पर्यावरण से जुड़े महत्वपूर्ण व्यक्ति | Important Person Related to Environment
आज के इस पोस्ट में पर्यावरण से जुड़े महत्वपूर्ण व्यक्तियों के बारे में जानेंगे। पर्यावरण (Environment) : पर्यावरण शब्द का निर्माण दो शब्दों से मिल कर हुआ है। "परि" जो हमारे चारों ओर है"आवरण" जो हमें चारों ओर से घेरे हुए है,अर्थात पर्यावरण का शाब्दिक अर्थ होता है चारों ओर से घेरे हुए। परिक्षापयोगी दृष्टिकोण से भी यह सूची महत्वपूर्ण है।
पर्यावरण की परिभाषा जो भी रहे आपको यह पता होना चाहिए की "पर्यावरण मतलब हमारा जीवन"। पर्यावरण ठीक है तो हम है वरना हमारा भी अस्तित्व खतरे में आ जाएगी। इसलिए पर्यावरण को बचाने के लिए समय समय पर बहुत से लोगो ने बहुत से काम किये है करते आ रहे है। उनमे से कुछ प्रमुख लोगो के नाम हम आपको बता रहे है। अगर आप भी पर्यावरण के लिए कुछ अच्छा कर रहे है तो आपका भी नाम किसी दिन इस लिस्ट में ऐड हो जायेगा।
पर्यावरण की परिभाषा : "पर्यावरण को वातावरण या स्थिति (Climate) के रूप में परिभाषित किया जा सकता है जिसमें एक व्यक्ति, जीव, या पौधे रहते हैं या कार्य करते हैं।"
अंतर्राष्ट्रीय स्तर में पर्यावरण से जुड़े महत्वपूर्ण व्यक्ति
बंगारी मथाई -
- 1970 के दशक में ग्रीन बेल्ट आंदोलन।
- वर्ष 2009 में शांति का नोबल पुरस्कार।
- केन्या की सामाजिक कार्यकर्ता एवं पर्यावरणविद् आरंभ किया।
अल-गोर -
- 'एलायन्स फॉर क्लाइमेट' संगठन की स्थापना।
- अमेरिका के उपराष्ट्रपति (1993-2001) रहे, वर्ष 2007 स्थापना में आईपीसीसी के साथ संयुक्त रूप से शाति का नोबल पुरस्कार प्राप्त किया।
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राष्ट्रीय स्तर में पर्यावरण से जुड़े महत्वपूर्ण व्यक्ति
सुंदरलाल बहुगुणा -
- जंगलों को बचाने के लिए उत्तराखंड में भूकंप प्रभावित क्षेत्र टिहरी में बाँध बांधने का भी विरोध क्षेत्रीय जनता के सहयोग से "चिपको किया आन्दोलन" प्रारंभ किया।
श्रीमती इंदिरा गाँधी -
- देश में बाघ संरक्षण परियोजना का प्रारंभ उनकी ही देन है।
- 'वन्यजीवन संरक्षण अधिनियम' उन्हीं के प्रधानमंत्रित्व काल में अस्तित्व में आया।
सलीम अली -
- पक्षी विज्ञान एवं जैव विविधता के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान
- बुक ऑन इण्डियन बर्ड्स उनकी चर्चित कृति है।
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सुनीता नारायाण -
- पर्यावरण पर पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभावों पर शोध कार्य।
- पर्यावरण पर केन्द्रित अंग्रेजी पत्रिका "डाउन टू अर्थ' की प्रकाशक एवं सेंटर फॉर साइंस एंड इनवायरमेंट नामक संस्था से भी संबद्धता है। पद्मश्री एवं स्टॉकहोम वॉटर पुरस्कार से से सम्मानित।
अनिल अग्रवाल -
- 982 में उन्होंने " स्टेट ऑफ इंडियाज इनवायरमेंट" पर पहली रिपोर्ट लिखी।
मेधा पाटकर -
- नर्मदा बचाओ आंदोलन के लिए मुख्य रूप से जानी जाती हैं।
- पर्यावरण संरक्षण के प्रतिष्ठित पुरस्कार गोल्ड इनवायरमेंट प्राइज से सम्मानित।
वंदना शिवा -
- ऑल्टर ग्लोबाइलाइजेशन मूवमेंट एवं ग्लोबल इकोफेमिनिस्ट आंदोलन की प्रेणता।
- पर्यावरण क्षेत्र के प्रसिद्ध पुरस्कारों से सम्मानित एवं पर्यावरण पर अनेक पुस्तकों की लेखिका भी है।
गौरा देवी -
- चिपको आंदोलन से जुड़कर महिलाओं को पर्यावरण के बचाव में आगे आने को प्रेरित किया।
- किसी भी प्रकार की औपचारिक शिक्षा न प्राप्त कर सकने के बावजूद भी लोगों के समक्ष पर्यावरण प्रेम का आदर्श प्रस्तुत किया।
एम. सी मेहता -
- पर्यावरण के कानूनी पैरोकार है और पर्यावरण संरक्षण के लिए जनहित याचिकाएं दायर कर इस क्षेत्र में कानूनी चेतना बढ़ाने तथा कानूनी लड़ाई लड़ने का काम कर रहे हैं।
- अपनी याचिकाओं के माध्यम से विद्यालयों और महाविद्यालयों में पर्यावरण शिक्षा की शुरूआत के लिए सरकार को प्रेरित किया एवं गंगा की सफाई एवं ताजमहल संरक्षण के विशेष प्रयास किये।
माधव गाडगिल -
- जैव विविधता के रजिस्टरों को विकसित करने तथा पवित्र वाटिकाओं के संरक्षण में अप्रतिम योगदान
- पर्यावरण शास्त्री के साथ-साथ पर्यावरण पर अनेक पुस्तकें लिख चुके हैं।
एम. एम. स्वामीनाथन -
- जाने माने कृषि वैज्ञानिक
- जैव विविधता के संरक्षण के लिए कार्यरत "स्वामीनाथन अनुसंधान प्रतिष्ठा, चेन्नई के संस्थापक भी
आर. के. पचौरी -
- मशहूर पर्यावरणविद्
- IPCC के अध्यक्ष व TERI के महानिदेशक भी है IPCC को नोबल पुरस्कार मिल चुका है।
राजेन्द्र सिंह -
- गंगा को प्रदूषण मुक्त करने में विशेष योगदान
- मैग्सेसे पुरस्कार विजेता एवं वॉटर मैन के नाम से प्रसिद्ध हैं।
चण्डी प्रसाद भट्ट -
- चिपको आंदोलन में भाग लिया।
- में 1982 में रमन मैग्सेसे अवार्ड से सम्मानित, वर्ष 2005 पद्म विभूषण तथा वर्ष 2013 में गांधी शांति पुरस्कार प्राप्त।