Hot Posts

6/recent/ticker-posts

प्रथम विश्व युद्ध के परिणाम (Consequences of First World War in Hindi)

प्रथम विश्वयुद्ध के परिणाम (Consequences of first world war) 

आज के इस आर्टिकल में प्रथम विश्व युद्ध के परिणाम के बारे में जानेंगे। प्रथम विश्व युद्ध 1914 से  1918 तक चला जिसमे लाखों लोंगो ने अपने जान गँवा दिए। वैसे तो प्रथम विश्व युद्ध के अनेक कारण थे परन्तु प्रमुख तात्कालिक कारण आस्ट्रिया- हंगरी  के उत्तराधिकारी के एक नागरिक द्वारा हत्या करना था।

आस्ट्रिया ने इसका दोषी सर्बिया को माना। और इसके बाद युद्ध का आरम्भ हो गया और धीरे-धीरे इसमें अनेक देश भाग लेते चले गए। और अंतत: यह एक विश्व युद्ध में तब्दील हो गया। आज के पोस्ट में हम इसी प्रथम विश्व युद्ध से हुए परिणाम के बारे में जानने वाले हैं। प्रथम विश्व युद्ध से जुड़े प्रश्न विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में भी पूछे जाते हैं।

प्रथम विश्व युद्ध: यह एक वैश्विक युद्ध था जो 28 जुलाई 1914 से 11 नवंबर 1918 तक चला था। इसे WW1 (World War First) भी कहा जाता है।

प्रथम विश्वयुद्ध के परिणाम


     साम्राज्य विघटनः 

    • प्रथम विश्वयुद्ध का तात्कालिक परिणाम यह हुआ कि इसने जर्मनी, ऑस्ट्रिया तथा तुर्की साम्राज्यों को छिन्न-भिन्न कर दिया। फलतः यूरोप में अनेक नए देश अस्तित्व में आए, जैसे-यूगोस्लाविया, हंगरी, रोमानिया आदि।

     निरंकुश शासकों का अंत एवं गणराज्यों की स्थापनाः 

    • युद्ध के दौरान ही रूस में साम्यवादी क्रांति हुई जिसके कारण वहां जारशाही का अंत हो गया और रोमोनेव राजवंश समाप्त हो गया, साथ ही युद्ध के पश्चात् जर्मनी में होहेनजोलन और ऑस्ट्रिया-हंगरी में हैप्सवर्ग राजवंश का अंत हो गया।
    • युद्ध के सात वर्ष पश्चात् तुर्की के निरंकुश शासन का भी अंत हो गया। अतः हम प्रथम विश्वयुद्ध को एक क्रांति के रूप में देख सकते हैं, जिसने विभिन्न निरंकुश राजवंशों का अंत कर दिया।
    • युद्ध के पश्चात् यूरोप के विभिन्न देशों में लोकतांत्रिक शासन प्रणाली अस्तित्व में आई जैसे-रूस, जर्मनी, पोलैण्ड, ऑस्ट्रिया, लिथुआनिया, लाटविया, चेकोस्लोवाकिया, फिनलैंड आदि। 

     रूसी क्रांति :

    • प्रथम विश्वयुद्ध के 6 देशों में ही रूस में सफल बोल्शेविक क्रांति हुई एवं वहां साम्यवादी सरकार सत्ता में आई।
    • यह क्रांति साम्राज्यवाद की जबर्दस्त विरोधी थीवास्तव में यह सरकार परतंत्र जातियों को वैचारिक स्तर पर मदद की पक्षधर थी।
    • स्वाभाविक रूप से पूंजीवादी देश इसके विरोधी के रूप में सामने आए। परन्तु, सभी परतंत्र जातियां अपनी स्वाधीनता हेतु सोवियत संघ की ओर आकृष्ट हुई।
    >>द्वितीय विश्व युद्ध के परिणाम

     अधिनायकवाद का उदय : 

    • युद्धकाल में युद्ध को भलीभांति संचालित करने हेतु यूरोपीय देशों की में सरकारें काफी शक्तिशाली रूप में उभरी।
    • युद्ध पश्चात् की परिस्थिति हेतु यह शक्ति और भी आवश्यक समझी जाने लगी। राजनीतिक नेता देश की भलाई, सुरक्षा, एवं उन्नति की दुहाई देकर असीम अधिकारों का उपभोग करने लगे। 
    • इसी आधार पर इटली, स्पेन, जर्मनी रूस आदि देशों में मुख्य राजनीतिक दलों का शासन स्थापित हुआ।
    • इतना ही नहीं, इस स्थिति ने और भी परिवर्तित रूप से मुसोलिनी एवं हिटलर को आगे बढ़ने का मार्ग प्रशस्त किया।

     अमेरिका की महत्ता में वृद्धि : 

    • प्रथम विश्वयुद्ध के परिणामस्वरूप यूरोपीय देशों का प्रभुत्व समाप्त हो गया। चूंकि युद्ध में खर्च होने वाले अतिशय धन के कारण यूरोपीय देशों को संयुक्त राज्य अमेरिका से भारी मात्रा में कर्ज लेना। 
    • फलतः युद्ध पश्चात् अमेरिका का प्रभाव बढ़ गया। इससे फ्रांस, जर्मनी, इंगलैंड आदि देशों का महत्त्व एवं अमेरिका का विश्व शक्ति के रूप में उदय हुआ।
    >>द्वितीय विश्व युद्ध की महत्त्वपूर्ण घटनाएं

    राष्ट्रसंघ की स्थापना : 

    • युद्ध पश्चात अंतर्राष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा की आवश्यकता को महसूस करते हुए अंतर्राष्ट्रीय संगठन के रूप में राष्ट्रसंघ की स्थापना हुई। इसकी स्थापना में अमेरिकी राष्ट्रपति वुडरो विल्सन की महान भूमिका रही। 

     वैज्ञानिक आविष्कार :

    • युद्ध काल में कई आविष्कार हुए। यह युद्ध, केमिस्टो का युद्ध' था। अर्थात् इस युद्ध में रसायनों का व्यापक प्रयोग किया गया था। 
    • सैन्य प्रौद्योगिक के विकास ने वैज्ञानिक आविष्कार हेतु उत्प्रेरक का काम किया। 
    • हवाई जहाजों, पनडुब्बियों सहित जहरीली गैसों एवं विभिन्न औषधिायों की खोज हुई। फलतः विज्ञान के क्षेत्र में विशेष प्रगति दर्ज की गई।

     राष्ट्रीयता की विजय : 

    • युद्ध पश्चात् हुए वर्साय की संधि के तहत राष्ट्रीयता के सिद्धान्त को स्वीकार किया गया।
    • इस सिद्धान्त के आधार पर यूरोप में कुल आठ नए देशों का निर्माण हुआ जैसे-हंगरी, चेकोस्लोवाकिया, पोलैण्ड, फिनलैंड, लिथुआनिया आदि। 
    • इसके बावजूद भी विश्व में ऐसे देश थे जहां इन सिद्धान्तों को मान्यता नहीं दी गई जैसे आयरलैंड, मिस्त्र, भारत आदि जिस पर इंगलैंड काफिलीपीन्स पर अमेरिका का एवं कोरिया पर जापान का अधिकार थाइतना ही नहीं, अफ्रीकी क्षेत्रों में यूरोपवासियों के विशाल औपनिवेशिक क्षेत्र थेसांप की स्थापना हुई।

    सामाजिक परिणाम :

    • प्रथम विश्वयुद्ध के क्रम में एवं उसके पश्चात् महिलाओं की तत्कालीन स्थिति में व्यापक सुधार हुआ। 
    • युद्ध में सैनिक कार्यों में पुरूषों की भागीदारी के कारण कृषि, उद्योग एवं विभिन्न व्यवसायों में पुरूषों की कमी हो गई।
    • इसका परिणाम यह हुआ कि इन कार्य क्षेत्रों में स्त्रियों की सहभागिता में व्यापक वृद्धि हुई। 
    • युद्ध पश्चात् महिलाओं को राजनैतिक अधिकार भी मिले जिसका एक प्रमुख उदाहरण था इंगलैंड में 1918 में 30 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं को मताधिकार मिला। विश्वयुद्ध के फलस्वरूप अंतर्राष्ट्रीय सामाजिक समानता का विकास हुआ।
    • युद्धकाल में अनेक देशों के लोग रंग एवं नस्ली भेदभाव से ऊपर उठकर साथ-साथ लड़े थेफलतः तीव्र जातीय कटुता में कमी आना स्वाभाविक थाइसके अलावा युद्ध पश्चात् राजनीति में सर्वहारा का महत्त्व काफी बढ़ गया, क्योंकि युद्ध के क्रम में मजदूरों ने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभायी थी। 
    • इसी परिप्रेक्ष्य में समाजवादी विचारधारा का उदय तथा विकास हुआ। युद्धकाल में महत्त्वपूर्ण उद्योगों को सरकार ने अपने अधिकार में ले लिया और इस रूप में राजकीय समाजवादी विचारधारा का प्रसार किया। 
    • श्रमिकों द्वारा श्रमिक हित की प्राप्ति हेतु कतिपय प्रयास किए गए। अनेक श्रमिक संगठन बने।
    • यह एक ऐसी प्रवृत्ति थी जो राष्ट्रसंघ 'अतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन' के रूप में सामने आई।
    • यह संगठन अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर श्रमिकों के कल्याण जैसे विषयों पर केन्द्रित थाविश्वयुद्ध के पश्चात् शिक्षा के क्षेत्र में भी व्यापक विस्तार दर्ज किया गया। 
    • इसके अंतर्गत ब्रिटेन में प्राथमिक शिक्षा पर विशेष जोर देते हुए। 14 वर्ष की आयु वर्ग तक के बच्चों को शिक्षा देना आवश्यक कर दिया गया। 
    • इसी तरह फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान आदि जैसे देशों में भी शिक्षा के चहुमुखी विकास पर विशेष ध्यान दिया गया।
    आज के आर्टिकल में हमने प्रथम विश्व युद्ध के परिणाम के बारे में विस्तार से जाना। अक्सर  प्रतियोगी परीक्षाओं में  प्रथम विश्व युद्ध से जुड़े प्रश्न पूछे जाते हैं। आज का यह आर्टिकल इसी आवश्यकता को ध्यान में रखकर लिखा गया है।
    आशा करता हूँ कि प्रथम विश्व युद्ध के परिणाम पोस्ट आपके लिए उपयोगी साबित होगी अगर आपको पोस्ट पसंद आये तो पोस्ट को शेयर अवश्य करें।

    Post a Comment

    0 Comments

    Join Our WhatsApp Channel

    Stay updated with latest jobs news and updates!

    हमारे व्हाट्सएप चैनल से जुड़ें और ताजा खबरें पाएं!