अदल बदल कर बोया जाता है, जिससे भूमि की उर्वरता बनी रहती है।

    4. रहता विस्तृत कृषि (Extensive Agriculture)

    • बहुत बड़े आकार वाले खेतों पर यान्त्रिक विधियों से सम्पन्न होने वाले कृषि को विस्तृत कृषि कहते हैं। 
    • इस कृषि में श्रमिकों का उपयोग कम होता हैलेकिन प्रति व्यक्ति उत्पादन की मात्रा अधिक होती है" 
    • इसमें प्रति हैक्टेयर उत्पादन कम होता है, लेकिन कुल उत्पादन बहुत ज्यादा होता है। 
    • कम जनसंख्या वाले क्षेत्रों में इस प्रकार की खेती होती है, क्योंकि ऐसे प्रदेशों में कृषि भूमि अधिक होती है.
    • इस प्रकार की खेती में संयुक्त राज्य अमेरिका का मध्यवर्ती और पश्चिमी मैदानी भाग, कनाडा का प्रेयरी क्षेत्र, अर्जेण्टीना का पम्पास क्षेत्र, आस्ट्रेलिया का डाऊस क्षेत्र और भूतपर्व सोवियत संघ के स्टेपी क्षेत्र को शामिल किया जाता है।

    5. मिश्रित कृषि (Mixed Farming)

    • यह वह कृषि है जिसमें कृषि-कार्यों के साथ-साथ पशुपालन का कार्य भी किया जाता है। 
    • इस कृषि का सम्बन्ध सघन जनसंख्या वाले क्षेत्रों से है जिनमें किसान अपनी आय बढ़ाने के लिए कृषि के साथ-साथ आधुनिक ढंग से पशुपालन भी करता है.
    • इस प्रकार की कृषि सम्पूर्ण यूरोप, संयुक्त राज्य अमेरिका के पूर्वी भाग तथा अर्जेण्टीना के पम्पास क्षेत्र में होती है.
    • इसमें किसान एक ही साथ कई फसलों की खेती करते हैं ताकि एक फसल पर निर्भर रहने का जोखिम कम हो सके। 
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    6. भूमध्यसागरीय कृषि (Mediterranean agriculture)

    • भूमध्यसागरीय क्षेत्र में शीत ऋतु में वर्षा होती है एवं ग्रीष्म ऋतु में सूखा रहता है। यहाँ विविध प्रकार की कृषि का विकास हुआ है। 
    • इस प्रकार की कृषि इसी अक्षांश के अर्ध शुष्क एवं शुष्क मरुस्थलीय सिंचित क्षेत्रों में भी पाई जाती है। 
    • यहां पर कृषि काफी गहन, विशेषीकृत एवं विविध फसली है" यहाँ निर्वाहन कृषि व्यावसायिक कृषि के साथ-साथ पाई जाती है। 
    • गेहूँ, जौ एवं सब्जियाँ घरेलू उपयोग के लिए उगाई जाती हैं, जबकि रसदार फल, जैतून एवं अंगूर की कृषि मुख्यतः निर्यात के लिए की जाती है।
    आज के इस आर्टिकल में भारत में कृषि के प्रमुख प्रकार के बारे में जाना। चूँकि भारत की अर्थव्यवस्था में कृषि का बहुत बड़ा योगदान है ।इसलिए हमें भारत में होने वाली विभिन्न प्रकार की कृषि के बारे में अवश्य जानना चाहिए ।

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